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आदरणीय बहनों ,भाइयों एवं गुरुजनों ,..सादर प्रणाम …… फिर मूरख पंचायत जुटी है ,…सूत्रधार महोदय तैनात हैं …..आइये उनके पास ही चलते हैं .
……………….
सूत्रधार —- “…सबको राम राम परनाम !…………..हमने लुटेरी व्यवस्था को जीभरकर कोसा है ,…फिरौ जी नहीं भरा ,…काहे से कि तमाम असल बातें बकाया हैं ,…वैसे पूरा संसार दुःख में सराबोर है ,…लेकिन हमारा भारत दुःख दरिया के भयानक सैलाब में डूबा है ,……आज मानव भैय्या पधारे हैं ,. बाकी जिम्मेदारी हम इनको सौंपते हैं ,……..ई सबका दुःख बता सकते हैं !…..”…..
सूत्रधार ने पंचायत मानव को सौंपी …….सबको मौन अभिवादन कर सूत्रधार को देखते हुए मानव शुरू हुआ ……….. “……जैसा आपने कहा है ,…दुःख दरिया ने गाँव नगर महानगर सबको डुबाया है ,. इस दुःख दरिया का उद्गम सब जानते हैं !……लुटेरों की राक्षसी सत्ता निरंकुश है ,… विदेशी हाथों में नाचने वाले कठपुतले नौटंकी दिखाकर हमारा सर्वस्व लूटते हैं !……..लुटेरों ने सोने की चिड़िया भारत को भूखा नंगा गरीब बीमार ही रखा ,….. उनकी साजिशों से देश जातिवाद,..सम्प्रदायवाद ,..अलगाववाद ,.नक्सलवाद के भयानक खतरे में हैं !…..अमीर गरीब के बीच भयानक खाई हीनता अहंकार क्रोध पैदा करती है ,..यहाँ से इंसानियत कमजोर पड़ती है ,……. लालच अपराध अत्याचार नक्सलवाद आतंकवाद बढ़ता है ,….तरक्की का पैमाना सम्पन्नता शान्ति सुरक्षा होती है ,…….हमारी जीवन शान्ति उड़कर मंगल पर जा बैठी है ,………….सुरक्षा वाले पंछी खुद हमें खाते है !….लुटेरों की बनायी शैतानी सीमा भूल भी जाएँ !…..बाहर निकले इंसान की परवाह में हमारे बुजुर्ग सोते नहीं हैं !!…..हम घर बाहर कहीं सुरक्षित नहीं हैं ,…हमारी बहन बिटिया नोची जाती हैं ….गाँधी छाप सम्पन्नता का अर्थ नैतिक कंगाल भ्रष्ट नेताओं दलालों का मंहगा काफिला है ,…उनके सगे सौतेले रिश्तेदारों चाटुकारों की अथाह संपदा है …..उनके अनेकों स्वर्गिम आशियाने हैं ,…हमारी धरती लूटकर जहर फैलाने वाला अंधा औद्योगीकरण है !….विदेशी तिजोरी भरने वाले कुटिल धंधे हैं ,……अनमोल गौधन का मांस निर्यात होने से कौन संपन्न होता है !…..शराब कोला पीकर हम खोखले होते हैं ,….सचिन सलमान धोनी शाहरुख का संपन्न इंडिया बनता हैं ,………कुपोषण ,..मूरख जीवनशैली और जहरीले अन्न फल आबो-हवा से हम कमजोर बीमार हैं ,……दवा के नाम पर नित नए जहर बेचने वाला कंपनी गिरोह तंदुरुस्त है !…….. महान साजिशी तंत्र के महान लुटेरे नेता मोटे ताजे चमकदार मालामाल ….और हम कंगाल हैं !……. हमको फल कहाँ नसीब है !…..लेकिन प्याज अगर लाख रूपये किलो बिके तो भी ये देशद्रोही बोरी में खायेंगे !…………..सम्पन्नता की हालत रूपये से जोड़ लो !….नेहरू महान की राज में डालर बराबर था ,….. आज पैंसठ गुना गिरने को बेकरार है ,.महान गांधी राज में सत्तर सौ तक गिर सकते हैं ,.”…………
“……भैय्या अमरीकी सत्ता माया गुलाम है ,.. भरपूर चूसने के बाद थोड़ा उठाय सकते हैं ,…फूली लाश उतराती है ,… गुलाम गांधियों खातिर अमरीका हर चाल खेलेगा !…”…………..एक मूरख ने अंदेशा जताया तो मानव ने समर्थन किया …….
“आपका कहना सही है ,….दुनिया पर राज करने वाले मुट्ठीभर राक्षस हर दांव मारेंगे !….चोर वित्त मंत्री रूपये की यही सही औकात बताता हैं !….”……….
.एक युवा तमककर बोला……………………“….बदमाश डाकू अपनी औकात भूले हैं !…..राक्षसों को दो रास्ते मिलते हैं ,……शुद्ध समर्पण नही तो भयानक खात्मा !……समर्पण का सब मौका कब का निकल गया !…इनकी साजिशों ने खात्मे का पटकथा लिख दिया है !.. लूटतंत्र की अर्थी के साथ रुपया उठेगा और मंहगाई गिरेगी ,…हमको सबकुछ मिलेगा जिसके हम हकदार हैं ,…..काला धन मिलेगा तो रुपया डालर से ज्यादा ताकतवर होगा… तुम आगे बताओ भैय्या !….”
मानव से पहले एक अधेड़ मूरख उचका …. “….भैय्या ,.. एक बात हम कहते हैं ,…. हमारा दुःख लालचियों की भ्रष्टाचारी अन्यायी साजिशों से उपजा है ,…..हमारा भारत सर्वसम्पन्न सर्वसुखी देश था ,..हम धर्मपरायण सुखी सरल लोग थे ,…..लुटेरों ने गरीबी ,भूख, कुपोषण ,मंहगाई,बीमारी, बेकारी, कुशिक्षा का सैलाब फैलाया ,….. हम नशा वासना लालच ईर्ष्या अपराध झगड़ा फसाद में कसे फंसे हैं !..”…
पिछली कतार वाले व्यक्ति ने बात आगे बधाई …………“…अरे फंसे नहीं …मरे जा रहे हैं !…लुटेरे देश तोड़ना चाहते हैं ,….खंडित देश की हर रियासत में पक्के दल्ले बैठाने का पिलान लगता है …..हमको कंगाल करने वाले मगरमच्छ नफरत फैलाते हैं ,…. साधु संत रामप्रेम में पदयात्रा करेंगे ,…दलालों की सरकार सख्त आग भड्काएगी !……..भारत माता को डायन कहने वाला आजम बांहे चढ़ाकर ललकारता है ,……”
एक और मूरख बोला ……….“…अरे ..मनमोहन खान गाँधी मुलायम सब एकै गिरोह के हैं ,..वही गिरोह सबकी कुंजी घुमाता है ,..राजतंत्र विदेशी इशारों पर नाचता है ,……देश तोड़ने का पिलान पुराना है ,……हिन्दू मुसलमान के नाम पर तीन खंडों में खाते हैं ,… नाम इंडिया पाकिस्तान बंगलादेश रखा ,..बाकी दोनों अपने बाप को खूनी दुलत्ती मारते हैं ,…….फिर से धर्म जाति भाषा के औजार से देश काटने का काला इरादा होगा ! .”
टोपी वाला मूरख ताव से बोला ……….“…इरादे तो रावण के भी तमाम थे ….कैसे फुर्राय गए !.. का मुसलमान उल्लू है ,…सब जानते है कौन हमारा मालोअमन लूटता है !……”
अब एक महिला बोली …………….“…हम तो कहते हैं ,……काल तक को बाँधने वाला एकरात चैन की नींद न सोया होगा !…… मरकर सही .. शरणागति होना ही पड़ा !………..प्रभु ने हमेशा राक्षसों को मौका दिया है ,… वैसे राक्षस की औकात कितनी है !…… प्रभु हमरी बिथा पर तरस खांय !!……”…….
महिला की उदासी पर पीछे बैठे वृद्ध बोले ………….“….प्रभु का काम जगाना है ,…. सब तकलीफ का इलाज मिलेगा ,……. मंदिर काहे मुद्दा है ,….. बाबर ने कत्लेआम करके राम जन्मभूमि तोड़कर ढांचा बनवाया ,……… अंग्रेजों ने मुद्दा उलझाया ,…..ताला लगाया गया !….. नादिरशाह गाँधी ने खुलवाया ,.. मुलायम ने हजारों राम भक्तों को मरवाया ,…फिर ढांचा गिरा ,…..ई तोड़ाफोड़ी के बीच राम के राष्ट्र में रावण राज कायम हो गया ,…… !.”
वृद्ध की बात एक और वृद्ध बोले ………….“…….धर्म परचार खातिर बेपनाह जुल्म हुए ,………लालच ईनाम की दुकानें सजी ,…… इंसान खातिर बने धर्म इंसानियत खाकर राक्षसों की कठपुतली बन गए !….”
वृद्ध की बात पर एक अधेड़ खड़ा हो गया …………. “..बाबा !…..धर्मों पर काली लालच हावी हो गयी ,…….विदेशी साजिश के तहत फकीरी फादरी चोले आये ,…..असल धंधा साम्राज्य बढ़ाना रहा ,…..लड़ाई हमारे राजाओं में भी होती थी ,… दुश्मन सेना भी धर्मपालन करती थी ,…!.”
बाबा वापस बोले ……………“..भैय्या धरम कौनो बुरा न था ,……सब संत प्रवर्तक के पीछे कम ज्यादा दिव्य परकाश रहा ,……सबने इंसानियत को भरसक राह दिखायी है ,..उन्होंने कब कहा …. ‘बदलाव मत करियो !’ ……..लेकिन अनुयाइयों की लालची जमात शैतानियत करने लगी ,……आज हिंदुत्व के तमाम झूठे पहरुवे खानदानी गद्दी पर पुजापा लेते है ,……लालची विधर्मात्मा चोले के पीछे दुश्मनों के दलाल हैं ,……………इस्लामियत के खलीफा बहुत पहले से इंसानियत के दुश्मन हैं ,. उनका लालच दुनिया पर कब्ज़ा है !……पैगम्बर साहेब ने इंसानियत बचाने खातिर इस्लाम चलाया था ,….उनके वारिस खुदै खाने लगे !!…………ईश्वरपुत्र जीसस की ईसाइयत झक कोमल लिबास तले काले कारनामों फलाफूला धंधा बन गया ,…….पापी पोप के इशारे पर पूंजीवादी मंडली दुनियाभर में इंसानी हक लूटती है ,………. लालच और भूतिया भौकाल दिखाकर मासूमों मजलूमों को ईसाई बनाते हैं ,… शान्ति शान्ति जपकर दुनिया लूटने का सपना है ……..चंहुओर से इंसानियत मरती है !…….”
एक वृद्ध महिला बाबा को प्यार से देखते हुए बोली …………“… लालची राक्षस महामूरख है ,…..इंसानियत के दुश्मन न बचे हैं न कभी बचेंगे ,… रावण जैसे महापराक्रमी राक्षस का कुल वंश मिट गया !..ई कहाँ बचेंगे !.. लालच अहंकार इंसान को राक्षस बनाता है ,…ऊ झूठे वाद धर्म का मुलम्मा पहनकर इंसानियत खाता है ,….आज महालालचियों ने लालच का विषाणु सब जगह फैलाया है !…”
दादी की बात पर एक युवा सहसा बोला ……………“…अरे याद आया .. बालक गाँधी कुछ बोला है !….हाँ ,…….भारत अगर कम्पूटर है तो कांग्रेस पैदाइशी वायरस है !…”
युवा के तंज पर पंच साहब बोले ………….“…ई बात तो दुनिया जानती है ,…कांग्रेसी वायरस ने हमको बीमार घायल लाचार किया है ,……कौनो बात नही !…विधाता कीटनाशक जरूर देंगे ! ….”
मंच के करीब खड़ा युवक बोला ………………..“……..गुंडा गिरोह ने अयोध्या जाम कर दिया है ,…सौ कोस पहिले से सड़कों पर खाकी आतंक छाया है ,……बाकी इनकी निगरानी में डाकू और उनका खजाना रहता है !……आज ड्राइवरों यात्रियों को डंडा करते हैं ..कहते हैं माहौल बिगडेगा !..”
युवा की बात पर एक अधेड़ की पीड़ा बही …………… “..गुंडे आतंक दिखाना चाहते हैं ,…. मुलायम ने हजारों क़त्ल करवाए थे ,…हम आधी जिन्दा लाशों को ट्रकों में भरकर सरयू में गिराते देखे थे !,…” …
“..भैय्या हमारा लालच अज्ञान ही राक्षसों की ताकत है !…..हमही उनको जिताए हैं !……..भुगतना तो पड़ेगा !..”…….एक महिला ने पीड़ा पर नमक डाला तो युवा बोला .
“….अज्ञान मिटेगा अम्मा !……अब भुगताने की बारी है !……समाजवादी झुण्ड इंसान होता तो साधु मंडली को प्रेम से पैकरमा करवाते !…..”
पंच महोदय बोले ……………“..देखो भाई ,…साधु संत का काम यात्रा करना है ,………हर रामभक्त भव्यतम राममंदिर चाहता है ,..ऊ प्यार मोहब्बत से बनेगा !………राक्षसी सत्ता .. लुटेरी व्यवस्था के रहते देश में अमन प्रेम कहाँ होगा !………….साधु संत चौरासी कोसी पैकरमा करेंगे तो काहे तकलीफ है ,…सबको प्रेम से जुटना चाहिए ,…… भगवान राम मानवता खातिर महानतम अवतार हैं ,…….उनके ही निराकार रूप को हम अल्ला .गाड .ईश्वर कहते हैं ,…….लेकिन दौलत को भगवान माने वाले राक्षस नफरत फूट डालेंगे ,…..सब जगह उनके प्यादे हैं ,…दिल्ली वालों के दलाल लखनऊ में जमे हैं ,…..लूट की कामयाबी खातिर जनता की नजरबंदी जरूरी होगी !..”
अबकी दूसरे पंच बोले ……………“..हां उनका यही पिलान लगता है ,.. मुद्दे उलझाकर लूटो !……साधु संतों को मारने पीटने का पुराना इतिहास है ,……….हम मंदिर को मन का दीपक मानें !…. मन में रामजी बसें !……सत्य की जोत जले ,..सब राम से और राम के हैं ,……राममंदिर खुदै बन जाएगा !…….हम मूरख लोग अपने संतों सन्यासियों से विनय करेंगे ,………आप प्रेम से प्रभु धाम की पैकरमा करें ,………..अगर अत्याचारी टांग अड़ाए तो शान्ति से राम राम करें !……संकल्प लेकर साधु टोलियाँ हर गाँव गली में राम प्रेम की बरसात कर दें !……सबको बताएं कैसे मूरख राक्षसों ने फूट डालकर राम का सुखी देश बर्बाद किया है !……झूठे परचार से हमको भी मूर्ख बनाया है !…”
………“..ई कहाँ होगा ,…..तमाम साधु पाखंडी हैं ,…उनको देश समाज से का लेना देना ,….चढावा गद्दी श्रेष्ठता की जंग में राम प्रेम उड़ गया !….लुटेरे उनका इस्तेमाल करते हैं !…….”……..एक युवा तमका तो पंच महोदय ने समझाया .
“…ई बात पूरी सच नहीं है ,….साधु सन्यासी हमेशा भगवान देश समाज खातिर समर्पित हैं ,…तपस्या से संसार चलता है ,…….रावण का साधु वेश धरना तप की महानता का परमान है !…फिर वही ताकत साधु वेश में घूमती हैं ,…… पाखंडी तत्व संतत्व नहीं खत्म कर सकते !…फिरौ पाखण्ड तो बढ़ा ही है ,….राक्षसी व्यवस्था ने तमाम चोर उचक्कों नालायकों को साधुरूप धराया है !…”
आगे बैठे चश्मे वाले भाई बोले ………..“…..लुटेरों से मानवता पर खतरा है ,…..इनको मिटाकर सबकुछ मिलेगा !…..हमारे धन के साथ सच्चा धर्म फिर आएगा ,….सन्यासी प्रेम से भरे होते हैं ,….ऊ अत्याचारी भ्रष्ट राक्षसों खातिर काल भी बनते हैं ,…..हमारे सच्चे सन्यासी अपना धर्म निभाएंगे !……..समझदार मुसलमान राम से प्रेम करते हैं …….रहीम नाम होने से कोई राम का दुश्मन नहीं होता !!..”
चश्मे वाले का साथी ताव से बोला …………“..अरे रहीम बाबा भगवान के मुरीद थे ,…..ऊ तुलसी बाबा के परम मित्र .. रामभक्त थे !….भारत का मुसलमान राम को अल्लाह मानता जानता था ,………….अब फरेबी लोगन की साजिश से प्रेम की महक बारूदी बदबू बनी है !….”
साथी की पीड़ा पर तीसरा साथी बोला ………….“..भारत का मुसलमान आयात होकर नहीं आया है ,….ऊ भारतपुत्र है !…..सदियों से राम कृष्ण शिव शक्ति का भक्त है ,…साजिश चाहे जितनी काली गहरी हो ,….भक्ति प्रकाश फिर होगा !…भगवान की किरण सबमें है ,…..साजिशी गद्दारों का कुनबा गद्दी पर काबिज न होता … तो हर इंसान राम यात्रा का भरसक सत्कार करता !….आज नफरत के दौर में इंसान इंसान से खौफ खाता है !….सबसे ज्यादा समाजवादी खाकी का खौफ है !!..”
लाइन में बैठा आखिरी आदमी बोला …………….“..भाई बड़ा सवाल हम जैसे चूसे आम पर है ,…….हमने बुराई को बढ़ने दिया है ,…हमहू पापी हैं ,… गद्दारों के हाथ अनेकों राष्ट्रपुत्रों के खून से सने थे ,….फिरौ अपनी बागडोर उनको देते आये !….अपने सपूतों को क्रूर मौत और भयानक यातना देने वाला हाथ गले पर काहे कसाए ! .आज ऊ रक्तबीज की तरह चौतरफा खाता है !…”
……………“..काहे से कि साजिशी दलाल जेल की मौज करते थे ,….बच्चा बच्चा भगत सुभाष आजाद का साथी था ,..हर घर में शास्त्री जी श्रद्धा से पूंजे जाते थे ,……फिरौ हम शैतानी माया में बेहोश हो गए ,… देवभूमि मूरख बन गयी ,….. फूट डालकर लूटने वालों की साजिश गहरी रही ….हम जयचंदों के गाँधी गान में उलझ गए थे !……अब न उलझेंगे !!….अब सवाल का नहीं जबाब का समय है !……देवभूमि के देवता जरूर जागेंगे !.”………….एक पंच ने सवाल को विराम दिया .
“…कौन उलझने को कहता है ,……….भाई तुम बढ़ो !..…...भयानक दुःख दरिया निपटाओ !….राक्षसत्व बढ़ता जाता है ,……सीता राम का देश कहाँ खो गया ! ….”……..एक महिला के पीड़ित उलाहने पर मानव पीड़ा भरी निगाहों से सबको देखने लगा …..क्रमशः ….
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