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मूरख पंचायत ,…..चुनाव बाद !

हमार देश
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आदरणीय मित्रों बहनों एवं गुरुजनों ,…सादर प्रणाम …….मूरख पंचायत की तलाश में गाँव पहुंचा तो पता चला मानव के मिलने तक पंचायत नहीं बैठेगी ……..हालांकि जनभावना कुछ बतियाने को उत्सुक रही ,…कुछ लोगों के साथ एक पंच महोदय मिले तो और लोग आते चले गए ,…….पंच सूत्रधार के साथ पंद्रह बीस लोग इकट्ठे हो गए ,…मामूली खींचतान विमर्श के बाद फौरी तौर पर पंचायत कर लेने का निर्णय हुआ ………छोटी मूरख पंचायत में पुनः आपका हार्दिक स्वागत है …………….

“……चुनाव बाद का हालत बताओ !….”…………….बैठते ही आवाज आई तो सूत्रधार बोले …

“..का हालत बताएं …..मोदी आ गया पूरा छा गया !…..अब अच्छे दिन आये समझो ……….मोदी जी की अगुवाई में दो सौ बयासी कमल खिले हैं !……एनडीए तीन सौ पैंतीस बताते हैं !……..विपक्षी कुनबा साफ़ ,…..अंग्रेजी गुलाम कांग्रेस चौव्वालिस .. ममता दीदी चौंतिस .. जया देवी सैंतीस .. पटनायक भाई बीस हैं !…जहाँ कोई आशा न किया वहां मोदीमय कमल खिला !..”

एक युवा आगे बोला ………..“..बेचारे मुलायम की घरेलू चौकड़ी लगी है !……खुद बहू भतीजों के सिवा कोई सगा सिपाही न बचा !…”

एक और बोला ………..“..खुदौ घोर सरकारी मक्कारी से बचे !…..पुलिसिया सरपरस्ती में बूथ कब्जे हुए ,…. परधानों को लोभ लालच दिया ,..डराया धमकाया गया ,…….भरपूर दारू नोट बंटे ,…तब नेताजी की खानदानी लंगोटी बची !…”

“..परधानमंत्री बने खातिर बेताब नेताजी अकेले में दो जोड़ी कुरता धोती जरूर फाड़े होंगे !…..”………एक युवा ने व्यंग्य किया तो दूसरा भी लपका

“..अब मैनपुरी या आजमगढ़ हारकर लंगोटी भी फाड़ेंगे !……..परधानमंत्री बने खातिर राष्ट्रभक्ति का अखंड जज्बा चाहिए !……बहुत दिन तक खानदानी मक्कारी चापलूसी काबिज रही ,….अबकी देश जागा है !….”

एक पंच बोले ………..“…देश खातिर सबकुछ अर्पित करने वालों को बार बार परनाम है सलाम है ,……स्वामीजी की अगुवाई में मोदीजी का विजयरथ शान से दौड़ा !……नब्बे सालों से अखंड अनंत देशसेवा करने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को प्रणाम है ,…हर स्वयंसेवक को प्रणाम है …..हर भारत स्वाभिमानी को प्रणाम है ….हर भारतवासी को सलाम है !…..”…………सबकी मूक भावनाएं प्रणाम सलाम करती रही ,…एक मूरख बोला

“….मुलायम जैसे चोर गुलाम मक्कार का यहै हाल होना था !……समाजवाद को खानदानी जागीर बना लिया !.”

एक बुजुर्ग बोले ………..“..सब खाऊ वाद विवाद मुर्दा हो गए ,… केवल राष्ट्रवाद जिंदाबाद है …हमेशा रहेगा !…..सनातन महान भारत देश फिरसे सर्वसुखकारी न्यायकारी व्यवस्था अपनाएगा !..लोकतंत्र को अपार मजबूती मिलेगी !..”

“…बेशक बाबा ….अब उत्थाने होगा !……कौनो समाजवादी कहता था .. रामपुरी मुर्गे का बलि देते तो ई हाल न होता !…”………….एक युवा ने बाबा से सहमति जताने के साथ अजीब बात कही तो बाबा बोले .

“..मुर्गा बकरा बलि पूजा पाखण्ड से का होता है !…कर्म सबसे ऊपर हैं !……. चोरो गद्दारों का हाल ईसे बहुत बुरा होना चाहिए ….इनको जेल का चक्की पीसना चाहिए !…..कांग्रेसी गुलाम समाजवादी सरकार भारी भ्रष्ट मायावतियो से ज्यादा भ्रष्ट है !…….कमाई का पूरा आंकड़ा भिड़ाकर मंत्रालय लालबत्ती तैनाती मिलती है !….फिरौ नम्बरी मुलायम ने दस नम्बरी अखिलेश के सिवा सबको फेंटा !…”

पहला मूरख फिर गुस्से में बोला ………….“…..चाटुकारों दलालों को फेंटना राजसी दलों का अधिकार है ,… औलाद पर ऊँगली उठाये तो खाए किसकी खातिर !………..देश खाकर सोनिया माई अपने तोते खातिर कैसा मैना जैसा बोली !……देश का तरह प्रदेश में चौतरफा बुराहाल है ,……बेकारी से भारी बर्बादी है ,…दिन दहाड़े बैंक लूटे जाते हैं ,..कौनो गाँव शहर सुरक्षित नहीं है ,……पुलिस महकमा आजमी भैंसचोर को पकड़कर ख़ुशी मनाता है !…नशा वासना सिर चढ़ी है ,……नारीशक्ति नित नोची जाती है ,…..न्याय सुनवाई की औकात किसकी .. नेताजी खुदै बलात्कार को मामूली गलती बताये !…….घर बाहर थाना दफ्तर सब जगह केवल गुंडों की मौज है ,..”

पेड़ की जड़ पर बैठा मूरख बोला ……..“…ई मौज मामूली खूनपसीने वाली है भैय्या !…..चिल्लर समाजवादी नेताओं खातिर लाख करोड़ चिल्लर है !…….गरीब लोग साप्ताहिक दो चार करोड़ बचत गुल्लक में डालते हैं ,….अरबों होते ही पूरी मौज करेंगे !..”

बुजुर्ग पंच फिर बोले ………..“..लुटेरों को कभी मौज न मिले भाई !…..लालची इंसान आखिरकार खुद को खायेगा ,….चुपचाप दहाड़ें मारकर रोयेगा !…..फिरौ कोई तरस न खायेगा !…लूटतंत्र के सत्यानाश का आगाज हो गया है !….अंजाम सवा डेढ़ पर पूरा होगा !….महाभ्रष्ट खानदानी कुनबे इतिहास बन जायेंगे !…..ऊ चाहे बादल हो या मुलायम करुणा लालू !…”

“…वैसे…चुनाव बाद बिजली की बड़ी कृपा है ,…..मोबाइल चार्जिंग खातिर खम्भों पर लाइन लगती है ,….एकमुश्त एक घंटा मिल जाय तो खुशी में दो ठुमका जरूर निकलता है !..”…………युवा ने व्यंग्य कसा तो पीछे वाला फिर बोला .

“….बिजली पानी सड़क सबका बुरा हाल है ,… राजतंत्र भारत खाने में व्यस्त है !…..चोर मंडली में तनिको नैतिकता बची हो तो सत्ता राजनीति छोड़कर सच्चाई से आत्मसमर्पण कर दें !…..वैसे इनकी आत्मा बिकी गिरवी है ,…फिरौ ..आत्मसम्मान बचाने खातिर यहै रास्ता है !…….बहुत दिन खाया ,…अब निकालने की बारी है !….बहुत तकलीफ होगी !…”

एक भाई तनिक आवेश में बोला ………….“..सब अपनी बुद्धि से बढ़िया करते हैं !..अखिलेश मुलायम अपना देखेगा ….हम अपनी मूरखता देखें !….”

बेफिक्र युवा ने फिर व्यंग्य कसा ………..“..अपनी का देखें !…..मायावती जी का हाथी अंडा दिया है !…”

“..ऊ तो देना ही था ,..शुद्ध सत्य की कुटिल खिलाफत मंहगी पड़ती है ,……फिरौ बीस फीसदी वोट पायी !…..जातिवादी राजनीति में कुछ इंसान पक्के पालतू काहे बन जाते हैं !..”…………….अधनंगे मूरख ने उत्तर के साथ सवाल उठाया तो बाबा बोले

“..हम पालतू बनाए जाते हैं ,..ई क्रूर कांग्रेसी राज का नतीजा है !…कमजोरों को उठाने खातिर कोई काम न हुआ ,……जातीय भावना भडकाव सहज होता है !……डराए गए मुसलमान शिक्षा रोजगार से दूर रहे ,…केवल आबादी में तरक्की करी ,…उनपर गौहत्या का कलंक लादा !…अबकी मोदी मोदी के नाम से खूब खौफ बांटा ,……फिरौ अबकी मोदी को हर घर से वोट मिला है !..जय हो जनता जनार्दन की ,……जातिवाद पंथवाद की ठोस दीवारें दरकी हैं !…..”

पीछे वाला फिर बोला ………“…..सबसे घाटे में नितीश बाबू लगते हैं !……….धुर दुश्मन लालू के गले मिल गए !.”

आगे से उत्तर मिला …….“..चारा चोर की औकात सबको पता है ,…..पता नहीं काहे चार सीट जीत गया ,…..बिटिया मेहरारू तक हार गए ,…..लेकिन .. नैतिकता के बहाने नितीश का कुर्सी छोड़ना चाल लागे !……मांझी काका की लगाम हाथ में रहेगी !…..मनचाहा बिहार चरेंगे !……. खुद दिल्ली में मोदी की पुरजोर खुली खिलाफत करेंगे !…..देश को बहकाने भटकाने खातिर पूरी ताकत लगा देंगे !….अगली बारी कौनो किरपा हुई तो का पता टूटे सपनों के तार जुड़ें !….”

पीछे वाला फिर बोला ………….“..अब कौनो किरपा तार न जुड़ेंगे !……लेकिन बात सही लागे भाई !…..मोदीजी देश खातिर सबके साथ की बात कहते हैं ,…लेकिन ….कुटिल मंडली उनको नाकाम करने खातिर हर हथकंडा आजमाएगी !…”

एक और पंच बोले …………..“..सफेदपोश गांधी मंडली का गुप्त गन्दगी जहर विभाग फूट डालकर लड़ाने मिटाने गिराने का काम करेगी !…..ई दुबारा सत्ता कब्जाने खातिर दंगे तक करवा सकते हैं !….शैतान विदेशी शान्तिखोर इनके माई बापे हैं !…….लालू नितीश माया मुलायम जैसे लोग फिर पानी पीपीकर मोदी को कोसेंगे !…”

दुसरे पंच भी बोले …………“..कोसने का नतीजा देख चुके हैं !…..मोदी को कोई रोक न पायेगा ,…ऊ सच्चा निश्चयी भारतपुत्र है ,…….जहर उगलकर जी न भरा होगा तो और फल मिलेगा !…बेचारे संभाल न पाएंगे !!…..”

पंच की बात से पूरी सहमति दिखी ,….एक अधेड़ ने सवाल किया ,,,,,,,,,,,, “.. केजरीवाल काहे जेल गया !…”………………….

“..जिद अकड़ अच्छी चीज है !……मुचलका न भरकर जेल गया !..”………एक ने उत्तर दिया तो पंच फिर बोले

“.. उकी जगह हम होते तो यहै करते ,……हम मस्ती से जेले जाते लेकिन ,…जनसमर्थन खातिर हायतोबा नाटक स्यापा न करते ….चुपके से ध्यान चिंता चिंतन करते !..”

एक और मत उठा ………..“..ई मुर्दा न्यायतंत्र की अकड़ लागे !……का पता जज को किसी से मिला हो ……मुचलके को मुद्दा बना दिया !……चोर बदमाश मुचलका भरें ,……केजरीवाल काहे भरे !…”

एक पंच सहानुभूति भरे विरोधी स्वर में बोले ………“… ऊ तो दूध का धोया है !…ड्रामेबाजी पलटीबाजी से का होता है ,……पूरी कच्ची कलई खुल गयी !…उनके तमाम साथी काहे छोड़ भागे !………केजरीवाल दिल्ली में गुमे जनसमर्थन खातिर बेचैन है !…. सन्नाटा मिला है !…..तो बेचारा नया जुगाड़ खोला !…का पता जेले से कुछ भला हो !….भगवान् सबका भला करे ! …”

बीच में बैठा मौन मूरख बोला ………..“…हमारी आँख बंद होती है लेकिन ,.भगवान् सबका भला करते हैं ,…….गडकरी कौन मंत्री अधिकारी सांसद विधायक था तो भ्रष्टाचार किया !……किसी से लाभ मिला भी होगा तो साबित नहीं हो सकता !……दस साला सोनियाराज में रोजाना हमारे हजारों करोड़ लुटे ,……डाकू शीला गिरोह को दिनदहाड़े छोड़कर केजरीवाल गडकरी मोदी के पीछे पड़ा !….”

एक और बोला ……….“…सब अपने हिसाब से सही करते हैं ,..केजरीवालो अपने आंकड़े से सही किया होगा !…….जटिल जलेबी व्यवस्था में परचून दुकानदारो मजबूरी में बेईमान बनता है !……कौनो महाने आत्मा शुद्ध व्यापार करती है ,…….एनजीओ मंडली दल केजरीवाल हमारी मूरख समझ से परे है !..”

एक मूरख तनिक आवेश में बोला ………“..तो छोड़ो उनको !…..उनपर भरोसा करना बिलकुल गलत है ,..लेकिन उनका जेलौ जाना गलत है ……..भले अपनी मर्जी से गया हो !….. ई बताओ भाजपा कहाँ से पूरी इमानदार है !…”

दुसरे का दुगुना आवेश उठा …………“..हम काहे छोड़ें किसी को !…….हम भाजपा को ईमानदार कब कहे !…..सोनिया संस हजार टका !…..बैंगन कंपनी पांच सौ टका ,….तो भाजपा सौ पचास टका बेईमान हैं ,….लेकिन इसमें बहुत ईमानदार लोग हैं !……दल केजरीवाल से ज्यादा ईमानदार सच्चे देशभक्त हैं ,…….नेहरू गांधी कृत अंग्रेजी लूटतंत्र में बेईमान होना सबकी मजबूरी हो गयी !……कांग्रेस संस और समर्थक पक्षी विपक्षी मण्डली देशद्रोही मक्कार महाभ्रष्ट है ,…….हमको मोदीजी से पूरी आशा है ……. ऊ ई जालिम जाल जरूर तोड़ेंगे !….सब देशद्रोही मगरमच्छों को उल्टा टांगेंगे …लुटे देश को पूरा हिसाब मिलेगा !….साथै साथ सुखी संपन्न समर्थ गौरवशाली भारत बनायेंगे !….”

बुद्धिजीवी टाइप वाला मूरख उचका ………“…मोदी जी से बड़ी आशा रखना ठीक है ,…..ऊ फ़कीर टाइप के दमदार देशभक्त करिश्माई राजनेता हैं ….ऊ जरूर कुछ कर गुजरेंगे !…….लेकिन ई राजतंत्र से आशा रखनी मूरखता है ,…बाराबंकी से सांसद बनी प्रियंका दीदी महाराष्ट्र के कर कमिश्नर की पत्नी हैं !……बाकी हिसाब दहाई दहाई जोड़ लो !….”

साथी सिर झटक कर बोला ………..“…कर का जंजाल खतरनाक होता है ,……किसीका कारोबार पतंजलि जैसा सच्चा जनहितैषी नहीं हो सकता ,…फिरौ स्वामीजी आचार्यजी को कितना परेशान किया गया !…..खाता सील जांच जारी ,…सब सही फिरौ न हारी !……………….कर कमिश्नर ने उधर कोई एहसान किया होगा ,…बाराबंकी में पत्नीजी को बदला चुकाया गया !…”

“….सुने हैं ,..जीतकर प्रियंका देवी जनता कार्यकर्ता को भूल गयी ,… चापलूस ठगों ठेकेदारों दलालों ने करीबी गाँठ ली !……”………….एक और युवा मत आया तो बुजुर्ग फिर बोले

“..सबका यहै हाल होता है ,….सबको अपनी बुद्धि से चलने का अधिकार है !…… सबको हमने जिताया है …..देश दलालतंत्री नेताओं के दलदल को मिटा भी देगा !…..नेहरूवंशियों को अपनी औकात पता चली है ,…अमेठी में प्रदेश सरकार चुनाव आयोग ने राहुल की नंगी लाज बचाई है !….रायबरेली में भाजपा ने कोई रिश्तेदारी निभायी है !…… देश वही किया जो करना चाहिए था ,……अपने देश खातिर देशभक्त जनता ने जाति मजहब की दीवारे गिराई हैं !…….”

पंच साहब फिर बोले …………“..सब परमपूज्य स्वामीजी के पुरुषार्थ का फल है ,….देश बचाने खातिर वर्षों तक शहर शहर गली सड़क घूमे ,…हर ज्ञानी अज्ञानी मूरख को दिनरात राष्ट्रचेतना देते रहे ,…….हर नुक्कड़ चौराहे चौबारे बस ट्रेन में भारत स्वाभिमानी कार्यकर्ता मूक मुखर प्रचार करते रहे !……तब बिलकुल निराश जनता मोदीजी के विराट व्यक्तित्व से प्रभावित हुई !…….बाकी काम मोदीजी भाजपा ने किया !…”

उत्तर में एक मत उठा …….“….भैय्या मोदीजी को अब काम करना है !…..ई जीत को मैदान में इंट्री मानो !……असल खेल अब शुरू होगा ,….शैतान विरोधी कुनबा खुली छुपी पूरी ताकत से जुटेंगे !……अब मोदीजी की असल परीक्षा होगी !…

प्रतिवादी मत आया …………. “…मोदीजी हर परीक्षा में पास होंगे ,…. कोई उनको वोट दिया न दिया हो …लेकिन उनसे हर सच्चे हिन्दुस्तानी की सदभावनाएँ आशाएं हैं ,…ऊ बर्बाद होते देश की तकदीर बदलेंगे !….”

एक पंच बोले …………“..ऊ कमाल के हैं भाई !…..ई धर्मयुद्ध में जीजान लगा दी ….जीतकर विनम्र हो गए !….शातिर लुटेरों के चंगुल से देश बचाया ,..देश खातिर सबको साथ लेकर चलने का इरादा बताया !…”

“..अब मोदीजी को चिट्ठी लिखे का मन करता है ,…..उनको हमारे दिलों में दबी शुभकामनाएं मिल जाएँगी ,..हम तुच्छन को तसल्ली मिल जायेगी !…”…………….बाबा ने मन की बात कही तो सूत्रधार बोले

“…हाथ कंगन को आरसी का ….मंगाओ कागज़ कलम !…”……………इशारा पाकर एक युवा आबादी की तरफ तेज चाल से चला गया ,…………………….क्रमशः !

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