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मूरखमंच ,…..सादर प्रणाम कलामजी !….(२)

हमार देश
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आगे ….

बैठा युवा भी वार्ता में कूदा ……………..“..प्रणाम ठीक है ,…लेकिन उनको प्रणाम से का काम !…….पूरी दुनिया कलाम को सलाम करती है ,……वही दुनिया के तमाम नेता अभिनेता बुद्धिजीवी लोग क्रूर हत्यारे याकूब मेमन की फांसी पर अलग से मातमपुर्सी करती है !……किनको उससे हमदर्दी है ,…ऊ इंसान कहाने लायक हैं या भगवान से ऊपर की कौनो प्रजाति हैं !!………आत्मस्थित मानवो आतंकी से एक आध पल की हमदर्दी कर सकता है ,…बस !…….ये लोग वोट नोट खातिर फर्जी मानवता का ढ़ोल पीटते हैं … आतंकी धमाकों हमलों में मरने वाले इंसान उनको बेकार अंडा लगते हैं !…..स्पष्ट न्याय में इतना रुकावट काहे डालते हैं !…”

चश्मे वाला भाई आगे बोला ……….“…उनका काम उनका नसीब जाने ….आतंकी धारा से दुनिया में बहुत खौफ है …….दुनिया इससे निजात चाहती है ,…..प्रेम और प्रतिरोध दोनों से काम होगा ,….मासूम मेहनतकशों से प्रेम करना होगा ,….भटकों का घोर प्रतिरोध जरूरी है !……जनता को प्रतिशोध जरूरी है !…….”

युवा बोला …………“……हमारे तमाम नेता आतंकवाद को खुली खुराक देते हैं !……………एकदिन उनको भी इन्साफे मिलेगा !……. फिर मुम्बई धमाकों में पूरा न्याय कहाँ मिला ,…बाईस साल से रिसते जख्मों पर अब मामूली मरहम लगा है ,…..आतंकी याकूब के बाकी बाप भाई कुटिल पाकिस्तान की हिफाजत में हैं ,…. इन्साफ तो उनका भी होगा !………इधर याकूब को बचाने की हर जतन लगाई गयी ,……आगे पीछे से लगभग पूरा विपक्ष बचाने खातिर एकजुट रहा ,….का कांग्रेसी का आपिये …..का माल के बापिये !… सबने अपने हिसाब से भरपूर कोशिश करी !…..जैसे सब एक साथ उन्मादी भाईजान ओवैसी के मुंह से बोलते हों !………..फिलहाल न्यायतंत्र ने अपनी कुछ लाज बचाई लागे ……वहां भी जूतमपैजार है !…”

“……भगवान् सबको सद्बुद्धि दें ….सबसे पहिले थोड़ी हमको दें !…….. हम सबको .. खासकर हम मुसलमानों को दिल से तय करना है .. हमारे आदर्श कलाम जैसे महान राष्ट्रभक्त इंसान होंगे या मेमना जैसे क्रूर शैतान !….एक को यहाँ वहां सब जगह सुख शान्ति सम्मान आनंद मिलता है ,……दुसरे को यहाँ वहां दोनों जगह कुकर्म का कुफल भुगतना पड़ता है !……..एक प्रेम पुण्य से मालामाल जाता है ,….दूसरा गालियाँ लानते नफरत पाप लेकर प्रतिशोध का शिकार होता है ,………बहत्तर हूर वाला पुलावी ख़याल निराझूठा है ,……..मासूम इंसान चंद जाहिल मक्कारों के चंगुल में फंस जाता है ,……लेकिन कुकर्म किया है तो पक्का भुगतना ही पड़ेगा !……..मुल्ला उमर लादेन चेले चपाटे परिवार समेत सब मरे !…….उनके प्राथमिक बापों ने ही खुद कुकर्म भोगकर मारा ……आतंकधारा से कुछ नहीं मिलने वाला है ,…….सब मरेंगे !……..दर्द देकर मरे तो दर्द ही मिलेगा !…”………….वरिष्ठ ने शांति से कहा तो युवा फिर बोला ………

………“….आतंकवाद घोर मानवीय विकृति है !……मोदीजी हर स्तर पर इसको मिटाना चाहते हैं ,……भारतखाऊ तमाम दल इसका प्रयोग अपनी नाजायज ताकत बढाने खातिर करना चाहते हैं ,………..यहाँ का हर भारतीय बच्चा बूढ़ा जवान कलाम को चाहता है ,…अंधों को क्या कहना …….भगवान् जल्दी एक आँख तो दे !….. विरोधी नेता लोग आतंकी हमले की नकली निंदा करते हैं ……शहीदों से सहानुभूति तनिकौ नहीं है ,…ताकत लगाकर नेताई चमकाते हैं !…. पाकिस्तान पर कच्ची कार्यवाही खातिर उकसाते हैं !……जंग लगी खाऊ व्यवस्था से जूझती सरकार अपने ठोस प्रयास करती है ,……मोदी राज में आतंकियों भारतद्रोहियों से उनकी भाषा में बात होती है ,……कांग्रेस राज में सेना सुरक्षाबलों का पस्त मनोबल अब बहुत बढ़ा है ….राष्ट्ररक्षक जवानों का मुरझाया कर्तव्य जोश फिर जागा है ,……..मोदीजी कूटनीति के काबिल खिलाड़ी हैं ,…हमारा हर अंग बीमार कमजोर है ,…..धीरे धीरे सबको ठीक मजबूत होना है ….सही काम में हमेशा कुछ देर होती है ,….कांग्रेसी राज से बर्बाद देश मोदी राज में सुरक्षित होगा !………..वैसे खाऊ बिकाऊ बेशर्म चेहरे वाले भोंपू चालू हैं ,…ई देशभक्त कर्तव्यशील सरकार को शर्मशार करना चाहते हैं !…..सोते जागते संसदो में मोदी हाय हाय मचाते हैं …अपनी बर्बादी और जल्दी बुलाते हैं !….”

चश्मे वाला मूरख भाई फिर बोला …………“…..मोदीजी प्रेरक प्रधानमन्त्री हैं ,…उनके आने से देश में शुद्ध ऊर्जा उठी है ,……मोदीजी ने तमाम खाऊ दुकानें बंद की हैं ,……देशद्रोही दुकानदार हाय हाय नहीं तो का वाह वाह करेंगे !……….नालायक सत्तालोभियों की सनातन कुटिलनीति है ,…….खाऊ बापों औजारों के सहारे बहकाओ भटकाओ लड़ाओ गिराओ दबाओ ,….कौनो तरह से जनता में वैमनसता फैलाओ …. फिर चुनाव में भरपूर पोती सफेदी दिखाओ … मूरख बनाकर फिर कुर्सी पाओ !…..फिर मस्ती से खाते जाओ …खाते जाओ ….बस मजा लेकर खाते ही जाओ !……..यहू सब स्वप्नदर्शी होंगे !…”

वरिष्ठ मूरख ने समर्थन किया …………….“…काहे नहीं भाई !…..भारत को खाने मिटाने के शैतानी सपने सदियों पुराने हैं …. अब झटका लगा है ,….तो काहे न फुदकेंगे !……देश पर अन्दर बाहर से खतरा ही खतरा है ,…….मोदी को नाकाम करे खातिर हर तरफ से जोर जुगाड़ चालू है ,….लेकिन सच्ची धर्मनिष्ठा की विजय हमेशा पक्की होती है !…”

चश्मे वाला फिर बोला …………..“….विश्वव्यापी शैतान मंडली किसी भी देशभक्त सत्ता को नहीं चाहती है ,……हमारा ही अंश पाकिस्तान कुरूप बिगडैल बदचलन है ,..शैतानी ताकतों का गुलाम है …..पूरे अंग्रेज अधर्मी जिन्ना से लेकर आज तक के सब हुक्मरान दोखी हैं ……….आज पाकिस्तान आतंकित आतंकिस्तान है !……..मौजूदा पाकिस्तानी वजूद से दुनिया को खतरा है ….उसका निपटारा होना ही चाहिए !..”

वरिष्ठ ने सहमती में सर हिलाया और बोला ……………“…आम पाकिस्तानी अवाम गरीब मासूम लाचार है ,….उनमें भारत खातिर भरसक विष भरा गया है ,……. तालिबानी फ़ौज असल हुकुमरान हैं ,…धर्महीन कमांडरों ने अंधधर्मी जनता को दबा कुचलकर रखा है ,….. खुद शातिर शैतानों के गुलाम हैं ,…..इनका सही से निपटारा कूटनीति से हो तो ही अच्छा है ,….वहां कुछ तो अच्छे समझदार लोग होंगे !……नहीं तो ..”

युवा तनिक जोश में आया ……………“….अगर मजबूर किये गए तो भीषण युद्ध होगा ….और…..हुआ तो बहुत विनाशकारी होगा !…..नाजायज पाकिस्तान का वजूदे ख़तम होगा ,……अमरीका चीन कोई उधर गया तो बर्बाद समझो !……..अगर शांतिप्रिय विकासपुरुष मोदीजी को रुद्रावतार खातिर मजबूर किया गया ……..तो भारतद्रोही ताकतों का खात्मा ही समझो !…”

वरिष्ठ पर भी युवा जोश का प्रभाव दिखा ………..“….अपने सफेदपोश गिरगिटों का का करें !…सही से कोई मुद्दा उठाये नहीं …. बिना चर्चा किये मुंह उठाकर चिल्ल पों कूँ कों भू भौं करते हैं !………………… सबको समझना चाहिए …देश समर्थ हाथों में है …..किसी से दबेगा नहीं !…….जल्दबाजी में किसी युद्ध से सही समाधान नहीं मिलता है ,…………..केवल खुद से युद्ध ही कोई समाधान ला सकता है …….कहीं यह भी जरूर जारी होगा !…………….लम्बे कांग्रेसराज में लचर राष्ट्रसुरक्षा की मजबूती खातिर मोदीजी जीजान से जुटे हैं ,… जब जहाँ जो उचित जरूरी होगा वो मोदी जी करेंगे !………”

चश्मे वाले ने सहमती दी ………..“..बिलकुल करेंगे भैय्या !……कुत्तों के भौकने से गजराज पर कौनो अंतर नहीं पड़ता !……..”

रामू ने फिर प्रतिवाद किया ……………“..काहे नहीं पड़ता है ,……….आज कांग्रेसी माता युवराज संग कलाम साहेब की शान में दिखाने खातिर मुंह खोले खड़े हैं ,…..जनता के महान राष्ट्रपति को कांग्रेस ने कदापि दुबारा मौका नहीं दिया !…..”

चश्मे वाले भाई की पीड़ा भी बही …….“…….पहला समर्थनो मजबूरी में था ,…अपना हाल बहुतै पतला था ,…कुछ सफेदी दिखानी जरूरी थी !………फिर कलाम साहेब सच्चे राष्ट्रभक्त निकले ,…इंसानी वेश में शातिर लोमड़ी को सीधा सत्ता कब्ज़ाने से रोक दिया ,…..तिलमिलाकर पालतू मोहन को बिठाना पड़ा ,……फिर जैसे दांव मिला ..फ़ौरन राष्ट्रभक्त को हटाकर घरेलू चमचों को बना दिया ……पालतू राष्ट्रपती !!!…”

वरिष्ठ भाई फिर बोले ………………“..कलाम फिर राष्ट्रपति होते तो देश में बेख़ौफ़ कांग्रेसी लूट कैसे होती !……खाऊ गांधियों दामादों चमचों का नामी बेनामी अकूत खजाना कैसे छलकता ,……..ई काली कांग्रेसी राजनीति की कुटिलता है !…….फिर असल गधे हम हैं …..चरित्रहीन लोभी गुलामों को सत्ता शक्ति सौंपेंगे तो गलते गलत होगा !………मोदीजी को राज्य से राज्यसभा तक पूरी ताकत मिलने दो फिर देखना कैसे देश बदलता है !…”

अब तक मौन बैठा मूरख बोला …………..“….. कमी इधरो है भाई …….दूर करना चाहिए ,…..हो वही जो हो सही !……अब तक भारी राजनीतिक भ्रष्टाचारी बचते ही रहे हैं !……..अब भ्रष्टाचार से कौनो तरह का समझौता नहीं होना चाहिए ………..तमाम खाऊ मक्कार राजदलों से मोदीजी का दोस्ताना हमको अच्छा नहीं लगता ….गांधी प्रेम तो बिलकुल नहीं !……..अर्थनीतियो में ख़ास बदलाव नहीं दिखता है ……….और उनको अमरीका चीन पाकिस्तान से बहुत सजग हुशियार रहना चाहिए !….”

वरिष्ठ ने उत्तर दिया …………..“…उनका स्वभावे सजगता है ,……और संविधानी लिहाज से दोस्ताना प्रेम अलग चीज है ….लेकिन …मोदीजी हर हाल में भरसक सही काम करेंगे !…….असल कमीने हमही हैं …..लेकिन …….हमको मोदीजी से पहाड़ जैसी आशा है ……हिलना आसान नहीं है !…..अगर कैसे भी दरकी तो सब दबेंगे !……..भारतीय लोकतंत्र व्यवस्था नाकाम मानी जायेगी !……… नए पुराने बहुत पुराने सब सत्तालोलुप धनलोभी राज कुनबे दोषी हैं ……प्रतिशोधी जनता सजा भी देगी !……….ई लिए देश में शांति सहयोग सद्भावनापूर्ण विकास सबके हित में है !…..मोदी सरकार भारत में पहली सच्ची समर्थ सरकार है !…….उनको उनका काम करने देना चाहिए !.,,,…कालिख में लिपटे गंदे बासी विरोधियों को अपनी उबासी पर काबू पाना चाहिए !..”

चश्मे वाला भाई फिर बोला ………….“..लेकिन ….सही सही करेगा ,..गलत गलतै करेगा !…..सही से मांग उठाना चाहिए !…..हर अपराधी को सजा मिलना चाहिए ,…अपराध रुकना चाहिए !…..और ….मोदीजी को महिला सुरक्षा खातिर कठोरतम प्रभावी निष्पक्ष कानून व्यवस्था बनाना चाहिए !………बाल उत्पीड़न , समूह बलात्कार पर जल्दी से पहिले कठोरतम सजा होना चाहिए !……नशाबाजी ख़ास तौर पर बाल नशाबाजी रुकना चाहिए !…..और सरकारी मशीनरी ईमानदारी से चलनी चाहिए !…… भ्रष्टाचार पर प्रभावी रोक होना चाहिए !……नयी पीढ़ियों के लिए सच्ची समर्थ भारतीय शिक्षानीति बननी चाहिए !………मजबूत सरकार का मतलब देश को पता चलना चाहिए !,,

वरिष्ठ भाई फिर बोला ………….“…बात ठीक है ….सरकार ईमानदार है …लेकिन सब काम सरकार के बस का नहीं है !…..फिरौ कारगर काम लगातार होना चाहिए ,….समस्या एक नहीं है .. अंग्रेजीभक्त नौकरशाही बहुतै गिरी पड़ी है ,…पुलिसतंत्र का हाल मत पूंछो !…… न्यायतंत्र पर बड़े गांधी छाए हैं …….सब बदलना एक दिन महीना साल का काम नहीं है ,….सैकड़ों साल की तबाही है ,…हमार चरित्र अन्दर तक बिगड़ा है !…..पूरे अच्छे दिन लाने में कुछ साल जरूर लगेंगे ,…….मोदीजी राज्य केंद्र मिलाकर एक भारत दल की तरह काम करना चाहते हैं ,….राज्यों में ज्यादातर खाऊ अपराधी दुश्मन जमे हैं ……..ऊ कहाँ सही काम होने देंगे !….”

रामू बोला ……..“….जरायमी लोग जमें हैं तो अपने अंजाम तक पहुंचेंगे !……बिगड़ायल बर्बादियों को सुधारने का समय आयेगा ,……अच्छा काम धीरे धीरे होता है  !……ठीक से महसूस करो तो तेजी से बदलाव हो रहा है ,…धीरे धीरे जमीनो पर उतर रहा है !………..हमको खुले दुश्मनों से ख़ास खतरा नहीं लेकिन भीतरी जयचंद हमेशा खतरनाक होते हैं !…”

वरिष्ठ ने फिर समझाया ……….“..लल्लन भैय्या ,…..अहंकार में चूर जयचंद तब लाचार था ,….अब नहीं हैं !………अब सबको मोह त्यागकर सुखद आत्मोत्थान करना चाहिए ,…….सब अहंकार छोड़ देश समाज का नवनिर्माण करना होगा !…….”

रामू जरा दार्शनिक अंदाज में हंसकर बोला ………….“…बात करना सहज से ज्यादा सहज है ,..करना कठिन से ज्यादा कठिन …..कहीं कहीं सब मिले लगते हैं ,…… असली बदलाव खुद बदलने से होगा …….कुछ कर सकते हो तो इधर करो ……राष्ट्रगुरु की बात अक्षरशः मानो …….अंतर्मन से प्रणाम समर्पित करो ……खुद को सौंपो ,…..नियमित योग करो ……. योगी निरोगी बनो !……..और …अब चर्चा छोड़ो .. बिजली ने दो बार आँख मारी है ……तीसरी बारी में टिकी समझो !……बादलो झूमते उठते लागें !……कलाम साहेब को कुछ और कहना है तो कहो ..और चलो टुब्बेल पर !…”

सब सर हिलाते हुए खड़े हो गए ,….अबतक मौन अन्य मूरख बोला ….. “..चस्किया कवि हूँ भैय्या ….. कलाम साहेब को प्रणाम करते हुए चार लाइन सुन लो …….

कलाम तुम स्वर्णिम कलाम हो ,तुम अमर हो अविराम हो

आशीष दो , जले अग्नि , उठे ज्योति

मन मानवता पुलकित हो, मिलें मोती

तुम  प्रेरक नाम हो, सरलता से ही महान हो !!

याद आओगे बहुत तुम, जल्द आना फिर यहाँ

लाकर देना वो जबाब, खोज में जिनकी जहाँ

तुम सबके प्यारे कलाम हो , तुम भारत की शान हो !…

कलाम तुम अमर हो अविराम हो !….”……………श्रद्धासुमन रुकते ही सब मौन साधे खेतों की तरफ लपक गए !

वन्देमातरम !!

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