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मूरख पंचायत ,..रिवर्स गियर !

हमार देश
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आदरणीय मित्रों ,..बहनों एवं गुरुजनों ,..सादर प्रणाम ……………मूरखों की पंचायत में फिर आपका स्वागत है ….सब अपनी जगह पर बैठ चुके हैं ,……पंचों की अनुमति से सूत्रधार प्रारम्भ के लिए तैयार हैं ..

……………………

सूत्रधार ने सबका अभिवादन कर बोलना शुरू किया ……. “……. आज तमाम लोग नए आये हैं ,.सबका स्वागत है ,….. इनकी खातिर रिवर्स गियर में मोटा मोटी बात फिर कहते हैं …..अपना देश बहुत बड़ी मुसीबत में है ,…..हमारी मूरखता से सत्ता पर लुटेरा गिरोह जमा हैं ,…महालुटेरे शैतान गाँधी उनके माई बाप हैं ,…गांधियों का माई बाप लालची विदेशी राक्षसों का गिरोह है ,……………सदियों से हिन्दुस्तान लूटने वाली ताकतों ने फूट डालकर लोकतंत्र के नाम पर लूटतंत्र कायम कर लिया है ,…..देश बर्बाद करके परधान मंत्री और सुधार की बात कहता है ,…… गिरोह सुधार के नाम पर पूरा भारत हडपने के जुगाड़ में है ,..एक ईस्ट इण्डिया कंपनी भगाने खातिर लाखों हिन्दुस्तानी मर मिटे ,…ऊ कंपनीराज में हमारे पूर्वज बेबसी की जिंदगी मरे ,…….राक्षसों की चली तो भारत पर विदेशी कंपनी गिरोह राज करेगा !….रोजे एफडीआई लाते हैं ,…..हमसे लूटा माल विदेशी हिस्सेदारी देकर फिर क्रूर कंपनीराज लायेंगे !….हम सबका जिंदगी मौत से बुरी होगी !… और अपनी चलावे खातिर भारत द्रोही सत्ता एड़ी चोटी का जोर लगाए हैं ,…साजिशदान सोने की चिड़िया देश का शिकार नफरत फैलाकर ,…लालच देकर ,.. झूठे सफेदपोश परचार से करते हैं .,……….भूख गरीबी से बेहाल जनता के शिकार खातिर खाद्य सुरक्षा का दाना फेंका है ,……अब भूमि अधिग्रहण कानून लाए हैं ,….वाड्राछाप तमाम दलालों ने देश की अकूत जमीन मुफत में पचाई है ,… जमीन पर खटिया बिछाने खातिर आम जनता पीढ़ियों की कमाई देती है ,…”

“.. अब उनकी खटिया गद्दी उड़ेगी भैय्या !….. जिंदगी नरक बनावे वालों को नर्क में ठौर न मिलेगी !…”………एक महिला का गुस्सा फूटा तो सूत्रधार ने हाथ से इशारा करके चुप कराया वो आगे बोले …

“..मुगलों के बाद अंग्रेज यहाँ लूटने आये थे ,….राष्ट्रपुत्रों की लगातार चुनौती से गोरों को उपनिवेश छोड़ना पड़ा ,….तो उन्होंने साजिशी नफरत फैलाकर देश काटा ,…..इंसानियत के लहू से धरती काँप गयी ,… अपने खास गुलाम अय्याश चाचा को सत्ता सौंप गए !…….उनका दूसरा आदमी जिन्ना नमाज तक नहीं पढता था ,..वो शैतान इस्लाम का झंडाबरदार बनाया गया !……..उनकी साजिश का पहला आदमी ढोंगी पाखंडी बापू गाँधी था ,…उसके ब्रम्हचारी वाले किस्से सुनकर कामदेव भी शर्माए होंगे !……लेकिन अंग्रेजी हुकूमत के छल कपट में फंसकर उनको अपना कर्णधार माना ,…….

पन्द्रह अगस्त को आजादी का जश्न मनाया जाता है ,…. न हम कानूनन आजाद हैं ,..न क़ानून आजादी वाले हैं ,….नेहरू माउन्टबेटन में सत्ता हस्तांतरण हुआ था ,……बिरतानी पार्लियामेंट का पास किया प्रस्ताव नेहरू ने हमारे ऊपर आजादी नाम से थोपा !……. हम बिरतानी कामनवेल्थ के राज्य भर हैं !….अंग्रेजी कुईन हमारी कानूनी मालकिन है ,…… अंग्रेजों के बनाए तमाम कानून आजौ हमको चूसते हैं ,…हमारी जल जंगल जमीनी सम्पदा लूटने वाले विशेषाधिकारी उनके गुलाम हैं ,……..भारत भारतीयता मिटाने का सपना देखे वाले मैकाले की दिशाहीन शिक्षा व्यवस्था है ,…….. पढ़ाई से कमाने वाली शिक्षा है !….इलाज से चौगुना बीमारी देने वाला एलोपैथी स्वास्थ व्यवस्था है !…..अंग्रेजों का बनाया निर्मम कमिश्नरी शासन है !….बचत से ज्यादा खाय वाली पुलिस है !……न्याय के नाम पर अन्याय तंत्र है !…….दुनिया का सबसे बड़ा लुटेरा हमारा राजतंत्र है ! …… विदेशी बैंक हमसे लूटे माल से लबालब भरे हैं ,…डेढ़ हजार करोड़ का काला धन इन गांधियों और उनकी जायज नाजायज औलादों का है !…… एक पराक्रमी सन्यासी राक्षसों से देश का कालाधन मांगता है तो आधी रात को पीटा जाता है !…..उसके ऊपर सैकड़ों तरह के इल्जाम लगाए जाते हैं ,…..भारत को दिशा दिखाने वाला राष्ट्रऋषि व्यापारी ठग बेईमान बताया जाता है !….देश से बड़े सोनिया राहुल गाँधी माल ठिकाने लगाने विदेश भागते है !…….”

“… खुद ठिकाने लगने कहाँ जायेंगे !….”…………………एक मूरख फिर टपका तो सूत्रधार ने वही शान्ति क्रिया दोहराई और आगे बोले …

“..खंडित भारत में घोटालों का सिलसिला नेहरू चाचा ने शुरू किया ,….मेनन नामक छोटे दल्ले ने जीप घोटाला कामयाब किया ,…ईनाम में रक्षा मंत्री बना ,….तब से आज तक घोटालेबाज मगरमच्छों की अटूट लड़ी भारत खाने में मस्त है ,…हर विभाग की हर योजना हर नीलामी खरीद बिक्री में घोटाला है ,…..हर सरकारी कुर्सी हमारा हक खाने को आजाद है !….आज तक एक आधे चिल्लर के अलावा कौनो नहीं फंसा ,..काहे से की खाने पचाने बचाने खातिर मजबूत कांग्रेसी व्यस्वथा है !…..खास जरूरत पर अपने ही संविधान लोकतंत्र को कुचलते है …..

………..नेहरू खानदान के अगले वारिसों इंदिरा राजीव ने जमकर देश खाया ,…..अब सोनिया और उसकी नालायक औलादें भारत सफाचट करने पर आमादा हैं ,…..टूजी कामनवेल्थ कोयला जैसे घोटालों को दबाया जा चुका है ,….मालिक की कौन कहे .. मामूली प्यादे भी मस्ती से कुर्सी हथियाने में मस्त हैं !… अनेकों क्वात्रोच्ची हसनअली वाड्रा सत्ता के गलियारे में घुसे हैं ,…..

…कांग्रेस और सनातन चोर परिवार के अलावा भी सत्ता पर कुछ लोग रहे ,…लेकिन उनको मारा ,..फुसलाया ,..दबाया ,.उलझाया,.. गिराया गया !……शास्त्री जी को रूस के साथ मिलकर इंदिरा ने मरवाया था ,…उसके बाप और बापू के हाथ भगत आजाद और अनेकों क्रांतिकारियों के खून से सने थे ,…..आजाद जी दुनिया में चमके लेकिन अंग्रेजी कठपुलियों से हार गए !……देश को मूरख बनाने की कला में ये दक्ष हैं ,……इकहत्तर में पाकिस्तानी फ़ौज हमारे कब्जे में थी ,…शिमला समझौता में उनको छोड़ दिया लेकिन आधा कश्मीर गुलाम रहने दिया ,………काहे से कि उसके बापजी ने ही स्वर्गिम कश्मीर को देश का नासूर बनाया था ,….. ई सनातन विदेशी दलाल एक पाई भारत खातिर नहीं सोचते हैं !…..ई सब भारत तोड़ने में विदेशियों के मददगार हैं !…”

“..अरे ई लोग जयचंद से गिरे .. मीरजाफर से गुजरे हैं !..”

“..सही कहा !…..अच्छा राज एनडीए का भी आया था !…”

“..सब एक हैं !……कांग्रेसी सिस्टम है ,..विरोध में पैदा होने वालों को अपने साथ मिला लो !…. असली विरोधियों को मारो मिटाओ ,… टुटपूंजियों को धीरे से मिलाओ !….. सब पार्टी कांग्रेसी खिलाफत करके खड़ी हुई ,….आज कौन गांधियों के जूते नहीं चाटता है !….देश खाने में सब खाऊ पक्षी एक हैं !….आज का एकौ दल कांग्रेसी लूटतंत्र के खिलाफ नहीं है ,..अगर है तो झूठमूठ में है ! ……श्यामाप्रसाद जी को किसने मारा !……….मरे समान को जूते मारना गलत है फिरौ सवाल है तो बोलेंगे !……….अटल विपक्षी ने काहे नहीं अपना कश्मीर लेने की सलाह दी थी ,.. इंदिरा को दुर्गा कहा था !…..फिर छह साल राज मिला तो काहे नहीं खाऊ सिस्टम बदले का प्रयास किया ,…काहे नहीं काले धन पर कुछ किया !…..काहे से कि सबने देश के ऊपर कुर्सी को रखा !…बामपंथी आदिकाल से चीन के चहेते हैं ,..बीच वालों की खाने के अलावा कौनो औकात नहीं है ,….सब इलाकाई कुत्ते भेडिये अपने कुनबे खातिर देश नोचते हैं !….राजनीति में कौनो विचारधारा नहीं बची है ,….सबकी एकै विचारधारा लूटो जी जान से है …..सबके सब लोभी लालची अहंकारी शैतान हैं !….”……..सूत्रधार ने दम मारा तो एक भाई खड़ा हुआ

“……….दुनिया को मनमाफिक चलाने वाला गिरोह विदेशी पूंजीपतियों का है ,…अमरीकी सत्ता ,…विश्वबैंक यूनाइटेड नेशन सब उनके औजार हैं ,..भारत में कांग्रेस उनका भयानक औजार है !….आतंकी भी उनके औजार हैं ,…भटकल सैकड़ों जान लेने के बाद काहे पकड़ा गया ,……कहे ऊको धमाकों की खुली छूट थी ,….ई शैतान मिलकर हमको नाटक दिखाते हैं ,….हम उनके खेल तमाशे में बार बार मूरख बनते हैं !….”

सूत्रधार फिर शुरू हुए ………….“…..सही कहा काका !……अब देश का हालात देखो ,..अमरीका सबकुछ कब्जाने को बेताब है ,…..हमारी हजारों मील जमीन हडपने वाला चीन रोज कब्ज़ा बढ़ाता है ,…उसका पूरा लेह लद्दाख पूर्वोत्तर भारत हडपने का इंतजाम है ,…..हमारा कट्टर दोस्त नेपाल उनके कब्जे में है !…तिब्बत पहले खा चुके हैं !………गधा पाकिस्तान उनकी चाकरी करता है ,…वर्मा भूटान भी मजबूर लगते हैं ! …..इधर वही चीन अपने सामान से हमारा बाजार भरता है ,…पाकिस्तान के राक्षसीपन की सीमा नहीं !..अमरीकी मदद और मिलीजुली हुक्मरानी माफिया से आतंकी बनते हैं ,…फ़ौज आतंकी सब एकै भाव हैं !……हमारी सब सीमा खतरे में हैं !…..

देश के अंदर देखो !…… अन्यायी लूट से उपजा नक्सलवाद कितना फ़ैल गया है ,….करीबन तिहारा भारत निर्मम हिंसा में डूबा है ,….. सरल दिलेर आदिवासी भाई हमेशा राष्ट्र खातिर न्योछवर रहे ,……..ऊ चंद्रगुप्त से लेकर महाराणा प्रताप तक के मजबूत साथी रहे !…..बिरसामुंडा जैसे क्रांतिवीरों की धरती काहे विद्रोह करती है ?….काहे से कि अंग्रेजी कांग्रेसी लूटतंत्र से उनको केवल भूख बेबसी अन्याय मिला है !………. सत्ता उनके खिलाफ कार्यवाही कर सकती है ,….काहे से कि हमको मूरख बनाना जरूरी है ,…इंसानियत खा खून पीने वाले बड़े नक्सली नेताओं को निकाल देंगे !….हमसे हमारे भाइयों को मरवाकर यही शैतान फिर नगाड़ा पीटेंगे ……. हमने नक्सलवाद दबाया !…..हम आतंक से लड़ते हैं !..”

“..अरे भैय्या ,….विदेशी कुकुरमुत्ते अपने दबने की खैर मनाते होंगे !…..जागा राष्ट्र कांग्रेस को लादेन से गहरे दफनायेगा !…”

“..और सुनो !……. हजार के नोट चलते हैं ,…नेताओं के नोट ट्रकों में लदकर जाते हैं ,…जनता बिना दाम के बेदम है ! ….यहाँ असली नोट छापते हैं,………इनके पाकिस्तानी साथी नकली छापते हैं ,….लुटेरे अर्थशास्त्रियों का कुनबा कैसे बताए कि काहे दुनिया में औकात गिरी से गिरी है ,……..बेशर्मी से तनकर बताते हैं हमारी औकाते इतनी है !…….”…………………सूत्रधार का क्रोध बढ़ा तो एक और मूरख बोला

“..भैय्या अब बैंक भी डूब सकते हैं !………नेताओं ने सगे सौतेलों चमचों को अथाह कर्जा दिलाया है ,….वसूली कर नहीं सकते ,…डूब के मर जायेंगे ,..साथै मरेगी आम जन का खून पसीना !…..किसान से वसूली खातिर बैंक चिंता में हैं ,…लाख किसान बराबर एक डाकू !….डाकू को छू नहीं सकते ,…किसान की मैय्यत निकालेंगे !..”……………..दूसरा भी क्रोध में बोला

“…मैय्यत अपनी तैयार करी है !…..मंहगाई की महामारी कहाँ से आई !……बेशर्म कांग्रेसी लूट लायी !…..”

सूत्रधार फिर शुरू हुए ……………“..और जरा नीचे देखो ……..दिल्ली में राष्ट्रीय लुटेरे बेख़ौफ़ हैं तो गली गाँव मोहल्लों में चिल्लर चोर लुटेरों की मौज है ,…….चैन मोबाइल गली सड़क से खींचे जाते हैं ,…लूटने वाली शिक्षा व्यवस्था में हमारे होनहार नशेड़ी ठग चोर उचक्के डाकू बनते हैं !….अपनी ही बहन बेटियों को शरेआम छेड़ते हैं ,….हिम्मत गिरी तो शैतानियत की हद पार करते हैं ,… बैंक लूटते हैं ,.पेट्रोल पम्प लूटते हैं ,..बस रेल में लूटते है ,…..घर में घुसकर लूटते हैं !…..हमारी गाय भैंस तक लूटे जाते हैं !..”

“..अरे गौ लुटेरों को नेतागिरोह का संरक्षण है !…..नेताजी के दाब में तस्कर पकड़े नहीं जाते ,..पकड़ने से पहले पुलिस छोडती है !……देश में रोज हजारों गौ माताओं का कतल होता है ,….हजारों कटने खातिर बंगलादेश भेजी जाती हैं !……..”………….एक मूरख ने फिर अपनी टांग अडाई ,….सूत्रधार सहमति में सिर हिलाकर फिर बोले

“….सही कहते हो भाई ….और सुनो !…..हमारी खेती दुनिया से अव्वल है ,…..काहे से कि उपजाऊ धरती मैय्या को गौमाता का गोबर मूत्र का अमृत मिलता था !……अब धरती मैय्या को जहरीले खाद रसायन से बंजर किया जाता है ,..अमूल्य अमृत देने वाली गौ माता को धरती से मिटाने का साजिश है !……..बीमारी जोर पकड़े है ,….कैंसर किडनी हार्ट फेल गाजर मूली हो गया ,..हर इंसान को कौनो न कौनो बीमारी पकड़े है ,……नयी बीमारी का इलाज तक नहीं ,..काहे से कि खाना में जहर ,.पानी में जहर ,.हवा में जहर ,…टीके दवाई में जहर ,.दिमाग में जहर ,…सब तरफ से हमको जहरे मिलता है !..”

“…अरे उसका इलाज है न …… योग आयुर्वेद में !….”……………..एक मूरख ने फिर टोका तो दोसरा भी बोल उठा

“.तबहीं गाँधी जैसे विदेशी चाकरों को स्वामीजी ठग बेईमान लगते हैं !…”

सूत्रधार हाथ से इशारा कर फोर शुरू हुए ……………….“….और सुनो !…….पूंजीखोर कुनबा हमारी कुदरती सम्पदा बेरहमी से लूटकर प्रकृति का बलात्कार करता है ,…पहाड़ बेदर्दी से उडाये जाते हैं ,…जंगल घास की तरह काटे जाते हैं ,….महान नदियाँ नाली की तरह रोकी जाती हैं ,..जीवन दायी गंगा यमुना को भयानक जहर से भरा जाता है ,.तबहीं हम प्रकृति के क्रोध का शिकार होते हैं ,…..इंसानियत का आधार प्रकृति मिटाकर लुटेरा राजतंत्र विकास का नाम देता है !……..बाकी कसर बुकी से बिकी किरकेट और नंगा मनोरंजन करता है ,…..

और….शर्म आती है ,….लक्ष्मी पार्वती की संस्कृति वाले देश में बच्चियों से बलात्कार होता है ,……जिम्मेदार लूटतंत्र चटनी समोसा की तरह मजा लेता है ,….नशा वासना के निर्लज्ज परसार में हमने भी अपनी आँखों पर पट्टी बाँध ली है ,…..दो दिन उचकते हैं फिर बैठ जाते हैं ,..काहे से कि जंगलराज उजाड़े का सिरा नहीं मिलता !….लालच नशा वासना के भयानक साजिशी परसार में सब कहीं न कहीं फिसलते हैं !…लेकिन सब नहीं गिरते !…..

….सर्वे भवन्तु सुखिनः का उद्घोष करने वाली सभ्यता में नोट से जालिमों को वोट बिकता है ,……लालच में मूरख इंसान का नहीं करता है ,…सुखछाया की चाहत में जहरीले दलदल में फंसे को मजबूर हैं !…..खुदौ दुःख पाते हैं और दुःखे बाँटते हैं !…….साजिशी लूटतंत्र के चलते विश्व को परिवार माने वालों के परिवार में ब्रम्हांड जितनी दूरी बनती है !……सुख शान्ति को सर्वस्व मानने वाला संस्कारी समाज दुःख दरिया में डूबता जाता है …..कौन है जिम्मेदार !!..”……………….सूत्रधार ने जोर से पूछा तो क्षणिक सन्नाटे के बाद एक बुजुर्ग बोले .

“…यथा राजा तथा प्रजा भाई !…….सत्ताधीशों की खोपड़ी पर लालची अन्यायी अत्याचारी साजिशी रावण बैठा है तो उसका असर हमपर होना लाजिमी है ,…..हम भूखे लाचार लोग हैं ,…..भूख गरीबी सब धर्म संस्कृति मिटाती है !….ई साजिशी लुटेरे वही करते हैं !…”…………………………..

“..अब इनके मिटने की बारी है ,..हमारे दिलों में राम छुपे बैठे हैं !…….पापी घड़ा बहुत दिन से छलकता है ,….भारत में सुख साम्राज्य जरूर आएगा … लेकिन हम सुख का गाड़ी इंजन ढांचा से सहमत नहीं हैं !……….हमरे हिसाब से व्यवस्था पेड़ और आचरण फल है ,….उससे हमको सुखरूपी छाया भोजन स्वाद सब मिलता है !…”………………..एक बुजुर्ग ने मजबूत शान्ति से पंच का विरोध किया तो पंच महोदय हाथ जोड़कर बोले

“..काका हम मूरख उदाहरण दिया था ,…..आप सही कहते हो ,..हम गलती मानते हैं ,…….व्यवस्था ही आचरण बनाती है ,…..दोनों से हमको सुख मिलता है ,…और सुख केवल लेने से नहीं देने से मिलता है ,…पेड़ को ढंग से खाद पानी न देंगे तो कैसे छाया फल मिलेगा !……. नीचे आराम की जगह कब्जे खातिर लट्ठमार करेंगे तो कहाँ से शान्ति होगी …….ई लूटतंत्र ने भारत को खंडित नागफनी बन दिया है ,….बस कांटे ही कांटे चुभते हैं !….”……

बुजुर्ग ने भी हाथ जोड़ लिए ,….एक युवा बोला …….“…दादा !….. केवल भारत में नहीं .. राक्षसों ने दुनिया भर में नागफनी लगाए हैं ,….दुनिया को आपस में लड़ाते हैं ,……….विकास न्याय निवेश शान्ति के जाप से बहलाते हैं ,…..फिर दुनिया भर का माल गिनती के मगरमच्छ उड़ाते हैं …!..”

“…हम तो भारत का ही जानते हैं ,…..अच्छा सब मुसीबत का उपचार का है !…”…………….एक चाची ने पूछा तो सब रुक गए ,……………….पंचाधीश ने उत्तर दिया

“…एके उपचार लगता है ….धर्मम् शरणं गच्छामि !…… सब दुःख भगवान से दूरी के कारण है ,…धर्म ही उनसे मिलवाता है !……..धर्मे सबको जोड़ता है ,….मानवता उठान खातिर मानव को सच्चा धर्म अपनाना होगा !….सच्चे सुख खातिर धर्मपूरन व्यवस्था चलानी होगी !….धर्म का आचरण करना होगा !!…”………….क्रमशः !

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