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मूरख पंचायत ,…..राजनामा और -२

हमार देश
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गतांक से आगे ………

…..“….इस्लाम इसाई दोनों साम्राज्य मानवता कब्जाने खातिर हर पाप किये !…..”…….एक युवती ने फिर वही बात दोहराई तो एक बुजुर्ग मस्त अंदाज में बोले .

“..बड़ी बीहड़ लड़ाई है भाई !……दोनों एकदूसरे को खाना चाहते हैं लेकिन पहले हिन्दुस्तान मिटाना चाहते हैं !..”

पंच से फिर रहा न गया ..बोले ………“….तीसरी ताकत चीन भी जुटा है ,…..लेकिन हिन्दुस्तान मिटाने वाले पैदा होने से पहिले मिट गए !……सैकड़ों करोड़ साल पुरानी हमारी संस्कृति है ,….हम हमेशा मानवता को ज्ञान शिक्षा सुखशांति बांटते आये हैं !….हमने कुटिल क्रूर आक्रान्ताओं तक को क्षमा किया है ,.. सत्य सनातन धर्म विश्वबंधुत्व का भाव रखता है ,….”

“..लेकिन भारतीय लूटतंत्र तो भारत से सनातन संस्कृति मिटाने पर आमादा है !…”…………..एक युवा माता बोली तो युवा गरजा .

“.. ऊ भी शान से मिटेंगे !…..मानवता का उत्तराधिकार सम्पूर्ण सुखशांति है ,….ई काम सच्चे मानव धर्म से ही होगा !……”

एक और माता बोली ……….“..धर्म अधिकार सबका कुंजी कर्तव्य है ,….अँधेरी रात में जली उपयोगी मशालें आज भगवत्ता का प्रकाश नकारने वाली लुटेरी ताकतों के कब्जे में हैं !..मानवता को सत्य पहचानकर धर्मनिष्ठ कर्तव्यवान होकर अपना अधिकार मिलेगा !..”

एक निराश मूरख बोल उठा ……..“….. आज हर देश हर धर्म हर सत्ता हर इंसान अधर्म अँधेरे का का साथी या शिकार है !…बेबस निर्लज्जता में हमारी भावनाएं गिर गयी हैं ,…अपराध अन्याय अत्याचार को हम स्वीकार किये हैं !….हम मानवी चोले पशुवत जीते हैं !….”

“..ई सब बात का कोई मतलब नहीं है ,…आज जरूरत है हम खुद को पहचानें और ऊ हिसाब से काम करें !…”…………पंचाधीश फिर बोली तो एक अमली जैसा मूरख बोला

“……. अरब देशों के पास धन बहुत है ,…ड्राइवरौ दीनार में पगार लेता है ,…..लेकिन अन्याय उनका घड़ा फोड़ने वाला है !…मातशक्ति पर भीषण अत्याचारी बंदिशें हैं ,…नतीजा बुरे होगा !…”

मूरख मत के समर्थन में एक और बोला ….. “……ज्यादातर इस्लामिक अमीर मदहोशी में हैं भैय्या !…..अपना पैसा धर्म के बजाय अधर्म में ठूंसते हैं !….आज जिहाद से बड़ा झूठ और का होगा !…..जिहाद करना है तो सच्चे मन खुले दिमाग से सनातन धर्म परंपरा विश्व बंधुत्व अपनाना ही मानवता का शेष चारा है !..”…………..सहमती में खोपड़ियाँ हिली पीछे से एक और आवाज आई

……..“..यूरोप अमरीका हम सहित बाकी दुनिया से लुटे धन पर मौज करते हैं ,…..”

बगल से ही जबाब आया ….. “… घंटा मौज करते हैं !…….सब देश कर्जे में नखशिख डूबे हैं !…फरेबी तानाबाना उखड़ते ही सब कंगाल मिलेंगे !….सबका मालिक लुटेरी पूंजीपति मंडली है ……ई बमुश्किल हजार पांच सौ लोग होंगे !….सब दुनिया के टाप नेता रजवाड़े तानाशाह उनके गुलाम हैं !…..उनका मुख्यालय इजराइल है !…..वहीँ से चाबी भरी जाती है ,….दुनिया लूट मंहगाई नशा बीमारी बेकारी अन्याय अपराध आतंकवाद नक्सलवाद युद्ध में मरी जाती है !..”

“……सबको भारत से सबकुछ सीखना होगा !……प्रेम से अपनाना होगा !..हम हमेशा सीखे सिखाये हैं ,…कहीं की जनता बुरी नहीं है ,…लेकिन दुखी सब हैं !….हमको जानना होगा कि हम काहे दुखी हैं ,..काहे से कि दुनिया पर गिनती के ईश्वर विरोधी शैतान काबिज हैं ,….ऊ हर धर्म का चोला ओढ़े हैं ,…..हमारे पास जागने के सिवा कोई चारा नहीं है ,…हमको जागकर सबको जगाना चाहिए !..”…………..मरियल से बाबा का जोशीला बयान आया तो सूत्रधार फिर बोले

“..तो राजनामा सुनो ………….लूटतंत्र से निजात लेकर कश्मीर को फिर जीवंत स्वर्गिम वादी बनाना होगा ,……..झूठी आजादी के बादौ कांग्रेसी काम लूटना था और भरपूर है ,…विकास उत्थान योजना परियोजना सब फरेबी जाल है ,….अंग्रेज भी करते थे ,……सत्ताई भ्रष्टाचार दलाली मक्कारी को खुद नेहरू ने चालू किया …… भ्रष्टाचारी मंत्री शैतान नेहरूजी के ख़ास थे ,…उनकी अय्याशी मदहोशी मक्कारी के आलम में चीन ने हमारा बड़ा हिस्सा कब्ज़ा लिया ,…स्वर साम्राज्ञी के महान दर्दीले सुरों पर दू बूँद टपकाकर नेहरूजी महान दूरदर्शी नेता बन गए ,……उनकी दूरदर्शिता के का कहने ,….अपने किसी दुश्मन को पनपने ही न दिया !……कोशिश करने वाले शातिर चालों में निपट गए या यार दामाद गांधी बना लिए गए ,…..अटूट अंग्रेजी छाप खानदान की अखंड राजशाही खातिर दिव्य भारत का स्वर्णिम अतीत कलंकित किया गया ,….जाली बिकाऊ लेखकों के सहारे भारतीय स्वर्णयुग पर कालिख पोती गयी ,……..हमको पढ़ाया गया कि हम मूरख जाहिल नालायक कमजोर स्वार्थी अपराधी लोग हैं ,….हमारे पूर्वज जंगली अनैतिक मांसभक्षी गौभक्षी थे ,……”

“..ई सरासर झूठ है ,….हमारे पूर्वज महान थे ,..ऊ महाज्ञानी विज्ञानी थे ,…..जब दुनिया को ककहरा नहीं आता था ,…तब हम चाँद सितारों की सटीक नाप करते थे !…हमारे पास अद्भुत विमान थे ,…..हमारा विज्ञान आज से बहुत ज्यादा उन्नत था ….हम विद्या ज्ञान धन विज्ञान कला संस्कार से मालामाल थे ,….हम पूरा नैतिक सदाचारी शांत सुखी थे ..”……………एक युवा ने जोशीले अंदाज में अपनी बात कही तो एक माता बोली

“….काहे से कि हम सनातन मानव धर्मी थे ,…..हम आत्मज्ञानी थे ,…हम जानते थे कि मानव ईश्वर की श्रेष्ठ संतान है ,……हम सब सुखी शांतिमय गौरवमय जीवन जीते थे ,….मातपिता परमेश्वर की छाया प्रकृति मैय्या के सम्मान सहयोग से हम महासम्पन्न थे ,….. हम चौमुखी विकास के साथ ऊर्ध्वमुखी थे ,…..कर्मठता से दुनिया की सब संपत्ति पाकर संसारहित में सबकुछ त्यागना हमारा धर्म था ,…हमारे तमाम राजा महराजा देवतुल्य आचरण करते थे ,…उनके कर्म प्रजा में नैतिकता कर्मठता के साथ सब सुख भरते थे !..”

एक पंच भावहीन मुद्रा में बोले …….“….प्रकृति का नियम है !…..जो हम देखेंगे वहै सोचेंगे फिर वहै करेंगे और वहै बनेंगे !…..हम अपनी योगता काबिलियत सुसंस्कार प्रयत्न पुरुषार्थ के बूते सम्मान स्थान पाते थे ,….हम असल सच्चाई जानते थे ,…आत्मा से सब एक हैं !…बाहरी बढ़त घटत उनका माया खेल है ,…हम आत्मबली थे ,…हर खेल जीतते थे !..”

“…आत्मसत्य जाने वाला आत्मबलियो होगा …..”………….एक बुजुर्ग ने संक्षिप्त प्रतिक्रिया दी तो एक माता बोली

“..लेकिन भैय्या ,…राक्षसी काली रात में हम आत्मबल गँवाए हैं ,…..आज हर इंसान अपना सुख चैन गँवा चुका है ,…भीतरी बाहरी बहत्तर बीमारी देश को कमजोर बनाए हैं !…आज की गरीबी जहालत बीमारी बेकारी अन्याय अपराध अत्याचार नशा वासना देखकर कौन मानेगा कि कभी हम सर्वसम्पन्न थे !..”

बुजुर्ग आगे बोले …………“…मक्कार लोग असल झूठ को घिसघिस के सच्चे जैसा पालिश कर देते हैं भौजी ,…ठोस अखंड सच ई है कि हम विश्वगुरु महाशक्ति थे ,…..हमारा समाज हमारी संस्कृति हमारी भाषा हमारी शिक्षा विज्ञान हमारा उद्योग व्यापार हमारी कृषि सर्वोत्तम थी !…हम सर्वसम्पन्न आत्मज्ञानी पूर्ण नैतिक शांत संतुष्ट सुखी थे ,…..”

“..यहै भगवत्ता है ….भगवान् फिर आओ !..”…………..माता ने प्रार्थना जैसी मुद्रा दिखाई तो सूत्रधार फिर बोले

“..पहिले राजनामा सुन लो मैय्या !…….हमारा इतिहास भूगोल बिगाड़कर नेहरूजी ने अपनी खानदानी गुलाम सल्तनत पक्की करने का हर इंतजाम किया !…फिर बाकी गांधियों का हाल सब जानते हैं !……महाभ्रष्ट राज में आपातकाल की भयानक क्रूरता हुई ,..संजय गांधी की चंडाल चौकड़ी ने मानवता के सीने पर खूब धमाचौकड़ी मचाई ,…पंजाब में आतंकवाद बनाया पाला गया ….फिर बीज के अलावा बेदर्दी से सब मिटाया गया !…..सोनिया नामक नयी विदेशी चालबाज जासूस राजघराने में आई ,…हमारे रजवाड़ों का अकूत धन बेरोकटोक इटली पेरिस लन्दन अमरीका गया !.. इण्डियारतन शरीफ गांधी दलाली करता था ,…….इंटरनेशनल नेताई के चक्कर में भला बुरा सब भूल गया ,…चौरासी का भीषण नरसंहार उसकी भयानक करतूत थी !…”

एक ने फिर टोका ……………….“..आज पूरी चंडाल मंडली काबिज है ,…..रोज सैकड़ों करोड़ काला धन विदेश जाता है ,….काले विदेशी बैंक यहीं ले आये ,…चोर वादा व्यापार सट्टा दलाली सरकार खुदै कराती है ,….सोनिया गांधी की एक नम्बरी दौलत लाखों करोड़ डालर है ,..खानदान चेला चम्मच गुप्त खुले दलालों को मिलाकर हजार लाख करोड़ होगी ,..मूरख बना देश भयानक गरीबी भोगता है ,…..घोटालों महाघोटालों की गिनती करना मूरखता है ,…मंहगाई बीमारी बेकारी नशा वासना कुशिक्षा अपराध अधर्मी अन्यायतंत्र का कारनामा है ,..आतंकवाद नक्सलवाद अलगाववाद का भयानक दर्द गांधीछाप लूटतंत्र की देन है !….घातक पड़ोसी दुश्मन नेहरू गांधियों के बनाए बढाये हैं !.”

दूसरा युवा साथी बोला …………“..विदेशी गुलाम गांधीछाप लूटतंत्र को भारत से पूरा उजड़ना होगा !..खानदानी गुलाम कुछौ करेंगे तो केवल साजिश ,…..कान्ग्रेसियत ओढ़े बिछाए आज का कोई दल ई काम नहीं कर सकता ,..सब में वही घुसे हैं !…”

एक पंच बोले ……………“..मोदीजी से देश को बहुत आशा है ,.अपने राष्ट्रऋषि पर भारत को पक्का विश्वास है !….ऊ जो किये ऊ कोई युगों में करता है !….अब युग बदलने की घड़ी है !…..”

सूत्रधार बोले …… “…अरे आगे सुनो …….भारत बर्बाद करने वाले महाघोटालेबाज देशद्रोही नेता मस्त सुरक्षा में शान से घूमते हैं ,…..गुलाम घोटालेबाज हारकर भी राजभवनों में मस्ती जासूसी करते हैं ,….नाजायज बाप अपनी औलाद को राजवारिस बनाता है !…मानो देश इंसान मानवता उनकी बपौती है !..लुटा पिता भारत देश बर्बादी के मुहाने पर है ,…मानव की मानवता बर्बाद हो रही है ,….हमारा जल जंगल जमीन सब नीलाम है ,..विदेशी निवेश के सहारे कालाधन लाकर हमपर टोपीबदल क्रूर कंपनी राज लादना चाहते हैं ,…बिजली है नहीं …सड़कें खँडहर हैं ,…ट्रैफिक जाम है ,….माल चमकते हैं ,…गाँव गरीब अँधेरे में सिसकता है ,..किसान मजदूर नौकर उद्दमी व्यापारी सब बेहाल हैं ,..गाँव से दिल्ली दरबार तक अन्याय अपराध झूठ फरेब लूट चोरी सीनाजोरी है ,….हम हमारी संतति हमारा स्वभाव संस्कार महान खतरे में है ,…महान भारत भारतीयता भयानक खतरे में है ,….शैतानतंत्र मानवता मिटाने को बेकरार है ,…भोगवादिता में घर परिवार इंसान टूटने लगे हैं !……अब सबकी परीक्षा की घड़ी है !….भारत भारतीयता मानवता के उत्थान खातिर सबको जागकर सही रास्ता पकड़ना होगा !……गिरों को उद्धार और शैतानों को सजा का अधिकार देना होगा !…झूठे नारे लगाकर देश खाने वाली कांग्रेस कान्ग्रेसियत को जडमूल से उखाड़ना होगा ,…..मक्कार माता युवराज युवरानी की सजा से इतिहास सबक लेगा ,..लोकतंत्र परसे महाभ्रष्टों का खानदानी कब्ज़ा हमेशा के लिए मिटेगा !…..भारत मानवता पर छाए भयानक काले बादल हटेंगे ,….महान स्वदेशी उत्थान होगा ,..सनातन सभ्यता में फिर सुख शान्ति का राज होगा ……और सब शान से बोलेंगे !…..भारत माता की जय !..”

लेख समाप्त हुआ तो सब जोर से बोले ….. “..भारत माता की जय !……”

एक पंच खड़े होकर बोले ………….“..अब हमको सब विकार नकार झटकने हैं ,…..प्रभु कृपा से ई काम होकर रहेगा !…..इंसान महान है ,….भारतवासी महान हैं ,…हम सब मिलकर स्वर्णिम भारत सुखी दुनिया बनायेंगे !……..आज विकारों का प्रतीक होली जलेगी ,….सब प्रभु से प्रार्थना करके अपने विकार स्वाहा करेंगे ……हम खुद को ठीक से पहचानेंगे !….दयानिधान सब पर दया करेंगे !………….अब चलकर उबटन लगाते हैं ,….रंग खेलते हैं ,.फाग गाते हैं …पशुओं को स्नान करवाते हैं ,…..मिठाई खाते हैं ,..सबसे गले मिलते हैं ,….प्रेमोत्सव पर भगवान् सबको प्रेम से सराबोर करें ,…हम सब स्वामीजी की तरह योगी ध्यानी पुरुषार्थी बनें ….प्रभु से यहै प्रार्थना है ,….भगवान् अपने भक्तों को हमेशा उबारते हैं ,….. सबको होली की बहुत बहुत शुभकामना बधाई  !….”……पंचायत होली मनाने के लिए उठ गयी ……अगली बैठक का फिर इन्तजार रहेगा ..

वन्देमातरम !

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