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मूरख पंचायत ,…..माँ और मोदी सरकार !

हमार देश
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गतांक से आगे ….

“… बकवास करके हम अपने गुनाह न छुपायें !….ई चुगलखोरी गाली गलौच से का मिला !……हमारी घोर मूरखता से कांग्रेस की सांस बची है ,…..भारतद्रोही कांग्रेस कुनबे की औकात एक वोट पाने की नहीं है !…”

बुद्धिजीवी टाइप वाला मूरख बेफिक्र सी भावुकता से बोला ………“….. मूरखता के जिम्मेदार तो हमही हैं बाबा !…फालतू बकवास में बहुत टाइम खपाया ,…..सबके मालिक जिम्मेदार भगवान् हैं !…….मूरख गदहा ज्ञानी शेर सबको प्यारी दुनिया पालती है ,……पूरी दुनिया माँ जैसी बन जाती है ,….माँ कदम कदम पर सिखाती है !…हम मूरख गदहा रहे तो कुछौ न सीखे ,..फिरौ बहुत सीखे !…..आज दुनिया में मदर डे मनाया जाता है ,….माँ खातिर एक बड़े शायर की लाइनें मिली है …अपना बनाकर सुन लो

इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है

माँ बहुत गुस्से में हो तो रो देती है

सख्त राहों में आसान सफ़र लगता है

ये मेरी माँ की दुवाओं का असर लगता है

जब भी किश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है

माँ दुवाएं करती हुई मेरे ख़्वाब में आ जाती है..”.

…………उसके रुकते ही एक और मूरख उचका …………“..हमारे यहाँ माँ खातिर सब दिन हर पल समर्पित होते हैं ,…आजकल अंग्रेजी चाल में सब बिगड़ा है ,…अब …चार लाइन हमसे भी सुनो भाई !

तुझसे ही मैं बना हूँ माँ

तूने ही मुझे बनाया

जब जब गिरा कहीं पर माँ

तूने ही मुझे उठाया

क्यों फिर मुझसे अपराध हुए

कितना तुझे सताया

मदमस्त हुआ मैं कुटिल मूर्ख

फिर फिर तूने सहलाया

तू धन्य धन्य है महाधनी

तू ममता का भण्डार है माँ

तू धरा से भारी धीरज है

तू जगतवन्द्य जगपालक माँ

पुत्र उरिन नहीं तुझसे

चाहे सीस काटकर दे

देती तू आशीष सदा

तुझसे ईश्वर की सूरत हैं

कैसे तेरा बखान करूं

फिर वर दे हे वरदायी माँ

कर धारण प्राणित ईशधर्म

तेरी शिक्षा जीवन हो माँ

!…”………….कविताकार मूरख को कुछ सराहना मिली तो एक बाबा भावुकता से बोले …

“..माँ के आगे हर शब्द छोटा होता है ,….बहुत बड़े बड़े लेखक शायर गीतकार बहुत अच्छा अच्छा लिखे लेकिन सही में सब बौना रहा !…….हम लोग कौन खेत की गाजर मूली हैं ,…..माँ भगवानो से बड़ी है ,…फिरौ हम अज्ञानी मूरख लोग उनको सताते हैं ,…..हम दुनिया की सब माँओं को आत्मा से प्रणाम करते हैं ,….भगवान् से प्रार्थना करते हैं कि कोई अबोध माँ से दूर न रहे !…कोई औलाद सपने में भी माँ को न दुखाये !..”

कुछ देर के लिए फिर भावपूर्ण शान्ति आ गयी …..फिर एक मूरख बोला …….“…….अब ई बताओ ……पाकिस्तानी बुद्धिजीवी लोग पहिले ही युद्ध खातिर दाब बनाये हैं !..उनके सेना अधिकारी अलग म्यान ठोकते हैं !..नयी सरकार का करेगी !…”

साथी फिर बोला ……….“..मोदी जी को उनसे हुशियार रहना होगा ,…….उनकी निरंकुश क्रूर सेना विदेशी गुलाम है ,…..सब मानवता के असल मुद्दों को भुलाना चाहते हैं !…..चालबाज विदेशी शैतान युद्ध को भुनाना चाहते हैं ,…….पाकिस्तानी जनता की हालत हमसे भी गयी गुजरी है ,…..पाकिस्तान के हित में यहै होगा कि सब शैतानी छोड़कर जनहित में काम करे !…..मक्कार अंग्रेजी सल्तनत की बांटी दुश्मनी किनारे रखके हम अपना देश उठायें ऊ अपना !…..हम अपनी गन्दगी साफ़ करें ऊ चाहे तो अपनी करें !……….मोदीजी यहै कहे हैं !..”

आगे से एक युवा खड़ा हो गया ……..“…कश्मीर भारत का अखंड अंग है और हमेशा रहेगा !…नेहरूवंशी मिलकियत हटेगी तो फारूख उमर जैसे खाऊ किरदार कैद होंगे !………दिल्ली सरकार से मिला अथाह पैस भ्रष्ट दलाल हुक्मरान खा गए ,…गुलाम जनता के हाथ रोजगार की जगह पत्थर बगावत मौत बेबसी आई !…”

एक पंच फिर बोले …………….“…..पूरा कश्मीर का पूरा पाकिस्तान अखंड भारत का हिस्सा है ,…अपने कौनो अंग में तकलीफ होगी तो पूरा बदन बेहाल होगा ,…दुनिया से आतंकवाद का मिटना जरूरी है !….. अब अटूट शान्ति आनी चाहिए !……ईमें सबका लाभे लाभ है ,…मानवता शान्ति से उठती है !..”

एक बाबा ने सहमतियुक्त प्रतिवाद किया ………….“…कौनो ताली एक हाथ से न बाजे बाबू !.. पाकिस्तानी सत्ता को दो टूक सन्देश देना होगा !……पालतू अलगाववादियों आतंकियों को शान्ति का सच्चा मौका देकर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए !….इस्लाम के नाम पर दहशतगर्दी इंसानियत से गुनाह है ,…कौनो खुदा रसूल भगवान माफ़ न करेगा !…………”

बीच से एक आवाज आई ………….“..अगर युद्ध हुआ तो पाकिस्तान तबाह हो जाई भाई !…..तबाही सबकी होगी ,..लेकिन ऊ मिट जाई !.”

बुद्धिजीवी जैसे मूरख ने फिर पलटी खायी ………….“..यहै अमरीका आदि शैतानी लालची सत्ताएं चाहती हैं !………मोदीजी ने शान्ति के साथ राष्ट्रीय मजबूती खातिर जुटने का इरादा बताया है !…….हम हमेशा युद्ध के खिलाफ हैं ,…लेकिन अगर मजबूर किया गया …और …शान्ति खातिर बहुत जरूरी हुआ तो भीषण युद्ध करेंगे !….कौनो अमरीका चीन यूएन नाटो रोक न पायेगा !……..गुलाम पाकिस्तानी हुक्मरान अबकी भटके तो अवाम कभी माफ़ न करेगी !….पाकिस्तानी आतंकी फ़ौज का नामोनिशान मिट जायेगा !….”

साथी ने साथ दिया ………..“….हिन्दुस्तानी पाकिस्तानी कश्मीरी सबका एकै डीएनए इंसानवाला हैं !….इंसानियत का काम सबकी सुख शान्ति है !…….ईके लिए शैतानियत छोड़कर हर काम करना चाहिये !..”

मरियल से बाबा ने गहरी सांस भरी ………..“.. जो होगा सो अच्छा होगा !…..ई बताओ मोदी सरकार कैसे बनेगी !…कौन मंत्री बनेगा !..”

एक पंच साहब बोले …………“…. ऊ सब मोदीजी तय करेंगे …अनेक मुसीबतों में फंसे देश को क्रांतिकारी सरकार चाहिए ,…..मोदी जी राजनीतिक मजबूरियों को अलग करके काबिल विशेषज्ञों को जिम्मेदारी देंगे !……राजनाथ जी सरकार में शामिल होने से मना किए हैं !….आडवाणी बाबा को आराम से बैठकर सब देखना भालना चाहिए !……”

“.. देश जनरल वीके सिंह जैसा रक्षा मंत्री चाहता हैं ..” …………….एक युवा जोर से बोला तो दूसरा समर्थन में कूदा

………….“..सबसे योग्य हैं भाई !…..दमदार सेनापति रहे ,….कट्टर देशभक्त है ..खरी ईमानदारी की मिसाल हैं ,…ऊ सेना से दलाली मिटा देंगे ,…..ऊ रक्षामंत्री बने तो हमारी सेना का मनोबल बहुत बढेगा !…”

पीछे से एक और मांग उठी ……………“..और गृह मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह बने !…..पुराने आईपीएस हैं ,….बहुत नेक सच्चे सुलझे काबिल हैं !…अंदरूनी सुरक्षा खातिर ऐसे आदमी की सख्त जरूरत है !….”

पंचों को देखकर सूत्रधार मुस्कराने लगे ,….पंचों की मुस्कान भी फूट पड़ी ,…..इनसे बेखबर एक सवाल उठा …….. “..वित्त मंत्रालय बहुत जरूरी है ,..ऊ कौन लेगा !..”

आगे से एक मूरख खड़ा होकर बोला …………….“..बहुत दिन से विदेशी गुलाम वित्तमंत्री हमको धीरे से लुटाते रहे हैं ,..अब खांटी स्वदेशी वित्तमंत्री चाहिए ,….हमारे दिमाग में एकै नाम आता है ,….एस गुरुमूर्ति जी !……बहुतै दिमागदार सीए हैं ,…सब अर्थशास्त्र खोपड़ी में और .. दिल देशप्रेम से लबालब भरा है !…ऊ भारत हितकारी अर्थव्यवस्था चलाएंगे !..”…..तमाम मूरख खोपड़ियाँ सहमती में हिलने लगी तभी एक और आवाज आई

.“..और विदेश मंत्रालय !…….”

कुछ पल खातिर मौन छा गया ,…फिर बुद्धिजीवी टाइप वाला बोला ………“….सम्बन्ध ज्ञान जानकारी समर्पण के हिसाब से सुब्रमन्यम स्वामी जैसा कौन होगा !…..ई मंत्रालय दौडाने खातिर सबसे मस्त भारतपुत्र वही हैं !…उमर अनुभव सबसे भारी .. जोश उत्साह नौजवानों जैसा है !….”…………….मूरख सहमती फिर फैली

“..शिक्षा विभाग कौन देखे !…..”………….अगला सवाल हवा में उड़ा तो करीब से ही उत्तर उठा

“… शिक्षा मानव संसाधन विभाग खातिर जोशीजी जैसा योग्य कौन है !…हर कुंवे घाट इंसान का खुशबू पहचानते हैं !….शिक्षा संसाधन नियम प्रशासन पर गहरी पकड़ विशाल अनुभव है !..”

“..रेल पासवाने चलाएंगे ……भगवान् करे सही बुद्धि से चलाये !…”……………एक ने व्यंग्य किया तो दूसरा साथी बोला

“..भगवान सबको औकात के हिसाब से बुद्धि शुद्धि देंगे !…..अपने अकबर साहेब सूचना प्रसारण मंत्रालय बढ़िया चला सकते हैं ,……..लेकिन कृषि खाद्य विभाग कौन देखेगा !………ई हमरी खातिर सबसे जरूरी है ,…”

मरियल से बाबा गंभीर अंदाज में बोले ……………..“..देख तो कंपोंड्रो लेता है ,….सही इलाज करने खातिर सच्चा ज्ञानी कर्मठ देशभक्त चाहिए ,….डॉ. देवेंदर शर्मा सबसे अच्छे हैं !….जहरीली होती प्राणहीन खेती में जोरदार जान डाल सकते हैं ,….ऊ गुलाम होती किसानी बचायेंगे …..ऊ भारतीय किसानी खातिर पूरा समर्पित हैं ,….भारतीय किसानी का सनातन गौरव लौटाने में समर्थ हैं !….”

“..ई लोग सांसदे नहीं बने ….फिर कैसे मंत्री बनेंगे !..”……..एक शंका उठी तो एक पंच बोले

“..मनमोहन कब चुनाव लड़े ,…दस साल प्रधानमंत्री रहा !.”……..एक जबाब हाजिर हुआ तो आगे खड़ा युवा कुढा …

“..मनमोहन का नाम काहे लेते हो !…..उनके पुराने साथी संजय बारू ने किताब से सब हकीकत खोली है ,…गुलाम पगड़ी ने गांधियों खातिर देश लुटाया है ,….कमजोर से कमजोर प्रधानमंत्री .. पक्के से पक्का गुलाम है !..”

एक शांत मूरख हाथ जोड़कर बोला …….“..लेकिन भाई उनकी स्वामिभक्ति को हम परनाम करते हैं ,..सलाम करते हैं !..वफादारी हो तो एसी !…..वर्ना कूकुरो वफादार होता है !.”

“..फालतू बात न करो ,…मुद्दा सुलझाओ !..”…………शंका उठाने वाला फिर बोला तो पंच ने समझाया

“..सही सुधार व्य्स्वथा परिवर्तन खातिर मौजूदा व्यवस्था के हिसाब से सब काम हो सकता है !…..ई देशभक्त लोग मंत्री बने न बने उनकी और मोदीजी की इच्छा !…..हम अपनी इच्छा रख दिए ,….अब आगे बढ़ो !..”

पंचाधीश बोली ……………“…आगे का बढ़ना है ,….मोदीजी की विजय सुनिश्चित है ,……..मोदीजी कुटिल लूटतंत्र की साजिशों मक्कारियों गालियों से जूझते हुए पूरे पाक साफ़ संयत रहे !….. ई उनकी और महानता है ,….मोदी जी से देश को बहुत आशा है … ऊ बर्बाद होते देश को बनाने में पूरे जी जान से जुटेंगे !….चुनाव जीतना शुरुआत भर मानो !……..उनके ऊपर फालतू दबाव नहीं होना चाहिए ,….सब अपने विवेक ज्ञान से मिल समझकर काम करेंगे !….स्वामीजी और तमाम देशभक्तों से सलाह मशविरा लेंगे ,….फिर सब तय करेंगे !….”

पंचाधीश रुकी तो एक और पंच बोले ………..“…मोदीजी बहुतै सक्षम शासक हैं ,…सेवक रूप में खुद चाहे कौनो मंत्रालय न लेंगे .. लेकिन काम सबका देखेंगे !…..देश की पूरी जिम्मेदारी उनके समर्थ कन्धों पर है ,……सच्चे अनुभवी सक्षम देशभक्त साथियों को जिम्मेदारी बाटेंगे !…..सरकार छोटी रखेंगे ,.. हर छोटा बड़ा मंत्री महकमा अपनी पूरी ताकत ऊर्जा से काम करेगा ,……भ्रष्टाचार मिटाना कालाधन लाना सबसे पहली प्राथमिकता होगी !..”

एक और बाबा बोले ………“… इतिहाए उनको साठ साल बनाम साठ महीने के काँटा बाँट से तौलेगा !……हमको साठ साला लूटतंत्र का हिसाब चाहिए ,….अंग्रेजी लूटतंत्र से माँ भारती के चौतरफा विनाश हुआ है ,…अब सच्चे विकासपथ की तरफ उत्थान चाहिए !…..हमको नए स्वर्णिम भारत की मजबूत नींव चाहिए !…… हर सही काम में देशशक्ति उनके साथ होगी !….”

“..माने हम मोदीजी खातिर पूरा समर्पित हैं !…”………….एक महिला ने सवाल सा किया तो पंच फिर बोले

“…हमसब अपने देश खातिर समर्पित हैं !…..गांधी छाप राजतंत्र में मोदी के दुश्मने ज्यादा हैं !…….हम अपने तौर पर मोदीजी का सच्चा विपक्ष बने की कोशिश करेंगे !……देश उनमें अपना मसीहा देखता है ,…. लेकिन उनकी हर नीति सोच से सहमती जरूरी नहीं हैं ,……हम बेहिसाब शहरीकरण गलत मानते हैं ,..मौजूदा शहरों को सब सुविधाएं मिलनी चाहिए ,……हमारे गाँव को शहर जैसी सुविधाएँ रोजगार मिलना चाहिए ,…हमको तमाम अपराध से मुक्ति चाहिए ,…हमको भोजन शिक्षा रोजगार सुरक्षा चाहिए !….नक्सलवाद आतंकवाद से छुटकारा मिलना चाहिए ,…नकली नोट मिलावट तस्करी मिटनी चाहिए ,…..सबको सुन्दर शिक्षा स्वास्थ्य सेवा मिलनी चाहिए ,…गौरवशाली भारतीय भाषा ज्ञान का विकास होना चाहिए ,..मानवता की पालक गौमाता का संरक्षण संवर्धन होना चाहिए ,..गंगा माई और सब जीवनदायी नदियों की पीड़ा गन्दगी मिटनी चाहिए ,……विकास होना चाहिए लेकिन कुदरत का क्रूर दोहन बर्दाश्त के काबिल नहीं है !…घातक विदेशी संधियों पर फिर से भारतीय निगाह डालनी चाहिए !.….देश पर चिपके गुलामी के गहरे निशान मिटाने चाहिए !..”……………सब पंच से सहमत मिले ……..क्रमशः

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