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मूरख पंचायत ,……रिवर्स गियर (द्वितीय)

हमार देश
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गतांक से आगे ……..

“…वाह दादी !…नौ मन तेल बिना राधा नाचेगी !!…काहे उलटबांसी बोलती हो ,…….धर्मे तो असल काँटा है ,.. माहिर लुटेरे यही औजार से इंसानियत काटते हैं !…..”…….एक ने पंचाधीश पर व्यंग्य कसा तो दूसरे ने ठिठककर समर्थन किया .

“.. धरम निजी चीज है ,..घर में रक्खो तो अच्छा है !..व्यवस्था को धर्म से काहे जोड़ना !.”

“….धरम सबकुछ है भाई !....…उसी से इंसानियत बनती मिटती है ……इस्लामी और ईसाई लुटेरे धर्म के नाम पर लूटे हैं ,……. धर्मी उन्माद से अथाह अत्याचार हुआ है ,….कौन नहीं जानता .. गजनी बाबर ने कैसे अमन फैलाया !!………. धर्म की तलवारों से इंसानियत के टुकड़े हुए !…..औरंगजेब ने धर्म परिवर्तन खातिर आरा मशीनें लगवाई थी ,….इस्लाम कबूल तो तोहफाकबूल .. नहीं कबूल तो आरा कबूल !………हिन्दुस्तानी मुसलमानों के पुरखे गजनी बाबर से औरंगजेब के जुल्मों के शिकार हुए थे ,…… उन्ही को बरगलाया जाता है ,….आजौ कठमुल्ले खूनी खेल खेलते हैं ,..धर्मनिरपेक्षता के नाम पर सरकारी ताकत उनके साथ है !…”……………..एक मूरख की तक़रीर पर पंचाधीश कुछ बोलने को हुई ,…पहले ही एक युवा बोला

“……उनका काम लड़ाना मारना है !…..लाचार पुरखों ने औलादों को सत्य में फिर मिलने का इच्छा बतायी थी ,….. समय की मार और लुटेरों की साजिश से वही औलादें राम के दुश्मन बने हैं !…. वोट बैंक खातिर सरकार विदेशी कठपुतलियां चलाती है …….”

पीछे से एक वृद्ध बोले ………………..“… मूरख जनता की गलती नहीं है ,……..देश समाज तोड़ने वाले हमेशा तैनात रहते हैं ,…….आखिरी बादशाह के बाद अंग्रेजों ने ये काम पकड़ लिया ,……अब उनका वारिस कांग्रेसी तंत्र यही करता है !….जो रटाया सिखाया जाएगा वही तो खोपड़ी में घुसेगा !!..”

“…बहकाना लड़ाना उनका काम है चाचा !….सोनिया एक चक्कर पर फिर अमरीकी चक्कर लगाने गयी है !…”……………एक मूरख ने चर्चा की दिशा बदली तो युवा बोला

“..और माल निपटाना होगा ,…….. आकाओं से गुप्त गुफ्तगू करनी होगी ,…..देश खिलाफत में कमर कसे है ,….शिकारी चुग्गा फेंककर जाल कसना होगा !…….”

एक चाची भुनभुनाई ……………“…कहाँ से कहाँ घुस जाते हो !…धर्म का बात में सोनिया काहे घुस गयी !…..”

युवा फिर बोला ………….“…ऊ भरपूर घुसी है चाची !…..साडी पल्लू वाली वेटिकन की शातिर दलाल है !……. ईसाईयों ने का किया !…..लुटेरी फ़ौज के पीछे फादर मदर लोग चढ़ते हैं ,…पहले लूटकर कंगाल करो !……पीछे से फुसलाते ललचाते बहकाते हैं ,……झूठे शैतान ईसाई आका धर्मांतरण खातिर दिनरात लगे हैं ,…… जितनी गिन्तकारी उतनी मालदारी !…….अंग्रेजों के बाद कांग्रेसी तंत्र देश का माल लूटता है ,……हमारे धन से हमको ही ईसाई बनाते हैं ,….धर्म माने सबसे ऊपर वाला हिस्सा !…….आदमी ईसाई बना तो वेटिकन की चलेगी !… हमारा धन पचाए अमरीका यूरोप ठसक से खायेगा !……..भारत गया तेल लेने !…….टाई टोपी पहने देश सोनिया को सलामी ठोंकेगा !……”

एक किशोर तमका ……………“…भैय्या ,……देश बाल जितना कील ठोकने की मांग करे तो गलत न होगा ,…….बेनकाब लुटेरों की शराफत नंगी है !…..गाँधी संस् एंड कंपनीराज का भारत मिटाओ खाओ पिलान दुनिया जानती है ,……मक्कार नेहरू से लुटेरे मनमोहन तक की प्यादाकारी सामने है …सोने की चिड़िया देश को विदेशियों का सुलभ शौचालय बना दिया ,,…अब तो बस हिसाब लेना बाकी है !…..”

“..वापस धरम पर लौटो भाई !……”…………….एक युवती उकताई तो बुद्धिजीवी टाइप का मूरख बोला..

………..“…बाबू !…. इस्लामी ईसाई डाकुओं ने दुनिया में लूट अत्याचार किया है ,…..भारत धर्मनिरपेक्षी जाल की करामात में फंसा है !…..ईसाई गुलाम सल्तनत का चाल देखो !……मुसलमान दंगे पर अखबार टीवी सब मौन होते हैं !….आतंकवादी नेताओं के बेटा दमाद बनते है ,…..एक साध्वी को बिना सबूत के सालों से भयानक यातना देते हैं ,…… लगातार दाबे गए हिन्दू का गुस्सा फूटा तो हमला बताएँगे !…”……….

एक मूरख ने माध्यम स्वर में प्रतिवाद किया ………….“…हिन्दू हमलावर नहीं हो सकता ,….लेकिन बर्दाश्त का हद तो होता है ..जरूरत से ज्यादा दाबने पर सुनामी आ सकती है !..”

पीछे से फिर आवाज आई ……………“…हिंदुत्व मजबूत पवित्र संस्कृति है !……..ऊ हद टूटने से पहले धरती का कायाकल्प होगा ,..इंसानियत मिटाने वाली साजिशें लादेन से गहरे दफ़न होंगी !….”

“…….हमको गधा बनाने खातिर कसाब के डेंगू को गुप्त फांसी बताया !……..बीमार टुंडा से देश मुंडा करने का पिलान है !…….जनता बिन इलाज मरे ,….उके खातिर फाइवस्टार इलाज इंतजाम होंगे !………”………….बीच में बैठा एक युवा बोला तो मौन बैठे बाबा भी बोल पड़े

……………“..और भटकल किसने पकड़ा !……बेगैरत ने छुट्टा घूम घूमकर इंसानियत उडाई !…..पकड़ा अरब अमीरात में ,…बताया कि हम किला जीते हैं !….”……………. लाल बनियान वाले मूरख ने कहा तो बुद्धिजीवी मूरख फिर बोला .

“……..अरे आतंकी साजिशदानों के पालतू मुर्गे हैं भाई !…. अरब सत्तायें अमरीकी पटरी पर चलती हैं ,……डालर में सबका कारोबार है ,…..भारत द्रोहियों खातिर काहे न गुपचुपी करेंगे !……मुलायम पार्टी से उके पक्ष में दबी आवाज उठी है ,.कल को नितिशवा बिहारी बेटा बताएगा !…. वोट का लालच गद्दारों को कितना गिराएगा !…”

बीच में जड़वत बैठे मूरख ने मुंह उठाया ……………..“… गिरने की कौनो सीमा नहीं है !……ईसाइयत इस्लाम को मोहरा बनाकर अपना उल्लू सीधा करती है ,…पचास तलवारी खानों वाले इस्लामी देश आसानी से ऊकी मुट्ठी में मरेंगे !…….अमरीका किसी का सगा नही है ,…..जब मर्जी हमला करके तबाह कर देगा !……..वहां का व्यवस्था पूंजीखोर गिरोह के हाथ है ,….सब यहूदी बैंकरों का जुगाड़ है ,….बिरतानी रानी अपनी कामनवेल्थ सल्तनत पर मोहित है ,…..सब मिलकर भारत तोड़ने का सपना पाले हैं !……..”……………….अगली कतार से एक हाथ ऊपर कर बोला .

“…भारत की संपदा अथाह है ,….सब लालची भेड़ियों की खूनी निगाह हमारे ऊपर है !…चीन कौन सा कम है ,..बुद्ध की अहिंसक शिक्षा तानाशाही कारखाना भट्ठी में स्वाहा हो गयी ,….तिब्बत के बाद पाकिस्तान हिन्दुस्तान पर कब्जे के सपने हैं ,….खंडित देश को यूनाइटेड नेशन शान्ति से सबके बीच बाँट देगा !…सब अपना अपना हिस्सा खायेंगे !…”….

तीखी सच्चाई पर युवा खून भभका ………………“…कौनो शैतान की भारत खाने की औकात नहीं है !……..पिद्दी गांधियों के सब बापों के सपने हिन्दुस्तान दफ़न करेगा ,..भारत रक्षा खातिर सवा सौ करोड़ भारत पुत्र पुत्री जिन्दा हैं !..

……………….“..हाँ कहने को जिन्दा हैं ,…शैतानी दुःख दरिया में बेहोश हैं !..कठपुतली लूटतंत्र की जकडन में सही गलत का होश कहाँ ! .”…………………युवा जोश पर एक वृद्धा ने पानी फेंका तो एक पंच साहब बोले

“..हमको होश जरूर आएगा माता !…..मानव जाति अपना धरम पहचानेगी !….मानवता का काम उठना है ,…गिरावट का दौर मिटकर रहेगा !.”

……“….. अरे भाई !……सब धर्म झूठ से लिपटे हैं ,…हिंदुत्व के कितने ठेकेदार उनके दलाल हैं ,….सब अपनी ढपली में उनका राग गाते है !…..खानदानी महंती के रोग से शैतानी ताकत के गुलाम हैं ,….उनका हाजमा पेट से बड़ा है !………बहुतेरे बचनवीर काम धंधे को माया ..और चढ़ावे को दान बताते हैं ! … पाखंडी पंडई से बहुत नुक्सान है !..ई लोग भरम में डालकर जनमानस खंडित करते हैं !…”…………………. एक मूरख ने सहज प्रतिवाद किया तो उसके पीछे बैठा मूरख कठोरता से बोला

“….ठीकै कहते हो लाला !……लेकिन सच्चे सेवादार साधु सन्यासी कम नहीं हैं !…….स्वामीजी जैसे अनेकों संतों गुरुओं की फ़ौज मानव कल्याण खातिर समर्पित है !….. मानव सेवा,.. धर्म सेवा ,..गौ सेवा ,..भगवत सेवा ,..खातिर उनकी हर सांस चलती है !….हर धर्म में सच्चे सेवादार हैं !… .”

एक अधेड़ मूरख खड़ा हो गया ……………….“…सच्चे सेवादार न होते तो मशीनी रोबट राज होता !…लालकिले पर मनमोहन नहीं आँख में कैमरा लगाए जोजो झंडा फहराता !…”

पीछे बैठे वृद्ध फिर बोले ………….“.. भाई अपनी जगह कौनो धरम गलत नहीं था ,… न कौनो सही बचा !..सबने घुमाफिराकर वही शिक्षा दिया है ,…लेकिन लालच अहंकार के चलते भ्रष्ट और इंसानियत के दुश्मन बन गए ,……. आदर्श आचरण मर्यादा पाठ जप सिखाने वाला सिक्ख धरम पर कौन काबिज है !!…….पंजाब लूटने वाला बादल माफिया ,…बाप बेटा बहू दामाद सब खाने में उस्ताद हैं ,…. लुच्चे सियासतदान आमजन को लूटते हैं ,…कारोबारियों से भी हिस्सा कब्जाते हैं ,…जहाँ नजर उठी वही माल अपना है ,…अफीमचियों ने ट्रांसपोर्ट होटल साइकिल ब्रेड कुछौ न छोड़ा !….. संगत को ईसाई बनाने वालों पर करम करते हैं ,.. अपनों में फूट डालते हैं ,….गुरु नानक जी ने फरमाया था ….. ‘एक नूर से सब जग उपजिया कौन भले को मंदे !.’ …… लेकिन गुरुद्वारे तक जातिवादी दीवार से बंटे हैं ,……….गुरुद्वारा कमेटी के चुनाव में बेहिसाब दारू भुक्खी नोट उड़ते हैं ,………तमाम संगत धर्मपरायण है … लेकिन राज लुटेरों का है !……संगत करे भी तो का !!….एक तरफ कांग्रेसी खाऊ हैं ,….बीच में आतंकी पहाडा पढाने वाले विदेशी दल्ले हैं !…..धार्मिक ठेकेदारों से महाबलिदानी महागुरुओं की पगड़ी शर्मशार है !…….गुरु साहिबों ने राष्ट्ररक्षा खातिर सबकुछ कुर्बान किया ,…….गद्दी खातिर सियासती शैतान लुटेरों के मोहरे बने हैं !……हमको फालतू मुद्दों में उलझाकर हमें खाते हैं ,…भारत विदेशियों के हवाले होता है !….”

“…बाबा ! … कौनो देश धरम की जनता गलत नहीं है ….लेकिन मूरख सब बने है !…… लालची हुकुमरानों का गिरोह इंसान का दुश्मन है ,…,..वही लालच फूट ईर्ष्या डालकर अत्याचार पापाचार बढ़ाते है ,..नहीं तो सिस्टमी मशीन बनाकर सोच सुन्न कर देते हैं ,…… साजिशन मानवता मरती है !………भारत फूट का सरकारी साजिश देखो तो दिमागी कुतुबमीनार हिलती है ,…..अगड़ा पिछड़ा अति पिछड़ा पिछड़े में पिछड़ा !…पिछड़े में अगड़ा ,..अनुसूचित जाति जनजाति ,..जनजाति में उपजाति …पता नहीं कितने खंड हैं ,….अरे ,.. स्कूली बच्चे से जाति लिखाकर काहे नफरत का बीज डालते हैं !……..कहाँ बचा इंसानी धरम !..”……………….वृद्ध की बात पर एक युवती ने मत रखा तो पंच महोदय बोले .

“…नफरती आग से सब धरम इंसानियत रक्षा में फेल हैं ,….लुटेरों की कौन कहे हम खुद धर्म से दूर हैं ,…..हमने भगवान .. अवतारों .. संतों महापुरुषों .. गुरुओं को गली का दुकान समझ लिया है !….उनकी शिक्षा भूले हैं तो लालची राक्षस काहे न नोचेंगे !….ऊ दुकान कब्जाए हैं !.”

बुद्धिजीवी टाइप मूरख फिर बोला …………“… तबहीं इंसानियत रसातल में हैं !….नीच महालुटेरों की का बात करनी !…..ऊ आसाराम जैसों को फांसकर धर्मसत्ता से विश्वास तोड़ेगी ….. तबहीं उनके बापों का काम होगा ……महालूटों पर बेशर्म लीपापोती होती है ,..सत्ता के सब अंग लुटेरों के गुलाम हैं …ऊ धरती और इंसानियत खत्म होने की परवाह काहे करें ,..मंगल शुक्र पर महल बनाकर भाषण देंगे !…..”

एक युवा आगे बोला …………….“….पाखंडी बापू शैतानों का मोहरा बना है ,…..चार दिन बाद फिर प्रवचन बांचेगा !……कांग्रेसी संगठन देश के बलात्कारी गांधियों से पहले उसके पुतले फूंकते हैं ,…… चेले अपनी ताकत दिखाते हैं ,…टीवी अखबार में आसाराम छाए हैं ,…बर्बाद देश पीछे हो गया !…कालाधन लूट मंहगाई बर्बादी पर कांग्रेसी बेशर्मी से उछलते हैं !…”

…………….“….कांग्रेसी बेचारे का करें …. गाँधी का हुकुम पालना मजबूरी माने महात्मा गाँधी है !…वहीँ से घर कारोबार चमकता है !…लंकाई राक्षस रावण से मजबूर थे !…”…………..एक महिला ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा तो युवा फिर बोला .

“.. चाची ,…शैतानों का काम तमाम है ,……..भारत ईश्वर का प्रिय सत्य सनातन धर्मराष्ट्र है ,….ऊ हमसे अथाह प्रेम करते हैं ,….आज हम अँधेरे में हैं !….लेकिन दुखी परेशान दुनिया का उद्धार इसी पावन धरा से होगा !……सफेदी पोते झूठे लालची राक्षसों को हरपल कुत्ते की मौत मिलेगी !!……….दादी तुम आगे बताओ !..कैसे धर्म से देश समाज इंसानियत का उन्नति हो सकता है !……कैसे हमको भगवान मिलेंगे !!….कैसे उनकी महान कृति धरती बचेगी !!…”……………..युवा पंचाधीश से मुखातिब हुआ तो मंच के पास खड़ा युवा जोर से बोला .

“…पहिले ई बताओ धरम है का चीज !…”…………………..क्रमशः

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