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मूरख पंचायत ,…..अपराधियों का अहंकार !

हमार देश
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गतांक से आगे …

..जोशीले नारे रुके तो कुछ पल के लिए शान्ति छा गयी …………………फिर एक मूरख बोला

“….अच्छा कांग्रेस भारत खाने की ठेकेदार है ,…..राक्षसों की असलियत दुनिया जानती है ,….अपनी औकात गाँधी लोग भी जानते है ,…फिर उनका अहंकार काहे आसमान पर है ..!..”……………

“….आसमान से ऊपर कहो भाई !…..दस साल से खुली लूट मची है ,….घोटाले याद रखे खातिर बुद्धिजीवी आदमी चाहिए ,…..सब माल गाँधी खजाने में गया ,…फिरौ इनकी मुस्कान छोटी न हुई !…एकदिन घोटालों का किताब स्कूल में चलेगी !….लूटा माल जोड़े घटावे खातिर गुणा भाग के नए सूत्र बनेंगे ,….पीएचडी होगा … नोबुल मिलेगा !….”………….एक बुजुर्ग का गुस्सा फटा तो युवा बोला .

“..सीधा सूत्र है काका !……हर विभाग हर योजना हर खरीद हर बिक्री हर नीलामी हर मंजूरी हर नामंजूरी में घोटाला है ,…ग्राम पंचायत से देश की पंचायत तक चोर डाकू जमे हैं !…..थाना तहसील से सचिवालय मंत्रालय तक मगरमच्छ जमे हैं !….सौ लेकर दस दिखाते फिर नौ खाकर एक लुटाते हैं !…..हमारा निन्यानबे पैसा माल एक फीसदी डाकू गिरोह खाता है ,….एक फीसदी में सवा सौ करोड़ इंसान मरकर जिन्दा हैं !..हर शाख पे उल्लू है हर पत्ते पर घोटाला है ,….सोने की चिड़िया को देखो दुश्मन ने खा डाला है !”

बीच से एक मूरख उचककर बोला ………….“…लुटेरे अपराधियों का अहंकार बेकाबू है ,…… नेता गिरोह ने सुप्रीम अदालत के सही फैसले को अध्यादेशी लात मार दिया ,……अपराधी सीना ठोंककर हमारे खून से नेताई करते रहेंगे !……..सीबीआई सनातन सत्ता गुलाम है ,….अब सचिव बाबू को भी नहीं पकड़ सकती ,..माने टूजी कामनवेल्थ जैसी लूटों के प्यादे भी जेलयात्रा नहीं कर सकते ,…..जांच शुरूआत से पहिले डिब्बा बंद !……”

“..लूट जिनका धरम करम है ऊ काहे जांच होने देंगे !…….जांच होती तो नेहरू गाँधी गिरोह तिहाडीदार न होता ,.देश द्रोही दलालों की चाहत है ,…..कांग्रेस देश खाए ,….जनता ताली बजाये !…..ऊँगली उठाने की औकात कौनो संस्था में न बचे !…..”………….आगे बैठी महिला के क्रोध पर साथिन ने सवाल किया .

“…..आखिर इतना अहंकार आया कैसे !……..”

एक युवा बोला …………“…कैसे न आये दीदी !………जितना मुगलों अंग्रेजों ने हजार साल में तलवार बन्दूक से लूटा ,…..ऊसे ज्यादा पैंसठ साल में सफेदपोशी से लूट लिया ,……नेहरू इंदिरा राजीव की चोरी एक तरफ ……सोनिया मम्मी का त्यागमयी डाका एक तरफ !…..अब राहुल प्रियंका को असल विदेशी साबित करे खातिर उनसे आगे बढ़ना होगा !….कौनो जांच पड़ताल कानून रास्ता रोके तो थू है शैतानी खादी पर !…”

महिला फिर बोली ………..“…जिनको रहनुमा समझा ऊ शैतान थे !…नोट से लेकर पखाने तक उनके नाम पर हैं !…”

“..लुटेरों का महिमामंडन होता है बिटिया !……जालिमों के नाम पर सड़क शहर कालोनी तक बने हैं ,…बिजली के खम्भे से संसद तक काले गाँधी छाए हैं !..”……………एक मरियल से बुजुर्ग का गुस्सा निकला तो लाठी टेके बैठे युवा ने लाठी पटकी .

“…….काले शैतानों का खजाना लबालब है ,….हमारे खून पसीने पर पच्छिमी देश मौज उड़ाते हैं ,….तिजोरी बड़ा करे खातिर सोनिया बीमार तक हुई !….लूटा माल विदेशी हाथों से यहाँ निवेश करवाते हैं ,…अब इनका हाथ दांत सब तोड़ेंगे !”…

बुद्धिजीवी टाइप वाला अपने अंदाज में बोला ………“.. सत्ता उनके बापों की .. माल उनके बापों का ,….भारत शिकारगाह है !..ले लालच की पोटली सबकुछ अपना देय !…स्वदेशी का बैंड बजाकर सबकुछ विदेशी बना दिया !….”……

एक युवती बोली …………“…अरे चमड़ी उखड़ने पर मगरमछौ कुछ शर्माता होगा ,…. गाँधी लोगन की चमड़ी जुरासिक पार्क वाले जानवर के लगती है !…..सबकुछ खाने वाले हरामखोर आदमखोर लंबी जीभ लपलपाए हैं !..”

एक युवा ने फट से जबाब दिया …………..“…काहे न लपकाएं !…..विदेशी ताकतें हमेशा इनके साथ हैं ,….शैतानी साजिश में इनका कोई सानी नहीं !…..धर्मनिरपेक्षी कमीनापन है !……. दंगा फसाद करवाने वाली अंग्रेजी काबिलियत है ,….मानवता कटवाने के बाद रोने पीटने में मंझे अभिनेता फेल हैं !……..नोट दारू उड़ाने में लूट का एक पैसा खर्च होगा बस !………पूरा राजतंत्र गाँधी गुलाम है ,….मोदी के पीछे कुत्ते भेडिये कुकुरमुत्ते सब जुटे हैं ,…….कांग्रेसी सोच साफ़ है ……………..ईसाई बने हिन्दुस्तानी जेब में हैं ,……मुसलमान जूती में ,……..हिन्दू की औकाते कितनी बची है ,….ब्राम्हण ठाकुर अगड़ा पिछड़ा दलित में बांटो …..नतीजा सिफर निकलेगा !…खाने वाले पचास साथी हैं ,……..बाकी आम पार्टी वाले भैय्या लोग हैं !……बगली काटने को पूरी ताकत झोकेंगे !……..फिर काले मुंह पर सफेदी खातिर मक्कारों ने कानून बनाये हैं ,…जब उनका विदेशी बाप चाहेगा तब पलट देंगे !…”

“.. पलटी तो लगेगी भैय्या !…गद्दार दुनिया में मुंह दिखाने लायक न बचेगे !….धर्म के पाखण्ड तले बहुत लूटा ,…अब न लूट पाएंगे !….. सब कानून मौका परस्ती के है ,……सूचना की हालत भैय्या बताय चुके हैं ,….गद्दारों में एक पैसा इंसानियत है तो बताएं देश को !………जमीन अधिग्रहण मौकापरस्ती भर है ,….अथाह जमीन पूंजीपतियों दलालों वाड्राओं लुटेरों नेताओं के पास है ,..ऊ वापस देश को मिलनी चाहिए ,……….काले धन पर काहे कानून न बनाया !……..हजारों लेन देन की पर्ची दिल्ली में दफ़न है !..”………..फटी बनियान वाला वृद्ध मूरख बोला तो युवा पलटा .

“…का बात करते हो बाबा !……काले धन पर सांस ली तो गद्दार गाँधी बिना कब्र खोदे दफ़न हो जायेंगे !……..नवासी में जर्मन सरकार की ठोस सूचना थी ,..दुनिया के सबसे बड़े लुटेरों में राजीव गाँधी चौथा था ,….अब पहले से चौथे तक यही गाँधी मैनो विंची वाड्रा होंगे !…पांचवे से पाकिस्तानी शुरुआत होगी !……”

बुद्धिजीवी ने फिर अपनी टांग अडाई ………..“.ठीक कहते हो ! ..पहिले एकै बैंक था ,..अब दसियों देश के पचासों बैंक लूटा माल छुपाते हैं ,…..तमाम देश भ्रष्टाचार रोक लिए ,….हिन्दुस्तान लुटेरों के हाथ है ! ..धर्म के नाम पर देश का खून बहाने वाले विदेशी दल्ले धर्मनिरपेक्षी लिबास में हमारा खून पीते हैं !………बाहर से अंदर तक कालिख में डूबे गद्दार लुटेरे अहंकार में चूर हैं !…”

उसके साथी ने बात आगे बढ़ाई …………….“….. अहंकार काहे न हो भाई ,…खाद्य सुरक्षा के नाम पर कंपनीबापों का कीड़े मकोड़े वाला ….. गैर कुदरती खाना देने को तैयार हैं ,…..लाचार किसान का खून पसीना सड़ाकर दारू बनती है ,..अन्न रखने की जगह नहीं है ,……अंग्रेजी खाद दवा से सब बीमार हैं ,….जी एम खाने से जनता बेमौत मरेगी !……..लालची शैतान मानवता मिटाकर निष्कंटक राज चाहते हैं !……..”

दूसरा बोला …………….“ शैतानी काँटा निकलेगा भाई !……कांग्रेस सवा सौ साल से मूरख बनाती है ,…अंग्रेजों की फुलप्रूफ साजिश का नाम कांग्रेस है ,…..इनकी काली साजिशें पूरी सफेदी से कामयाब होती हैं ,…..महाझूठे गद्दारों को हमेशा हमने कर्णधार समझा है !….तभी बर्बादी की कगार तक आये ….”…………

..एक पंच साहब से रहा न गया !…………..“..सही कहाँ भैय्या ,……दूसरे स्वतंत्रता संग्राम को श्री अरविंदो ने शुरू किया ,…..उनपर भीषण अत्याचार करते हुए अंग्रेजों ने गाँधी को पैदा किया ,…देश पाखंडी लंगोटी पर फ़िदा हो गया !…..देश को चाटुकारी अय्याशी अहंकार में गिरे इंसान के पीछे खड़ा होना पड़ा ,…………नेहरू गाँधी की दलाल जुंडली ने राष्ट्रभक्तों को उठने नहीं दिया ,….या तो पीछे चले नहीं तो बेरहमी से मिटाए गए !…….आजाद जी को नेहरू ने मरवाया !….. अंग्रेज सियारों ने शेर का शिकार किया !…… गाँधी नेहरू की पक्की रजामंदी के बिना अंग्रेजी सल्तनत भगत सुखदेव राजगुरु को फांसी न दे पाती !……….नेताजी सुभाष चन्द्र को युद्ध अपराधी बनाया !….डाक्टर श्यामाप्रसाद को मरवाया !…और पता नहीं कितने भारत सपूत इनके शिकार हुए हों !.”

दूसरे पंच भी बोले ………..“….शिकार सपूत फिर पैदा हुए हैं ,……इनका मैय्यते जशन सदियों तक याद रहेगा !….”

शुरू से शांत युवती बोली ………….“… शैतानों को हम अपना बाप चाचा बनाए ,.खानदानी लुटेरे हमें नोचकर देश बर्बाद करते रहे ,..हम मूरख बनते रहे ,….यही उनके अहंकार का जड़ है ,….”

युवा आगे बोला ………….“…बहिन !….अंग्रेजी दलालों का अहंकार तमाम कारण से है ,…..शैतान अंग्रेजों ने भारत का मजबूत सामाजिक शिक्षिक तानाबाना तोड़ दिया था ,…फिर देश ही तोड़ गए ,…..सर्वसंपन्न सोने की चिड़िया को भूखी नंगी गरीब बना दिया था ,…नाटकी छल कपट से देश को फंसा गए !……आज तक फंसे हैं !……..शास्त्री जी को मरवाकर लोकतंत्र खाने वाली डायन इंदिरा को हमने दुर्गा जैसा समझा !…….दंगा फसाद कत्लेआम करवाने वाले देशद्रोही सियार भेड़ियों को हमने अपना मसीहा बनाया तो …काहे उनका अहंकार न चढ़े !..”

“…अपराधी का अहंकार सिर पर नाचता है तो अपराधी हमहू हैं !..”………………पीछे से एक आवाज आई तो एक वृद्ध विकलता से बोले .

“……पाप का विरोध न करने वाला अपराधी होता है ,..भले ऊ मजबूर हो !…..मुगलिया राज के नकारा अय्याश राजाओं ने अंग्रेजों गांधियों को हमारे सिर चढाया !..ऊ आज तक हमको खाते हैं …हम साजिशी नाटकों में उलझे रहे यही हमारा अपराध है ,…..इंदिरा ने राजसी सम्पदा को राष्ट्र सम्पदा बनाया तो वाह वाह हुई ,….वही संपदा सोनिया ने इटली में नीलाम करी !……. सब खबर हमतक नहीं पहुँचती है ,….मीडिया गुलाम है ,. ई लिए हम मूरख बनते रहे !…..”

“..यही मूरखता से गांधियों का अहंकार आसमान के ऊपर है बाबा !…. चुनावी मशीन के फिक्स गडबडझाले से भी ताजा अहंकार बढ़ा है ,….मशीन बनाने वाला जापान उसकी चोरी जानता है ,…. लुटेरे काँटा घुमाकर घटतौली करेंगे !…”……………..एक महिला ने अंदेशा रखा तो बाबा फिर बोले .

“…कुछौ करें !……अहंकारी धड़ाम से गिरेगा बहू !…..पापी अँधेरा दूर होगा …सर्वशक्तिमान महापापी रावण अहंकार में मारा गया ,…….शैतान लुटेरे सफेदपोश रावण हैं….इनको भी मिटना होगा !…….”

एक युवा हकलाते हुए शुरू हुवा ……………“…धर्म का झंझट $$.. डालकर धर्मनिरपेक्ष लुटेरों ने हमारा सबकुछ लूटा है ,….ईसाई साम्राज्य $$ हिन्दू मुसलमान को मूरख मोहरा बनाकर $$ अपना लूटराज मजबूत करता है ,…….झूठी बुनियाद पर खड़े धर्म खुद लुटेरे हैं ,……कौनो धर्म मानवता नही नोच सकता है !.”

मरियल से बुजुर्ग खड़े होकर बोले …………….“…धर्म का झंझट छोडो ….हिन्दू सनातन महान संस्कृति है ,….युगों से ई संस्कृति दुनिया को प्रकाश देती है ,………..आज लालच अज्ञान झूठ का बोलबाला है लेकिन ,…….कल न रहेगा !….मानव जाति एक है ,…मानव धर्म एक है ,..यही सत्य है … सनातन है !…सच झूठ की लड़ाई में हमेशा सच जीतेगा ! …. अपराधियों का अहंकार मिट्टी में मिलेगा !……हम अंधे बहरे मूरख इतना जानते हैं कि ,. अंधेरगर्दी में सोयी दिव्य शक्तियां व्याकुल हैं ,…मानवता से उनका अथाह प्रेम है ,….हमको उनके स्वागत खातिर तैयार होना होगा !…..सबको धर्म पथ पकडना होगा !…..”

पंचाधीश बहुत सम्मान से बोली ……………“…….ठीक कहते हो काका !…..धरम अपनाने से भ्रष्ट लुटेरे राज नहीं कर सकते !…..कांग्रेस की औकाते कितनी है !…… धरम से हमको ऊ सब मिलेगा ,….जिसकी खातिर भगवान हमको बनाए हैं !…तब हमारा जीवन दिव्यता से भर जायेगा !…”

“…तो बताओ न दादी … धरम है का चीज !..”……………….. युवा ने व्याकुलता से सवाल दोहराया तो पंचाधीश की सहज मुस्कान निकल गयी …………..

सूत्रधार ने फिर मिलने के वचन के साथ आज की पंचायत के विसर्जन की घोषणा कर दी ,…अगली सभा का इन्तजार है !

वन्देमातरम !

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