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… मूरख मामा बोला ……“… सपीड पोस्ट करवायो वकील बाबू !….”…… सूत्रधार मुस्कराकर बोले .
“…. सबका सपीड पोस्ट होगी मामा !….पहले चिट्टी सुनो …….
…………किरकेटी भगवान सचिन महराजजी को मूरखों की राम राम परनाम शुभकामना बधाई है !………..
……. हमारे कुछ लोग तुम्हारे घोर फैन हैं !…. तुम्हारे क़दमों में सर चढ़ाते हैं ,..उनका प्यार लेकर दिल से आशीर्वाद देना !…….कुछ खातिर तुम बहुत अच्छे खिलाड़ी .. बहुत अच्छे इंसान हो ,…..उनकी गरमा गरम शुभकामना ले लो !…..कुछ खातिर तुम मालदार खिलाड़ी .. अच्छे इंसान हो ….उनकी प्यारी शुभकामना जेब में रखना !…….. कुछ खातिर तुम कपटी छलावा हो .. साजिशी चाल के मोहरे हो ,….तुम लूटतंत्र के काबिल औजार हो !……..लेकिन तुम बहुत काबिल महान विनम्र सज्जन खिलाड़ी हो ,…हमारी शुभकामना भी स्वीकार करो !
सचिन भैय्या .. हमहू क्रिकेट के रसिया थे !……अब कीड़ा तो नहीं काटता ….. फिरौ देखा देखी लक्कड़ बैट से दो चार हाथ लगा लेते हैं !…हम अनाड़ी भी छह में दो तीन गेंद मनचाही दिशा में मारते हैं ,…..तुम भगवान हो तो शत प्रतिशत नतीजा होगा !….बाकी माल की मलाई घुमाती होगी !………हम खेले कम .. देखे सुने ज्यादा !…..तुमने तमाम शतक लगाए !…बहुतों के छक्के छुडाये ,…..हमको गिनने में बहुत मजा आता था !……..तुम बहुत बार इंडिया को जिताए … बहुत बार हराए !……..खेल में हार जीत का ज्यादा अहमियत नहीं होता ,…. फिर सट्टाकिंग माफिया लोग हार जीत फिक्स करते हों …. तो बिलकुल नहीं !………….हम जैसे देखने सुनने वाले निठल्ले गधे हैं .. मूरख लल्लू उठाईगीर हैं !…..ई गधे लल्लू निठल्ले इतने काबिल हैं कि ,….इंडिया हारने के बादौ तुम्हरी तारीफ़ करते हैं ,….सौंवा शतक देखे खातिर कुछ ने शादी ब्याह मरना तक कैंसिल किया !……तुम्हारे बोल्ड होने का दोख पिचमैन थर्डमैन से लेकर बालर अम्पायर दर्शक रसोइया सब लेते हैं !……. कोई दर्शक पेशाब करने गया … तुम बीच में आउट हुए तो बेचारा मैच चलने तक पाकिस्तानी आतंकी बन जाता है !…का पता गुसलखाने जाकर दाऊद से फोन करवाया हो !…..उसके चमचे खास जगह जमे होते हैं ,…दाहिने हाथ से कान खुजाया .. तुम बांये से चलते बने !…..
खैर ….तुम्हारे खून में क्रिकेट है ,..तुम्हारी आक्सीजन क्रिकेट है !…तुम खाते पीते सोते क्रिकेट हो !…क्रिकेट सज्जनों का खेल माना गया था !……दुनिया के पहले आखिरी सज्जन केवल इंग्लैण्ड में पैदा हुए !…तभी निर्ममता से दुनिया लूटी ,…सज्जनता से घोर अत्याचार किये !….वही अंग्रेजी सज्जनता लादे गांधियों के पिट्ठू तुम भी बन गए !…..हिन्दुस्तान खातिर मरने मिटने वाले शहीद आतंकवादी थे !…. आजौ सब राष्ट्रभक्त ईशभक्त मानवसेवी लोग लूटतंत्र खातिर आतंकवादी अपराधी हैं !……
…तुम्हारे क्रिकेट प्रेम समर्पण को लेकर कोई सवाल नहीं हो सकता !….ऐसा समर्पण किसी में हो तो कमाल होगा !….वैसे क्रिकेट के फायदे बहुत हैं ,…तुम्हारा फायदा दुनिया देखती है ,…शानदार फेरारी बंगला मामूली बात है !…….तुम अरबों में खेलते हो ,..तुम्हारे करोड़ों प्रशंसक हैं ,…तुमको देखकर इंसानी ऊंचाई का सपना देखने वाले लाखों होंगे !……माफ करना सचिन भैय्या ,…हम तुम्हारी ऊँचाई देखने की औकात नहीं रखते !……जाने अनजाने मजबूरी या लालच दाब में तुम मोहरा ही बने !………बिकाऊ मोहरा चाहे जितना ऊंचे बैठे ,…खुद की नजर में ही गिरा रहता है !…दूसरी नजर में उठना भी तो छलावा है !…न मानो तो किसी दिन दिल से शीशा देखना !
तुम पूँछ सकते हो कि ई बधाई है कि बुराई !…..तो भैय्या दोनों है ,..चुनने की मर्जी तुम्हारी चलेगी ,…हम पहले भी विनती किये थे !….हाँ तो क्रिकेट के फायदे सुनो !………यही क्रिकेट से कितने शरदपवार डालमिया श्रीनिवासन टाइप लोग गुप्त अरबपति हुए !….दाऊद एंड कांग्रेसी पालतू कंपनी खरबपति बनी !…जब जहाँ जिसे चाहें खरीद सकते हैं …तुमभी तो बार बार बिके !……आखिर सब माल आया कहाँ से !…….भैय्या तुम्हारी और तुम्हारे अधर्म बापों भाइयों का अकूत धन हमारी जेब से निकला है !……तुम बिककर बेचते हो .. हम तुम्हारी शराफत में जहर कबाड़ खरीदते हैं ,…..तुमने शराब का विज्ञापन मना किया था !…….सोचकर दिल बहुत खुश हुआ लेकिन अगले ही पल फूटकर रोया !……..कितनी कंपनियों का जहर ऊंचे दाम पर बेचा ….तुम मालामाल हुए प्रचार से …..राजतंत्र मालामाल लूट से …पूंजीपति मालामाल नाजायज छूट से …. अपराधी मालामाल फिक्सिंग सट्टा से ….सब मालामाल एक हैं ,…हम लुटे लाचार लोग हजार खंडों में नरक भोगते हैं !…..खैर हमारी परवाह किसे है !.
…मूरख आंकड़े से क्रिकेट ने अब तक लाखों करोड़ दिहाड़ीयों का नुक्सान किया होगा !….दिहाड़ी का रुपया लगाओ तो जिंदगी भर अपनी कंगाली पर तरस खाओगे …सुन्दर घुंघराले बाल नोचकर चीखोगे !…….खैर यहाँ दिहाड़ी कौन करना चाहता है !..चाय की दुकान पर टांग पे टांग फंसाकर तनखाह लेना असल कामयाबी है ,….बाकी खाओ क्रिकेट जियो क्रिकेट पियो केवल कोला !….बोलो जय तेंदेलुकर महराज की !.जय जयकार धोनी युवराज की !……..क्रिकेट शौक़ीन खातिर ड्यूटी माने शराबी को चरणामृत है !…..कितने सरकारी मुलाजिम डाकटर अफसर मैच खातिर जरूरतमंद को धकियाये होंगे !….धक्का तो सड़क पर भी लगता है ,……हर किसिम का आदमी किरकेटी बुखार में बेकार हो जाता है ,….. लूटतंत्र हमें बेहिसाब लूटता नोचता रहा ,…..हमें तुम्हारे क्रिकेट से फुर्सत न मिली !…..हाथ में टीवी रेडियो का बटन मुंह में स्कोर लिए सब महाज्ञानी बन गए !..आजकल मोबाइल पर स्कोर भी दिखता है ,…..जिसको स्कूल में पहाड़ा याद न हुआ ऊ मास्टर की तरह फट औसत निकाल देता है !……जिसने बैट बाल नहीं छुवा ऊ कोच को सिखाता है ……वाकई क्रिकेट से इण्डिया का बहुत फायदा हुआ …सट्टा लगाने वाले नौजवान राह चलते लूटते भी हैं !…लूटतंत्र में चौतरफा अन्धेरगर्दी का जिम्मेदार किरकेट भी है !…..ई सच्चाई है सचिन भाई !
खैर तुम खिलाड़ी हो .. मन लगाकर खेलना तुम्हारा काम है !….नफा नुक्सान लगाने खातिर नौकर चाकर मैनेजर होंगे ,….लेकिन हम तुमसे असल बात करते हैं ,…..तुम भगवान के भक्त भी हो !…..भक्त दो तरह के होते हैं ,…एक मांगता है ,…एक अर्पित होता है ,..तुम हमारी किस्म के मंगते हो !…कभी साईं तो कभी गणपति दरबार में जाते हो !……उनकी कृपा से तुमने दुनिया की हर ऊँचाई छू ली …..लेकिन … वो कभी नहीं पा सकते जिसे पाने के लिए सब पैदा हुए !…..उसे कहते हैं आत्मसंतुष्टि ….सच्चा सुख !…….हो सकता है तुम्हारा बेटा तुमसे भी बड़ा महान विनम्र खिलाड़ी बने !….तुम्हारे हर सपने को और ऊंचा करे … लेकिन उसका क्या होगा जो तुम उससे कह भी नहीं सकते !…. उन सच्चाइयों का क्या होगा जिसे तुम खुद से भी नहीं कहना चाहते होगे !
सचिन सबकी तरह तुम भी अच्छे इंसान हो !….शायद सबसे अच्छे और विनम्र !…लेकिन यह तुम भी जानते हो कि ये विनम्रता अच्छाई बनावटी नकली है !…..क्रिकेट की माफियाबाज गन्दगी केवल प्रभाकर जडेजा अजहर श्रीसंथ तक नहीं है ,…हर क्रिकेटर को इस गन्दगी का चस्का है ,…..बदले में सत्ताई माफिया भरपूर नाम दाम देता है ,….तुम सर से पैर तक मलाईदार गन्दगी में डूबे हो ,… तुम समर्पित खिलाड़ी हो लेकिन किस मुंह से मंदिर जाते हो यार !……और ऊपर क्या लेकर जाओगे !…
….सच्चाई तुम और तुम्हारे सब साथी जानते हैं !…लेकिन कहने की औकात नहीं है ,.अबकी भगवान से वही मांग लेना !…. तुम अंदर से सूखे खोखले इंसान हो ,.टूटोगे भी जरूर !… भरना चाहते हो तो भगवान से औकात जरूर माँगना !……हर इंसान जिंदगी में गलती करता है ,….वो पल कुछ मिनटों से कुछ जन्मों तक चल सकता है !…नियति सबकी सजा नियत करती है !……सच्ची प्रार्थना पश्चाताप पुरुषार्थ से सब अपनी नियति बदल सकते हैं !
सुना तुमको भारत रत्न मिलने वाला है …हम न मानेंगे भाई…कोरा झूठ है !…………विदेशी दलाल नेहरू इंदिरा राजीव को कौन मानता है !…..तुम इन्डियन नगीना ज्वेलरी हो सकते हो ….भारतरत्न कभी नहीं !…….अभी हम तुमको भारतपुत्र कहाने लायक भी नहीं मानते !……विदेशियों से बिके लोगों के अलावा हर भारतीय भारतपुत्र है !…..बिके लोग जयचंदी श्रेणी के हैं …..तुम बाहर से नहीं अंदर तक बिके हो !
तुम्हारे सीने पर झूठ का बहुत बोझ है …वक्त से इसे हल्का कर लो तो अच्छा है ,….. वक्त शायद फिर मौका नहीं देगा !…रिटायरी पर ही सही .. अब खेल का मतलब समझो ,….खेल समाज की मनरंजक कसरत होता है !….खेल देश की पहचान सम्मान बढाता है ,….तुम्हारे प्रिय करकट से बर्बादी के सिवा देश को कुछ न मिला !…..आठ दस देशों में विश्वकप मजाक ही है भाई !…… केवल खेलना जीतना हारना कमाना बेचना बिकना खेल नहीं !…खेल का एक मतलब इंसानियत की सच्चाई भी होता है ,..क्रिकेट सच्चाई से दूर अंग्रेजों का फरेबी खेल है ….
अब तुम रिटायर हो गए हो …हो सके तो सच से जुडो ,…भगवान से जुडो ,..वो तुम्हारे अंदर चीखता होगा ,…उसकी बात मानो ,..भारत में अंग्रेजी लूटतंत्र की भयानक साजिशों को बेनकाब करो !…..नाम दाम की चिंता मत करो ,….जो मिलेगा वो अनमोल होगा ,..सच्चे सुख को पूरी दुनिया की दौलत नहीं खरीद सकती ,…… अपनी निगाह में गिरे इंसान का दुनियावी सम्मान भयानक झूठ है !….लेकिन सचिन रमेश तेंदुलकर कांग्रेसी लूटतंत्र को कलात्मक लात मारकर सबकुछ पा सकता है !………तुम अपने प्रिय क्रिकेट को सच्चे अच्छे रूप में स्थापित कर सकते हो ,…….तुम्हे अपनी बुजदिली पर फूट फूटकर रोना होगा ,……तब सब दिलदार यार तेरे अंग संग होंगे …..भगवान तुम्हारे साथ होगा !…..तुम मात पिता गुरुभक्त हो ,…. अपने भक्त भी बन जाओ ,….अपनी सच्ची आवाज सुनो ,.. शैतानों की ऊंची गुलामी तोड़ सको तो तोड़ दो !..
लगे हाथ बताते चलें … हम औकातहीन प्राणी हैं ,…एक सच्ची गहरी तमन्ना है ..वो भी हमारे प्रभु की है !…वही हमको तुमको सबको चलाते हैं ,….वो तमन्ना तुम्हारे अंदर भी जरूर होगी ,..हमने सबके अंदर देखी है ,..दुनिया में सबकुछ अच्छा हो जाय !…अपना भारत सर्वसम्पन्न सर्वसुखी विश्वगुरु हो !……सब लोग अच्छे हो जांय !…दुनिया स्वर्णिम स्वर्ग बने !…..उसका रास्ता सत्य है ..भक्ति है …धर्म है !…………..अगर तुम अपनी नजर में उठना चाहते हो तो सब भय कामना त्यागकर भक्तिभाव से सत्य को मानो ….धर्म अपनाओ ,…..सत्य को मुखर करो ,…दुनिया तुम्हारी आवाज सुनेगी !….तमाम शुभकामनाओं इनामों में दबी तुम्हारी उबास दुनिया बहुत अच्छी हो जायेगी !…….खेल और राष्ट्रभक्त खिलाड़ी इतिहास में रोशन हो जायेगा !……
गुलामी का अँधेरा तो छटना ही है !…..लूटतंत्र के गुलाम मोहरे अँधेरे के साथ गहरे दब जायेंगे……..बड़े खिलाड़ी आते जाते हैं ,…रिकार्ड टूटते बनते हैं .. गुम होते हैं !…..हे भगवान !…तुम अपना उजाला तलाश सको तो तुमसे अच्छा खिलाड़ी कोई इंसान नहीं होगा !…..आपसे उजाला फैलेगा ..मानवता लहलहाएगी !…..तब आपको भारत रत्न कहने में हमें बहुत गर्व होगा !…आपको स्वाभिमान भरी आत्मतुष्टि मिलेगी !………भगवान एकदिन सबको सद्बुद्धि जरूर देंगे !…… हमारी यही शुभकामना है … जय सियाराम …वन्देमातरम !..”……..
“..वन्देमातरम …”…अधिकतर मूरख एक साथ बोले ……………… क्रमशः
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