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मूरख पंचायत ,…..हरिइच्छा सर्वोपरि !

हमार देश
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गतांक से आगे …

जोशीले नारे रुकते ही एक बाबा बोले ………….. “..चिट्ठी ठीकै लिखी है ,..लेकिन ..हमको तुम लोग की मूरखता पर अन्दर अन्दर हंसी आती है ….”

“..अन्दर अन्दर काहे …….लम्बा हास्यासन लगाओ …..खुलकर हंसो बाबा !.”………..एक युवती ने चिकोटी काटी तो बाबा मचले .

“..खुलकर हँसे का मौका नहीं है ……तुम सब धुर मूरख हो !……जो ब्रम्ह्मुहूर्त से पहले उठा हो ,…ऊको मुर्गा बांग काहे सुनानी !…….स्वामीजी जाग्रत भारत देवता हैं !….करोड़ों का लाइलाज दुःख दर्द बीमारी ठीक किये हैं ,…….सबको स्वस्थ सुखी समृद्ध बनावे खातिर दिन रात चलते हैं !….ऊ घोर निराशा के अँधेरे में दिव्य उजाला हैं ,…उनको तुम लोग टार्च बत्ती काहे दिखाते हो !…….”…………….बाबा कटाक्षिल अंदाज में बोले तो एक पंच बोले .

“..तुम ठीक कहे बाबा ,…लेकिन मुर्गा अपना काम करे तो का बुराई है !…….सूरज अपने समय पर निकलेगा ही !………स्वामीजी बताते हैं ,..सब मुसीबतों का समाधान योग आध्यात्म है !………हम वही बात घिस कर फिर उनको सूना दिए !…”

“..ऊ केवल कहते नहीं .. कर के दिखाते हैं !…..सैकड़ों जांच मुकदमा डबल सीबीआई के बादौ स्वामीजी एक पल खातिर झुके नहीं रुके नहीं !…..सच को रोके वाली औकात झूठे शैतानों में नहीं है ……ऊ भारत में भगवत्ता का उजाला भरके दिखाएँगे !…….”…………पंचाधीश भाव से बोली तो मूक सहमति बिखर गयी …

“..और दिल्ली में का देखने को मिला !………संसद में मिर्चा बम चला ,……दल केजरीवाल दिल्ली छोड़ भाग गया !…”……………….एक मूरख आगे बढ़ा तो मरियल से बाबा बिफर पड़े

“..लूटतंत्र का यहै हाल रहा तो एकदिन ई संसद में फावड़ा कुदाल तलवार बारूदी बम चलेंगे ,…….गद्दार गांधी लोग बख्तरबंद गाड़ी में वोट मांगेंगे…….विदेशी चमचा भाई लोग बमनिरोधक पोशाक धारण करके कानून बनायेंगे !………बच्चा गांधियों की लाइन रिपेयर करे खातिर लोगों को बोलने नहीं दिया जाता !……डाकुओं का अड्डा मछली जैसा चोर बाजार बना है !….”

“… देशतोडू कानून बनाने वाले शातिर शैतानों को भगवान जल्दी आसान मौत न देगा !….घिस घिसकर मरेंगे ….ऊ हरपल मौत मांगेंगे ,…मौत का दिल मोर मांगेगा !…..पैर से लटकाकर फांसी लगेगी !…”……………एक और युवा का गुस्सा फूटा तो पंच ने समझाया .

………….“…ठण्ड रखो लाला !….इनका कोई कानून न चलेगा !……राष्ट्रभक्त सत्ता आएगी ..अंग्रेजों से लेकर अब तक के सब काले कुटिल कानून फाड़े फेंके जायेंगे ,…..सुन्दर व्यवस्था से महान देश शान से चलेगा !…..गांधियो पर अकड़ा अमरीका मोदी के क़दमों में आ गिरा है !….”

एक और मूरख मत आया ……………“…….गांधियों की पूरी पटरी उड़ चुकी है ,…विदेशी गुलाम खानदानी कुटिलता हिन्द महासागर में लादेन की तरह दफ़न हो जाई !……सब गद्दार मक्कार धुंवे की तरह हवा में उड़ जायेंगे ,….अबकी उनको दहाई आंकड़ा पार करना नामुमकिन लागे !..”

“…अरे कांग्रेस मंडली का खाता न खुलेगा ,…उनको एक वोट देना अपराध मानो ,…..लेकिन केजरीवाल को का हुआ !……कहाँ गया दिल्ली का बिजली पानी सदाचार वादा …”……..एक महिला ने सवाल किया तो खड़ा युवा शुरू हुआ

“..देश दिल्ली से उनका का लेना देना ,…..उनका इरादा नारे लगाकर देश कब्जाकर विदेशी जाल मजबूत करना लागे ,..नित नया झूठ बोलते हैं ….इस्तीफ़ा खुद दिया ,….बोलते हैं बाकियों ने शहीद किया ,…..जनलोकपाल जनलोकपाल सुनते सुनते देश के कान पक गये ,….प्रदेश में लोकपाले नहीं होता !…..वहां लोकायुक्त बनता है ,…..दिल्ली में पहले से है ,…वही को मजबूत करते !……उनके एजेंडा में लोकपाल बिल शाम से सुबह तक पहिले से पांचवें सातवें नंबर पर चला जाता है ,…फिर शाम तक उलटे रास्ते चलकर खुदै जानबूझकर गिर जाते हैं !….ऊ खुद जनलोकपाल नहीं चाहते थे ,……..विदेशी एनजीओ मंडली चुपके से चालुओं का हाथ पकड़कर सबतरफ अम्बानी अम्बानी दिखाती हैं !…….इस्तीफ़ा अश्लील अनैतिक मंत्री सोमनाथ से माँगा गया ,..सब उसके साथ थे ,..सब चले गये !…”

पीछे से एक मूरख आगे बोला ………….“…सबको भूलकर देश आगे चलेगा ……हमारे स्कूल में एक चालाक बच्चा रहा ,….. खुदे गिरकर रोता था ,…..मास्टर से बताता दूसरों ने गिराया !…..मास्टर सबको डपटते थे ,….ऊको सबसे पीछे अलग ख़ास जगह बैठाते थे !…ठीक वहै हाल है केजरीवाल !…..झूठे दिखावे के सिवा एक भ्रष्टाचार पर कुछ न कर पाए ,…..किसी दिल्लीवाले को चैन सुकून न दे पाए ,…अब लोकसभा चुनाव में खुलकर देश को बहकायेंगे !…”

अगले मूरख ने बात बधाई …….. “…अब देश न बहकेगा रमेश !….झूठी शहादत मस्त सियासत का ज़माना लदकर चला गया ,……ऊ सबसे पीछे अलगे बैठेंगे !…..चलो हमको का लेना देना ,..जिसकी जो मर्जी होगी वहै करेगा ,…खुदौ सैकड़ों करोड़ बिजली सब्सिडी अम्बानी कंपनी को दिया ,……चौबीस हजार अपने लोगों को बिजली माफ़ी देकर लाखों दिल्लीवालों को भारी चूना लगाया !…….”

एक और मूरख बोला …………“..जबसे आये तबसे टीवी पर केजरीवाल एक तरफ बाकी दुनिया दूसरी तरफ ,..स्वामीजी की दिखाई महान अर्थक्रान्ति पर सार्थक चर्चा उनके फालतू शोर में दब गयी ,………भैय्या जी काम बनाकर चलते बने ,..”

एक और मत आया ……………“..ऐसा है भैय्या !…..झूठी शहादत से मूरख भावना समेटने का पिलान लगता है ,…..उनचास दिन में सौ झूठ बोले .. पांच सौ ड्रामा किया ,……..फिर चलते बने !……कांग्रेस को अंदरूनी लाभ जीवनदान देने खातिर सब जुगाड़ लगता हैं !…..फिर दिल्ली चुनाव होंगे तो जनता कहेगी ई ऊ आप सब एक जैसे हैं …कान्ग्रेसे ठीक है !……”

एक पंच साहब बोले ………….“..कांग्रेस सबसे शैतान मक्कार लुटेरी है !…..सब साजिश लूट मिलीभगत मटियामेट करके सब जगह भारत स्वाभिमान बरसेगा !…..भारत का हर आँगन कोना महकेगा ….”

“..महकेगा भई जरूर महकेगा ,……अब ई बताओ भगवत्ता कैसे आएगी ……भागवत व्यवस्था कैसे बनेगी !….”………………..बुद्धिजीवी टाइप वाले मूरख ने समर्थन के साथ सवाल किया तो पंच साहब फिर बोले .

“..हम मूरख का जानें कैसे आएगी !…..लेकिन इतना जानते हैं जरूर आएगी ,…हर हाल में आएगी !…….लम्बी शैतानी गुलामी के बाद भारत में महकदार स्वतंत्र भगवत्ता आएगी !…….हम भिखारी भगवान दाता ,…उनको भीख देनी पड़ेगी !……हम उनके नाम के गुलाम हैं ,…उनसे विनती है कि सोती जागती हमारी हर साँस में समाने की दया करें ,….हम उनके अधिकार दयापात्र हैं !….”

मरियल से बाबा फिर बोले ………..“….करोड़ों पीड़ित ह्रदय की करुण पुकार परमपिता सुन रहे हैं !….ऊ अन्तर्यामी दयालु न्यायप्रिय हैं ,..ऊ सबको अन्दर तक देखते हैं !…वही सबकुछ करते हैं ,…..ऊ सबको सबकुछ देते हैं ,…हमेशा देंगे !….हमको अपनी भगवत्ता भी देंगे ,…धरती पर हम मानव उनके उत्तराधिकारी हैं ,….हमारौ उनपर अधिकार है !..”

“…भूल गए चाचा ,…सब अधिकार का चाबी कर्तव्य है ,……..सब कर्तव्य करेंगे तो भगवान् सबको देंगे ,….स्वामीजी दिनरात महान कर्तव्य में जुटे हैं ,…देश जाग चुका है ..ऊ भगवत्ता लायेंगे ,…..हम बस मौज से अपनाएंगे !…”…………एक युवा ने धीरे से बाबा को चुट्काया

“..सही कहे भोलू भैय्या !…..”………..एक युवती ने भोलो का समर्थन किया ……पंचायत की सहमती भी जाहिर हुई ,…..

..तब तक छाए बादल बरसने लगे ,…….मूरख पंचायत बिना किसी घोषणा के उठने लगी !…….बसंत की ठण्ड में कड़कड़ाती ठंडी बूँदों ने सबको भागने पर विवश कर दिया ,………आज की पंचायत समाप्त हुई …….हरिइच्छा सर्वोपरि !………….तुम्हारी जय हो प्रभु !….. तुम्हारी महान कृपा को सब शांत बुद्धि कृतज्ञ ह्रदय से अपनाएँ ,…सबको सब तरफ तुम्ही तुम दिखो !……….सदा तुम्हारी जय हो !……

वन्देमातरम !

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