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मूरख पंचायत ,….राजनामा और -१

हमार देश
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गतांक से आगे …………….

…“..अरे गोविन्द लिखे चाहे भरत बलराम मेघनाद  …..तुम विचार सुनाओ !…”………..एक बाबा व्यंग्य से व्यग्र हुए तो सूत्रधार शुरू हुए …

“…भारतीय लूटतंत्र के आसमान पर फिर चुनावी मौसम छा गया !……..भरपूर रैली रोडशो वादे इरादे प्रचार गफ्फे भावनाएं कामनाएं फैलती जा रही हैं ,….. टिकटों की नापतोल बंटाई कटाई अदलाबदली जारी है !…..लूटतंत्र के खानदानी मठाधीश सामंत सिपहसलार चम्मच चाटुकार लोग सब जोर जुगत लेन देन लगाये हैं ,…जिसको मिला वो मुरीद खालीहाथ धंधेबाजों को दूसरे दरवाजों पर जाने से परहेज नहीं ,…..कांग्रेस यूपीए का हाल गिरगिटी मगरमच्छ जैसा है ,……….पक्के विदेशी दल्ले हमारा सबकुछ खा पचाकर हर रंग दिखाने में माहिर हैं ,…भरपूर जहर मिला शिकार चारा डाला है … भाजपा एनडीए में उनके गुप्त दलालों की भरमार है ,…वोट फार मोदी वोट फार इण्डिया …..हर हर मोदी घर घर मोदी जैसे असरदार नारे हर घर दिमाग में घुस चुके हैं ,……लेकिन ई लोग अपने घर की भारी गन्दगी साफ़ करे की जगह बाहरी गन्दगी अन्दर ठूंस रहे हैं ,…जिसके पाए लचर कमजोर बिकाऊ होंगे ऊ कुर्सी पर बैठा इंसान आसन बचाएगा कि देश !…….उधर मौके पर करोड़ों में बेमौके टका भाव बिकने वाले बैंगनों ने मिलकर तीसरा मोर्चा बनाया है !……एनजीओ मंडली चौथी हांडी की पुरजोर आजमाइश में जुटी है !…जाति पंथ भाषा क्षेत्र तुष्टिकरण की साजिशी राजनीति ने देश बर्बाद कर दिया है ,….आखिरस में जहाँ मुसल्लम टिकाऊ खाऊ प्रबंध होगा उधर चले जायेंगे !……..दलीय दलदल में इधर उधर आने जाने का सिलसिला चालू है ,…कल तक के दुश्मन आज एक हैं ,……पुरानी एकजुटता पुरानी बात है !….ख़ास किस्म के चाटुकार दूसरों की चाटने लगे हैं ,……गांधी छाप लूटतंत्र मानो चीखकर कहता है … ‘जहाँ चाहो चले जाओ सब खाऊ हमारे हैं ,…नेता बन भारतद्रोह करो नाचो जैसे इशारे हैं !..’…

..उधर भरमार बैनर पोस्टर तैयार हैं …….चुनावी चकल्लस में हर रंग है सिवाय हमारे मुद्दों के ,…केवल मोदी ने कुछ मुद्दों पर साफ़ बात करी है ,…उनमें कालाधन भ्रष्टाचार कश्मीर जैसे नासूरी मुद्दे सुलझाने की कूवत है ,….लेकिन एनडीए से देश का उम्मीद करे ,…अटलजी ने छह साल खिचड़ी सरकार चलाई ,……साजिश विदेशी सहायता के सहारे ऊपरी विकास के सिवा का किया ,…काम के बदले अनाज योजना को गांधिओं ने देश लुटाऊ मनरेगा बना लिया ,….बड़ी सड़कों पर खतरनाक वसूली होती है ,…ग्राम सड़क योजना गड्ढों में घुस गयी ,……..भ्रष्टाचार में डूबी अनमोल सरकारी कंपनियों को बेंचा गया ,…स्वदेशी राग सिरे से गायब रहा ,..सबजगह विदेशी निवेश राग सिर चढ़ा है !….कश्मीर मंदिर मुद्दे की बाते छोड़ो !…आज कश्मीरी जगहों नदियों के सनातन भारतीय नाम उड़ाने का काम होता है  … ,….राम के देश में राम फटे तम्बू में बिराजते हैं ,….रामसेतु तोड़े खातिर गांधी बाप संस बेचैन है ,…….उनके होंठ कालाधन पर कहाँ हिले ,.. भ्रष्टाचार पर नजर कहाँ गयी ,….सही सवाल ई है कि का एनडीए सरकार भी विदेशी मुखौटा थी !…..हमारा उत्तर हाँ हाँ हाँ है !…..केवल दिखाने खातिर परमाणु परीक्षण हुआ ,….उधर चीन ने पाकिस्तान का करा दिया !……पाकिस्तानी दोस्ती की चाहत में कारगिल युद्ध मिला ,…हमारे तमाम सपूत शहीद हुए ,…तब माँ की कुछ लाज बची ….शैतान अब का करेंगे !…”

“..भैय्या मोदी भारत स्वाभिमान के सब मुद्दों से सहमत हैं ,…..सही काम करने का वादा इरादा किया है ,….स्वामीजी भी उनको समर्थन दिए हैं !…”………..एक माता ने बीच में अपना मत दिया तो मरियल बाबा भड़क उठे

“..ऊ हमरी मूरखता से उनको समर्थन दिए थे ,…हम मूरख बीमार नशेड़ी लोग पचास टुकड़ों में बंटे हैं ,….स्वामीजी योगबल से पहले समाज को शुद्ध निरोगी आध्यात्मिक बनाना चाहते हैं ,….ऊ पूरी मानवता का सर्वांगी उत्थान चाहते हैं !…”

पीछे से एक और मूरख उचका ……….“…..लेकिन शातिर भाजपाई कुनबा उनका इस्तेमाल करना चाहता है ,.. हमारे मुद्दे का हल करेंगे ,….. नई एनडीए सरकार का कर लेगी !…रामविलास जैसे महाभ्रष्ट बैंगन का करेंगे ,…..भ्रष्टों का गठजोड़ का काम करेगा !..”

बीच से एक और फटा ………“.. पुराने घिसे नकारा ठलुवे सांसद बनेंगे !……सबके निजी स्वार्थ निजी दलाली है ,..सबको अपना चम्मच कुनबा पालना है !…..चुनाव में उतरा कोई दल हमारा भला कैसे करेगा !……कांग्रेस पक्की विदेशी गुलाम है ,…सब क्षेत्रीय दलों के खानदानी सरगना घूमफिरकर उनके गुलाम हैं ,….सब दलों में उनके वफादार जयचंद गुलाम हैं !…….नयकी गुलाम मंडली का अलग तमाशा जारी है !…सुने हैं अमेठी में मारपीट हुई है !..”

बुद्धिजीवी टाइप वाला बोला …….“…..विदेशी आका शातिर कठपुतलियों को भिड़ाकर अपनी खेमेबंदी करते हैं .. फिर हमारा खून चूसते हैं !….बाहरी सफ़ेदी पोते अन्दरतक भ्रष्ट देशद्रोही काली ताकतें भीतरखाते एक हैं ..”

एक और बोला ………….“..सब भ्रष्ट हैं !…..कांग्रेस महाभ्रष्टों की आदिमाता है !….कबीलाई कुनबे भ्रष्ट खानदानों की जागीर है !…..एनजीओ मंडली के अपने शातिर फार्मूले हैं ,..आज देश को मोदी ही प्रधानमंत्री चाहिए !….”

कोने में जमा शांत मूरख आगे बढ़ा ………..“..चाहिए जरूर चाहिए !….लेकिन हजार बंधन में का कर पाएंगे …लूटतंत्र के आदि दल्ले मानव समूहों को भटकायेंगे !…सतह पर संकट पैदा करेंगे ,.. …..राजनीतिक जमाबयानी उठापटक जारी रहेगी….. जरूरी मुद्दे गुमनाम फाइलों में दफ़न रहेंगे !…”

“..भाजपा इतनै ईमानदार है तो काहे नहीं कोई सांसद कालेधन को राष्ट्रीय संपत्ति बनावे खातिर बिल लाया !……दो चार लोग मिलकर ई काम कर सकते थे !..लेकिन सबपर भारी गांधी सवारी !…”………..एक और तंज आया तो मरियल बाबा फिर बोले .

“..लूटतंत्र की निर्लज्ज नंगई दुनिया जान चुकी है …….सब एकै थैली के गुलाम हिस्सेदार हैं !….भारतीयता मिटाने भारत खाने का प्लान सर्वदली हो गया है !……..वोटबैंक सीट सत्ता खातिर तमाम जोड़गाँठ गुणाभाग जमाखर्च जारी है ,……..ई चुनाव भारत के साथ पूरी दुनिया खातिर बहुत महत्वपूर्ण हैं !……..हजार लाख करोड़ का सवाल है …. निर्णायक मोड़ पर खड़ा देश अपने हक़ में का निर्णय लेगा ?…..”

सूत्रधार फिर बोले …………“.. हर सवाल का उत्तर अपने समय पर ही मिलेगा ,..आगे सुनो ….” …….सब शांत हो गए उन्होंने पढना शुरू किया

“………चुनाव में कांग्रेस का सफाया साफ़ है ,…लेकिन ई माहौल में कांग्रेसमुक्त भारत समस्यामुक्त मानवता का सपना बेमानी लगता है !…..शातिर अंग्रेजों की बनायी बढ़ाई कपटी कान्ग्रेस ने पूरे राजतंत्र को अपनी शैतानी बाहों में जकड लिया है !……सच्चे भारतभक्तों को ठिकाने लगाने खातिर सगे दोस्तों को दिखावटी दुश्मन सेना में भर्ती मजबूती अभियान चालू है ,…कांग्रेस पूरी ताकत से कान्ग्रेसियत फैलाने में जुटी है ,……कान्ग्रेसियत का अर्थ है सफेदपोशी से बांटकर लूटना है !……देवता सरीखे अंदाज पोशाक में धुर राक्षसियत का सीधा अर्थ कान्ग्रेसियत है !…..भारत खाने भारतीयता मिटाने खातिर पक्के अंग्रेजी प्लान का नाम कांग्रेस है !….

अब एक सरल सवाल है ,…सवा सौ साल पुरानी कांग्रेस ने भारत में क्या किया !..तमाम उत्तर होंगे ,….भारतपुत्रों को मिटाना असली उत्तर है ,…..श्री अरविन्द से लेकर भगत सुभाष आजाद भाई राजीव दीक्षित जैसे लाखों क्रांतिकारियों का मिटाने गिराने का काम कांग्रेस की सबसे बड़ी उपलब्धि है !…..सवासौ साल में हजारों दंगे कराना इनकी बहुत बड़ी उपलब्धि है ,…समाज को खंड खंड करना और चुपके से ईसाई साम्राज्य बढ़ाना इनकी असल उपलब्धि है ,…..इसकी छाया में तमाम काम हुए ,……अंग्रेज बिना भगाए भाग गए !…..गांधी बाबा तो बयालीस में अंग्रेजों भारत छोड़ो बोलकर चुप हो गए थे ,….चुपके से भारतीय जवानों को क्रूर अंग्रेजी सत्ता की गुलामी की प्रेरणा बांटते रहे ….फिर अंग्रेजी कामनवेल्थ सल्तनत ने अपने खासमखास पिट्ठू गुलाबी नेहरूजी और जिन्नाजी को प्रेम से सत्ता हस्तांतरण काहे किया ,…..मजबूरी दोतरफा थी ,….आजादहिंद फ़ौज के सूरमा अंग्रेजी बेड़ा गर्क करने पर आमादा थे ,…. यहाँ रहकर राज करना उनके लिए बहुत घाटे का सौदा था ,….लूट से ज्यादा गंवाना पड़ता ,…दूर रहकर लूटराज चलाना उनके हिसाब से सटीक निर्णय था ,……बार बार आजमाये पक्के पिट्ठुओं के होते उनको कोई समस्या नहीं आई ,..महात्मा नामक महान गांधी के दो खासों के बीच भारत काट दिया गया ,..नाम मिला आजादी का ,……आजादी के नाम पर महान भारत से महानतम छल हुआ ,…….सोने की चिड़िया देश विकास के नाम पर और बेदर्दी से बर्बाद किया गया ,…..विश्वबैंक विश्वव्यापार संयुक्तराष्ट्र जैसी शातिर चालों विदेशी संधियों में भारत और कसा गया ,….तब डालर रुपया बराबर थे ,…आज हम पचास साथ गुना गिर गए ,…….फिरौ गाना चला .. दे दी हमें आजादी बिना खड्ग बिना ढाल साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल !……भारत भूमि के साथ मानवता के खुनी टुकड़े उस अहिंसावादी संत का महान कमाल ही था !…….हम कितने भी उदार क्षमाशील बन जांए .. लेकिन राम का नाम लेकर भारत को मूरख बनाने वाले लंगोटीधारी त्यागी गांधीजी के दो गुनाह माफ़ी लायक नही हो सकते हैं !……उन्होंने अपने गुलाम अहंकार में युगपुरुष नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की पीठ में छुरा घोंपा ,…..उन्होंने नीच अय्याश फरेबी देशद्रोही नेहरूजी से नंगा प्रेम किया !……इन गलतियों की भारत ने बहुत बड़ी कीमत चुकाई है ,..तब से आज तक घायल होती मानवता बार बार हरबार शर्मशार होती आई ….यही आजकी कांग्रेस आई का दोटूक सत्य है !……कांग्रेस खासकर नेहरू खानदान का पूरा लेखाजोखा करना असंभव है !….चुनाव जीतने के बावजूद नेहरूजी ने सरदार पटेल को प्रथम प्रधानमंत्री नहीं बनने दिया !…. कुटिल कपटी कायर मूर्ख महात्माजी ने पूरी शक्ति से उनका साथ दिया ……बापू खुद को राम का जापू बताते थे ,…सबको सद्बुद्धि खातिर ईश्वर अल्लाह से प्रार्थना करते थे ….ऊ सगे साथी नेहरू के आचार विचार काहे कैसे नहीं जाने ,……हम पूरा पूरा मूरख है ,…..लेकिन दिमाग साफ़ साफ़ देखता और कहता है ,…..गांधी नेहरू में अनैतिक सम्बन्ध था !….झूठे सतप्रयोगी कामुक समलिंगियो थे ,…”

“..तबहीं आधुनिक गांधी लोग समलिंगता के पुरजोर पक्षधर हैं ..”…………एक और कटाक्ष आया तो एक पंच सहजता से बोले

“…समलिंगी स्वभाव मानवता के खिलाफ है ,..ई भी बीमारी है !….लौंडेबाजी का चस्का क्रूर आक्रान्ताओं नबाबों ने फैलाया !…..और गांधी गिरोह भारत खाने मानवता गिराने खातिर हर काम का पक्षधर है !..”

सूत्रधार फिर बोले ….. “…आगे सुनो ………….अपने पाप छुपाने खातिर महान देश को पापी कुण्ड के हवाले किया गया !….वैसे नेहरूजी बड़े काबिल नेता थे ,……आते ही अंग्रेजी इशारे पर स्वर्गमय कश्मीर को जहन्नुम बनाकर देश को झूठी जेहादी आग में जलाने का इंतजाम किया !……जिस सिर ताज से खून बहे ऊ का तरक्की करेगा !….तब से आजतक हमारे खून पसीने का भारी हिस्सा कश्मीर पर लगता है ,….शांत सुरक्षित पूरा कश्मीर आज के इन्डियन बजट बराबर कारोबार दे सकता है !……कुदरती करिश्मे में बैठकर पूरी दुनिया योग अध्यात्म मानवधर्म आत्मसात कर सकती है ,…जमीनी जन्नत से पाप अपराधहीन सुखी मानवता पनप सकती है !……”

“..भटके लुटेरों को धर्म से का लेना देना ,…..नेहरू समेत आधुनिक कलियुगी दुनिया की लगभग सब सत्ताएं ईश्वर को नहीं मानती ,..मूरख बनावे खातिर दिखावा जरूर होता है ,…सबको मिटाकर दुनिया पर एकक्षत्र राज का सपना पाले चर्च की पक्की एजेंट गांधी फैमिली है !….ऊ मंदिर दरगाह सब जगह माथा टेकते हैं !….”…………..एक और मूरख ने टांग फंसाई तो एक और पंच बोले

“…उनका साथ कोई देवी देवता पीर फ़कीर न देगा ..लेकिन .धर्म सत्ताएं अपने विस्तार खातिर मानवता से तमाम गिरने को उतावली रही ,…..इस्लामिक बढोत्तरी कैसे हुई ,….ईसाइयत कैसे फैली !….तलवार हथियार छल प्रपंच पाखण्ड लालच सब कुटिलता का प्रयोग हुआ ,….”

“…आजौ धर्मान्तार्ण खातिर हर हथकंडा अपनाया जाता है ,..ईसे लाभ का है !…”…………….एक और मूरख ने सवाल किया तो सूत्रधार ही बोले

“….ईसे सब लाभ दुनिया कब्जाने वाले शैतानों का है ,….इस्लामी ईसाई धर्मांतरण से मानवता को शून्य से नीचे लाभ हुआ है !…..कौन देश में इस्लामी आबादी सुखी है ,..कौन ईसाई बनकर सुखी हुआ !….झूठा सुख पाया भी तो औरों को दुःख देकर …उकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी !…”

पंचाधीश ने लम्बा मौन तोडा ……….“..हर जीव भागवत व्यवस्था के अधीन है ,..धरती पर मानव उनके सबसे करीब है ….उनकी रची सुन्दर संतानों को जगत स्वामी के अधीन होना ही चाहिए !…..उनकी व्यवस्था जान समझकर प्रकृति सहायक मानवीय व्यवस्था बनाना अपनाना हर इंसान का कर्तव्य है !..”……………क्रमशः

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