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आदरणीय मित्रों बहनों एवं गुरुजनों ,..सादर प्रणाम …….आपके मूरखों को चार दिन क्रियायोग सिखाया गया !…….देखना मजेदार रहा ,……मूरखों के आगे आसनों ने पानी मांग मांग कर पिया !….करीब चौथाई लोग आसनों को स्वामीजी मंडली का करतब बता कर दर्शक बन गए !…..चौथाई ने कुछ ढंग से किया …. बाकी ने हास्य मिश्रित प्रयास ही किया !……..निराई गुड़ाई सिचाई कटाई पिटाई जैसे मामूली काम करने वाले शरीरों को आसन पहली बार कम जंचे !
प्राणायाम सत्रों में सबका उत्साह अच्छा लगा !…….कुछ ने बहुत ही अच्छे ढंग से डूबकर किया !….कुछ बीच में फंसते रहे !…..कुछ ज्यादा ही फंसते रहे !…….बहरहाल अभ्यास करते रहने का वचन सभी नाकामियों पर भारी लगा !……. पतंजलि योगपीठ के महान ऋणों तले मूरख मंडली और दब गयी !……..समर्पित ओजस्वी योगशिक्षक ने सबका मन मोह लिया ,…….. स्वामीजी की अनमोल शिक्षाओं से सब फिर नतमस्तक हो गए !
आज फिर मूरख पंचायत जुटी है ,…..हार्दिक स्वागत करते हुए आपको वहीँ ले चलते हैं !…
…………………
सूत्रधार ने अभिवादन से जैसे ही पंचायत को शुरूआत दी एक मूरख सवाल उठा ….
“..पटना में खूनी खेल किसने खेला भाई !….”
एक युवा ने उत्तर दिया …………“..जो मोदी से खौफ खाते हैं उनके सिवा कौन करेगा !……कांग्रेस नितीश और आतंकी गिरोह की मिली साजिश है !…..हम उनकी खातिर खिलौना है !……”
एक पंच बोले ……………“…..मारे गए चोटिल देशभक्तों खातिर हम भगवान से प्रार्थना करते हैं !…..साजिश पक्की डाकू गिरोह की है !……”
“…सही कहते हो भैय्या !….कांग्रेसी गिरोह मोदी से खौफ खाता है ,…वही सूत्रधार होगा !……चाबी भरने पर साथी आतंकियों ने खूनी कारनामा अंजाम दिया !……….नितीश को पुराना मोदी बुखार है ,…उसने आतंकियों खातिर मैदान खुला किया !………..उनको भयानक चिंता है …मोदी औ बाबा निपट जाय तो लूटतंत्र निष्कंटक होगा !.……..”…………..एक मूरख ने सिलसिला जोड़ा तो बुजुर्ग बोल उठे
“…लूटतंत्र का मैय्यत निकलेगा भैय्या !… जयकार है देशभक्त जनता की !…. देशभक्ति के सैलाब में खौफ गुम हो गया !…..ई रैली भारती इतिहास बनायी !….”
एक युवा बोला ………..“….नया भारतीय इतिहास बनता जायेगा बाबा !……..लेकिन कोई सोच नहीं सकता शैतान इतना गिर सकते हैं !….आतंकियों से हमला करवा एकमत से संघ पर फर्जी निशाना लगाते हैं !…”
“….शैतान लोग गीला पैजामा पानी से सुखाना चाहते हैं ,…..संघ देश की महान शक्ति है ,….देशद्रोही हमेशा गाली देते हैं ,…… पालतू मुजाहिदीनों का किस्सा सब जानते हैं ,..कुकुर भौंक से संघ के सद्कर्म और शक्ति बढ़ती जायेगी !..” ……………..बाबा आवेश में बोले तो एक मूरख ने शंका रखी
“…ई खौफ फैलाना चाहते हैं ,……… स्वामीजी की हत्या करवा सकते हैं !………”
“.लुटेरों का बुझता चिराग फड़फड़ायेगा भैय्या !…….चिल्लर चोर माफिया सुपारीबाज से दाऊद सिमी लश्कर तक इनके सगे साथी हैं !……हमको स्वामीजी का चिंता है ,…..ऊ बिना सुरक्षा के मस्त घूमते हैं !…..”………..एक और मूरख ने चिंता को समर्थन दिया तो युवा गरजा
“..उनको कुछ हुआ तो आग लगा देंगे !…”
“..ई देश में आग लगाकर भागने को तैयार हैं !….तबहीं सब साजिश नौटंकी करते हैं !….”……..दूसरे युवा का मत आया तो तीसरा भी बोला
“….हिन्दुस्तानी दिलों की आग बाहर निकली तो शैतानों की राख भी न बचेगी !……हमारा पेट बच्चा गाँधी का नौटंकी से फूला है !….बोला देश बांटने वालों ने दादी पापा को मरवाया ,…अब मेरी बारी है !…..और पालक पनीर बैडमिन्टन कथा सुनाकर वोट माँगा !…कुछ दिन बाद मैक्सिको की माफिया पुत्री की कहानी सुनाएगा !….इनको मम्मी पापा दादी के भौकाल सुनाने के अलावा हमारी एक पैसा फिकिर नहीं है ..”……………युवा का गुबार निकला तो एक महिला बोली
“..भैय्या तगड़ी फिकिर है !…..कैसे हमको जाल में फंसाएं …आजादी से देश खांए !…यही फिकिर में सब किस्सा कहानी साजिश नाटक चलता है ……देशभक्त मोदी बाबा से सब चोर लुटेरों देशद्रोहियों को अपनी फिकिर पड़ी है !…”
“..वही फिकिर में शैतान गधे अपनी कबर गहरी करते हैं !……का नहीं किया !….स्वामीजी को मारने की साजिश रची !….. सीबीआई बैठाई !…खुफियागीरी कराई …तमाम टैक्स जांच लगाई ,….आचार्यजी को फंसाने खातिर उठापटक करी ,…मानवसेवी राष्ट्रभक्त को जेल तक जाना पड़ा !……गाँधी गिरोह एक दाग न ढूंढ पाया तो उनके भाई पर अपहरण का जमा फर्जी मामला ठोका !…….मोदी के पीछे कब से पूरी जमात जुटी है !….अब निपटाने के ख़याल बेचैन करते होंगे !.”…………….पीछे से एक मूरख बोला तो एक महिला भी बोली …
“…बेचैनी का पक्का इलाज होगा !…..गिरे मगरमच्छ सल्तनत बचाहे खातिर और गिर सकते हैं !……..ई सब तरह से हमला करवा सकते हैं ,…..झूठे घिनौने आरोप लगा सकते हैं !..चुनाव सामने है ,… महाघोटालों के कागज़ पत्तर गायब करके गुलाम बन्दर सीबीआई से सवाल पूंछने को कहता है !….जूती में जड़ी सीबीआई का पूछेगी !…उसका काम चोर डाकू पर सफेदी पोतना है ! .”………..
एक मूरख गंभीरता से बोला ………….“…गिरावट के दौर में गिरना देखो !…….शैतान जितना गिरेंगे उतना जल्दी गहरे दफ़न भी होंगे ! ….लेकिन हम स्वामीजी से विनती करेंगे ,…ऊ भारतयात्रा को अभी रोक दें !……राष्ट्रधर्म व्रतपालन जीवन भर चलेगा !……..उनके जैसे महापुरुष सैकड़ों हजारों साल में पैदा होते हैं ,….ऊ भारत के अनमोल रतन हैं !….उनका जीवन देश खातिर बहुत जरूरी है ,…..ऊ योगपीठ से राष्ट्ररथ बढ़ाएँ ,…शैतानों से मूरख बनते देश को दिशा दिखाएँ !……..ई जंग देश ही जीतेगा ……अनमोल जिंदगी दांव पर फेंकना समझदारी नही लगती !…”
बुद्धिजीवी टाइप वाला बोला ………..“….. देशहित में जो ठीक होगा स्वामीजी वही करेंगे !…उनको जान सम्मान की पाई भर चिंता होती तो भारत उत्थान का झंडा न पकड़ते !…दुनिया उनके क़दमों में थी ……ऊ धन्य हैं !….”
“..शैतानों का इतिहास सावधान रहना सिखाता है ,…..इन्होने हर देशभक्त को मारा है ,…बमबाजी इनके बाएं हाथ का खेल है !…..सावधानी जरूरी है !..”
“.चिंता न करो !….स्वामीजी को कुछ नहीं हो सकता !…….लेकिन बच्चे की कहानी दमदार लगी !….अब तो बताना चाहिए … भारत के टुकड़े किस गाँधी नेहरू ने करवाया !……पंजाब में आग किस इंदिरा राजीव ने लगाया !….तमिलों को मारने खातिर किस गाँधी ने फ़ौज भेजी !…..भारत में दो कानून कौन चलाता है !….सम्प्रदायी बंटवारा गहरा करे खातिर आरक्षण की तलवार कौन चलाता है !…….कौन मुसलमानों को मूरख बनाकर कठमुल्लई बढाता है !…कौन हमसे लूटा माल आतंकियों से साझा करता है …..कठपुतली राज में लुटेरा गिरोह ने कितना लूटा ,…उसमें मुसलमानों का हिस्सा नहीं था !……मुजफ्फरनगर दंगे सपाई साझेदारी में नहीं करवाए !……..हरामखोर रोज हमारे करोड़ रुपैय्ये अपनी सुरक्षा पर उड़ाते हैं ,..फिरौ चिल्लाकर पादते हैं !..”…………..एक मूरख उबला तो दूसरा कंधे पर हाथ रखकर बोला …….
…..“..यार उसने असली बात कही है !…….ई हरामखोरों का रिमोट लालची विदेशी दाबते हैं !…इनके मार्फ़त ही भारत लूटते काटते खाते हैं !…….गुलाम जब काम के नहीं रहते तो मरवा देते हैं !….संजय इंदिरा राजीव और प्रियंका के घरवालों को कौन मरवाया !……बाहरी रिमोट से सबका काम तमाम हुआ !………. हमको राहुल का अंदरूनी डर वाजिब लगता है !….. औकात जीरो बटा सन्नाटा है !……साजिश गुरुओं की टीम चलाती है ,………..खास मोहरे को चढाने खातिर लूटतंत्र के रहनुमा किसी की बलि चढ़ा सकते हैं !……चश्मा लगाकर नकली आंसू बहेंगे ,…..भरपूर भावनामय वोट मिलेंगे ,….विदेशी मैय्या अपने मालिकों खातिर कुछौ करा सकती है !..मालिक लोग गुलाम मैय्या को ही निपटा सकते हैं !….”
“…ई कुछौ करें !…..भारत शैतानों की जागीर नही .. सवा अरब भारतीयों की देवभूमि है !…लाखों भारत पुत्रों की लाश पर खड़े गांधियों का सब नाटक देश जानता है ,…इनका पाखण्ड समझने लायक चेतना सबकी है !….मौत इनको आसानतम सजा होगी ,…..लूटतंत्र का तम्बू कनात उजड़ा समझो !..”…………………एक पंच आवेश में बोले तो बुजुर्ग ने युवा से कहा
“..अब पचका तुम्हारा पेट !………. अब सीधा दूसरे पायदान राष्ट्रधर्म पर लौटो !…..”
…युवा का क्रोधित गुबार फिर फूटा …….“..अभी कहाँ बाबा !…और सुनो ,….देश के गुप्तचर अधिकारी सीधा गधे को रिपोर्ट करते हैं ,……..राहुल बोला .. मुजफ्फरनगर में आईएसई की भर्ती चालू है !….”……
“..मानवद्रोही कांग्रेसी तंत्र देशद्रोहियों को सब जगह घुसाए है !…..सिमी आईएसई बंगलादेशी आतंकतंत्र सब जगह हैं !….भारतीय मुसलमानों को डराने बहकाने गिराने का पुराना कांग्रेसी धंधा है !….पूरा तंत्र मुट्ठी में है !..”…..एक और मूरख का गुस्सा बहा तो दूसरा युवा बोला
“..उधर पाकिस्तानी फ़ौज हमारी चौकियों पर गोलाबारी मचाये हैं !….उनको उड़ाना भी राष्ट्रधर्म होगा !….”…….. बुजुर्ग ने उत्तर दिया
“…पाकिस्तानी फ़ौज भी साजिशों का मोहरा है !…..लड़ाई कराकर अपना उल्लू सीधा करना चाहते हैं ,…….दिल्ली वाले दल्ले भी उनके हिसाब से काम करेंगे !……लड़ाई में कौन मरेगा ..इंसान !….चढेगा कौन …लालची राक्षस !….”
“…शैतानी पर ठोस जबाब देना चाहिए ……जंग हो तो आर पार की !…आतंकवाद का पूरा सफाया जरूरी है ,…..पूरा कश्मीर भारत का अंग है ,..उसको लेना चाहिए !…”………….युवा बोला तो बाबा फिर बोले
“…गुलाम कश्मीर लेने की औकात ई दिल्ली दरबार की नहीं है ,…. इखत्तर में इंदिरा ले सकती थी ,..लेकिन ..यही आतंक के आका हैं !…आतंक पर रबड़ीदार रार साजिश है ,…आतंक अपराध बढ़ाकर डाकू सत्ता चढ़ती है !……विदेशी इशारे पर नाचने वाले भ्रष्ट लुटेरे लट्टू भारत हित कभी न करेंगे !….और ..आतंक का सफाया बन्दूक से ज्यादा दिमागी सफाई से होगा !……….धर्म समझकर मानवता के जख्म मिटेंगे !……..आप वाले लोग कश्मीर दान देने की बात करते हैं !………पूरा पाकिस्तान अंग्रेजों की साजिश है ,…वहां की रोती इंसानियत भी हमारी साथी हैं …..वो जमीन हम सबकी है ,….एकदिन बिछड़ी मानवता मिलकर रहेगी !..”
“….तुम राष्ट्रधर्म पर आगे बढ़ो !.”……………. एक बुजुर्ग ने सूत्रधार को आदेश दिया तो पीछे बैठा मूरख चहका
“….भैय्या मोटा मोटी धर्म पल्ले पड़ गया !….सब योग परनाम करते रहेंगे तो चेतना बाढ़ेगी !…….लेकिन चरित्र का चीज है !….शैतानों का चरित्र कैसे इतना गिरता है ..”
…………“..शैतानों का चरित्र घोर लालच में काला हो जाता है लल्लू !….”…..एक बुजुर्ग ने बताया तो दूसरे बोले
“…चरित्र समझना चाहिए ,….सब ग्रन्थ किताब में चरित्र का धूम है ,..हमको शब्द से आगे पतै नहीं !……दस बार रामचरित मानस बांचे होंगे !……”…………सवाल को जोरदार समर्थन पर एक पंच बोले .
“………..धर्म चेतना कर्म का आधार है !……कर्म का सुगंध चरित्र है !…भगवान राम महान सद्कर्म किये तो उनका चरित्र बांचते हैं !.”
“..माने चर धन इत्र !…..चलता फिरता महक !……अच्छा कर्म का खुशबू … बुरे कर्म से बदबू ! ..”………एक युवा ने अपने अंदाज में परिभाषा दी तो दूसरा बोला .
“..हम जैसी गंधहीन प्रजाति भी हैं !…….खाया कमाया औ पशु जैसे मर गए !….न खुशबू न बदबू !………गलत के खिलाफ सांस नहीं लिया ……सही का साथ न दिया ……झूठे जाल में सच औ सद्कर्मी को पहचाने नहीं !……हमारी ई प्रजाति चरित्रहीन है !…..”…………..तीखे तीर पर पंच बोले ..
“..ठीकै कहा भैय्या !…… गलत काम करने वाला कुचरित्री है !….चुपचाप सही गलत सहे वाला चरित्रहीन !…..ई चरित्रहीनता से सदचरित्रों का सुगंध कमजोर होता है ! ….बदबू मारते लोग फर्जी सेंट लगाकर महकते हैं !….. देश भयानक चरित्रहीनता से गुजर रहा है !…..अंग्रेजी व्यवस्था का ढक्कन हमारी नाक बंद करता है !….कुकर्मी लुटेरे शराफत ओढ़कर मौज से देश खाते हैं !…हम गदहा की तरह ढेंचू ढेंचू करके सूखी सड़ी घास चरते हैं !…”
एक महिला ने पंच को सहलाया ………“….चोर के चार दिन काका !…..धर्म चेतना से सब ठीक होगा !……स्वामीजी की महान तपस्या से चरित्रवानों की फ़ौज खड़ी है !…. चरित्रहीन भी कृपा साधना से चरित्रवान बनेंगे !…..कुकर्मी लुटेरे सजा ही भोगेंगे !…..”
बुजुर्ग तनिक आवेश में बोले ………“..तुम लोग सवाल घुमाते काहे हो !…..मानव चरित्र बनता कैसे है !….काहे कोई कुकर्मी अकर्मी होता है …”
“..हम बताएं !….चलो रहने दो ….महीन सवाल है ,..घिसी बुद्धि को बताने दो !…”……..एक युवा ने आगे बढ़कर सवाल पंचों की तरफ फेंका तो सभा में हंसी खनक गयी …..एक पंच बोले .
“..पहिले तुमही बताओ !…हम बाद में बोलेंगे !….”
युवा बोला …………..“…..कुकर्मी को सरेआम मौत दो ,……भ्रष्टाचारी को गंजा काला करो ,…गधे से बांधकर दिल्ली जनपथ से भारत द्वार तक घुमाएँ …..फिर देंखें कैसे कुकर्म होते हैं !….कैसे भ्रष्टाचार होगा !..”
………..“..तुम्हारा कहना गलत नहीं है ,…..लेकिन ई अन्यायतंत्र में अपराधी कौन साबित होगा ,.जिसके पास चढाने को बड़के गाँधी नहीं होंगे ….जिसका दूसरा बाप नहीं होगा ,…या खाऊ माई बाप के काम का नहीं होगा !…..”……………..एक मूरख बोला तो युवा का गुस्सा और बढ़ा
“..तो पहले माई बापों को लटकाएं !……”
अधनंगा मूरख भी गुस्से में आया …………..“..फालतू में न लटको यार !…माई बाप भैय्या दीदी सब लटकेंगे !….लेकिन …जड़ फुनगी तक पूरी व्यवस्था बदले बिना उम्मीद न करो !………..कोई बताओ भाई ,..चरित्र कैसे बनता है !….”………………….क्रमशः
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