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मूरख पंचायत ……. गुलजार सम्मन !

हमार देश
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आदरणीय मित्रों ,.बहनों एवं गुरुजनों ,..सादर प्रणाम ……. लंबे इन्तजार के बाद मूरख पंचायत आज फिर गुलजार हुई ,..मूरखों की संख्या बढ़ी लगती है ,…… सूत्रधार कुछ घोषणा करने वाले हैं ,..बिना देर किये आपका पुनः सविनय स्वागत है …

…………………

सूत्रधार – ………“…भाइयों बहनों .. चाचा चाचियों सबको राम राम परनाम !….बालशक्ति कन्याशक्ति को प्यार नमस्ते ,…सबका फिरसे स्वागत अभिनन्दन है ,……. सब जानते हैं देश के लुटेरे कर्णधार हमारी बर्बादी के जिम्मेदार हैं ,…फिरौ सच्चे न्याय खातिर हमारे न्यायप्रिय मूरख पंचों ने सोनिया मैय्या ,.राहुल भैय्या के साथ मौनमोहन सिंह को सम्मन भेजा था ,…कौनो गुप्त देश की सेवा करते हों तो बताएं !….हमारी सत्यवादी दवाई तैयार है !………… उन्होंने आने से इंकार कर दिया ….लेकिन,.. खास सिपहसालारों चाटुकारों को भेजा है !….”……

“.. रागमाला सुनाने से अच्छा है जबाब पढकर सुना ही दो !….”………….एक व्यग्र मूरख बोला तो सूत्रधार जरा सकते में आ गए ,…फिर पंचायत का रुख भांपकर बोले  ….

सूत्रधार –  “ ….  जबाब सार्वजनिक न करने की बहुत तगड़ी हिदायत है …फिरौ तुम लोग कहाँ मानोगे !……   सोनिया मैय्या का जबाब सुनो !…………. मूरखों को हमारा नाम्स्खार !…. हमको तुम और तुम्हारी मूरखता बहुत फसंद है ,.. सांसू माँ कहती थी ,…इनको प्यार से खाते रहो तो सब माफ कर देते हैं !…. प्यारी नौटंकी पर इडियट हिन्दुस्तानी अपनी कुर्बानी भी देते हैं ,…मैने सबकी कुर्बानी देकर प्यार से हिन्दुस्तान खाना शुरू किया था ,..अब कुछ लोगों को तकलीफ है ,…..खान्ग्रेस सवासौ साल पुरानी पार्टी है ,.बड़े बड़े आकर चले गए लेकिन हमारा कुछ नहीं बिगड़ा ,…आप सबका प्यार हमारे साथ था ,..जैसे हमारा हाथ तुम्हारे साथ था !…..लेकिन प्यार में औकात नहीं भूलना चाहिए ,….हमसे सवाल पूछने की औकात किसी की नहीं है ,….अमेरिका और वेटिकन के अलावा किसी की भी नहीं !..हमारे पुराने मालिक रूस की भी नहीं !……हम कोई अदालत संविधान नहीं मानते ,….तुम भूखे नंगे मूरख किस खेत की गाजर मूली हो …… फसल काटनी जरूरी है इसलिए अपने तीन पक्के वफादारों भेजती हूँ ,…. आशा ही नहीं पूरा विश्वास है ये लोग तुम्हारी उम्मीदों पर खरा उतरेंगे !…..सोनिया गाँधी उर्फ अंतोनियो माइनो …..सुपर पीएम !..”

“..हम सही कहते हैं भैय्या ,..अगर ई आती तो हम एकदिन खातिर शाकाहार छोड़ देते !…”…………. एक युवा तड़पा तो बुजुर्ग पंच बोला .

“…नहीं जवानों …..राक्षसों के साथ हम राक्षस नहीं बनेंगे ….हम धर्म मर्यादा परम्परा में रहकर इनको लोकतांत्रिक दंड देंगे ….दूसरा जबाब पढ़ो !….”……पंच की आज्ञा पर सूत्रधार महोदय फिर बोले

“…दूसरा जबाब राहुल बाबा का है ……पहली तीन लाइन क्वाईट मुस्कान है ,…..फिर लिखा है ,…मूरखों का सम्मन गया भाड़ में.. हमने ये फाड़ा ,….वैसे हमारी भी फटी है ,…लाइन में लगकर एज निकल गयी ,…कबतक संगठन में कील कांटे लगाएंगे भाई  ,……बिना गद्दी के वो माफिया की पुत्री भी नहीं तैयार है  ,….हजारों करोड़ खर्च हो गया ,.चार बार गेटअप बदला ,..दसियों पैंतरे दिखाए लेकिन बात नहीं बनी ,..मैं ज्योतिष में विश्वास नहीं करता लेकिन  देशभक्त लोग राहू-केतु की तरह लगते हैं ,…..लगता है दीदी को भी आगे लाना पड़ेगा ,.उसके बाल मम्मी ने दादी की तरह कटवाए हैं ,….. कुछ साजिश की खुशबू भी आती है ,….चलो आखिरी से पहले एक दांव और देखते हैं ,… सम्मन के जबाब में हम अपने गुरु और घंटाल दोनों को भेजते हैं ,..खबरदार कुछ उल्टा सीधा बोला तो ….कांग्रेस से बगावत करने वाले को हम नहीं छोडेंगे !….गद्दारी हमारा धंधा है ,……कोई और करे तो मेरे शरीर में सौ खूंखार कुत्तों का खून इटालियन जेट की रफ़्तार से दौड़ता है !…..हमारे पास बहुत माल है ,…लूट का आधा माल हमारे पास ही आता है ,…अगला नंबर मेरा होगा ………गाँधी जी हमारे बापू हैं !……….राहुल गाँधी उर्फ रौल विन्ची !………डिप्टी सुपर पीएम !..”

“…भैय्या रहुलवा खुश है कि दुखी !….” ……………एक महिला ने सवाल उठाया तो एक युवा मूरख बोला

“…देश को दुःख देने वालों को खुशी जन्नत में भी नसीब नहीं होगी !…बाढ़ें पूत पिता के धर्मा !….इनके कुकर्म इनको कहीं का नहीं छोडेंगे !……लुटेरों को चैन की नींद और शान्ति से मौत नहीं मिलेगी !…..हमने मोहब्बत से कहा था ,…हमारा धन वापस देकर राजनीति छोड़ दो ,…दयालु राष्ट्र दया ही करेगा ,..वर्ना कहीं संसद में ही फांसी पर न लटकाना पड़े !…लेकिन राक्षस को पहले अक्ल आये तो काहे के राक्षस !….चलो मौनी बाबा का जबाब बताओ !…”……………..सूत्रधार महोदय फिर शुरू हुए .

“……प्यारे मूरख देशवासियों को नमस्कार !….चौतरफा गुलाम को इज्ज़त बख्शने के लिए शुक्रिया ..वैसे मुझे कुछ कहने की आज्ञा नही है ,…संसद में महामूर्खों के जमघट का बहाना भी है ,…अपने खासमखास को भेज रहा हूँ ,…हम अथाह लूटने के बावजूद देश की इज्जत बचाने की पुरजोर कोशिश करते रहेंगे !…कुछ फुटनोटों को भी भेजता हूँ …आपकी सेवा में हम कोई कसर नही रखना चाहते ………मनमोहन सिंह उर्फ मौनी सरदार !….गुलाम पीएम !…” …

“..मुजरिमों के चाटुकार लोग कहाँ हैं !….”……एक युवा की आवाज गूंजी

“..ऊ लोग आ चुके हैं ,….. सत्यवादी दवाई के साथ देसी सिखरन से उनकी सेवा हो रही है ,…कौनो पल आ सकते हैं ,..उनकी कुर्सियां लगी हैं ,..नीचे तकिया भी है ,..बेचारे बिना गुलगुली के बैठ नहीं पाते ……”

“… मानव भैय्या आ गए !…”………..एक युवा चिल्लाया तो सब निगाहें गंभीर क़दमों से आते हुए तेजस्वी युवा पर टिक गयी ,…पंचायत ने उसका तालियों से स्वागत किया  …… प्रेमपूर्वक सबका अभिवादन कर मानव मूरखों के बीच बैठ गया …….तब तक चाटुकारों का दल भी आ पहुंचा ,……….उन्होंने कुटिल मुस्कान से दूनी कुटिलता से हाथ जोड़े ,….ज्यादातर मूरख प्रतिक्रियाहीन रहे ,.कुछ ज्यादा सरल लोगों ने हाथ जोड़ ही लिए !………सूत्रधार ने परिचय देना शुरू किया .

“.. पहले स्वागत हैं श्री दनादन दुबे जी का !……ई सोनिया माई के खास सलाहकार हैं ,.बहुत दिमागी आदमी है ,.छब्बे से कम नहीं हैं !………आज ये सत्य ही बोल सकते हैं ,…अगर इनके बोल न फूटें और नाक लाल हो तो समझ जाना कि झूठ बोलना चाहता हैं ,..फिर दीनू चाचा की टायर वाली चप्पल काम आएगी !…..तब तक स्वागत ही है !….”……..दनादन जी का हाथ जुड़ा ही रहा ,…..सूत्रधार आगे बढे

“..फिर स्वागत है पी लार्ज का !…. ये कितना भी लार्ज पी लें लेकिन पता नहीं लगने देते हैं ,..  सोनिया माई का ठीक ठीक हिसाब इनके अलावा भगवान जी भी नहीं जानते होंगे ,…इनकी आस्था कहाँ कहाँ कितनी है खुद सोनिया माई भी नहीं जानती होंगी !…”…..सूत्रधार आगे बढते गए

“..फिर स्वागत है भाई अहमक पटेल का ,..ई साहब मैय्याजी के राजनीतिक सलाहकार हैं ,….. जुगाड़बाजी में इनके जितना कमीनापन नहीं मिल सकता !…..”

“..अब स्वागत हैं सर्वज्ञानी भोंपू श्री नकविजय सिंह का ,….शातिर और गधे चेले को भी प्रधानमंत्री का ख़्वाब दिखाते हैं !…..फिर पूरा करने में एड़ी छोटी का जोर लगाते हैं ,..ओसामा इनके जी जा थे ,..इनकी गुलाटियों में बहुतै मजा है ,…कभी हिन्दू को आतंकी बनाने में धोती खोलते हैं ,..कभी आतंकदेव की पूजा परिक्रमा करते हैं तो …. उनको फांसी से जश्ने बहार में भी डूबते हैं ,…..मालिक भक्ति में इतना लीन हैं कि सैकड़ों लाख करोड़ की लूट नहीं देखते ,…..स्वामीजी की मानव राष्ट्र सेवा इनको ठगी का धंधा लगता है !..”…………दो चार युवाओं की चप्पल हाथ में दिखने लगी ,….सयानों ने घूरा तो पंचायत की मर्यादा लौटी …सूत्रधार और आगे बढे

“..फिर स्वागत है सबसे युवा चाटुकार अनिष्ट सिंह का ,..ये भी राहुल भैय्या के हमराज हैं ,…..इनका सबसे बड़ा कारनामा हेलीकाप्टर की गुप्त दलाली में मिला ,….इनका एक ग्राम स्मैक का सरकारी कोटा भी है ,…खुद बेचारे सूंघते भी नहीं हैं ,..युवराज खातिर गुलाम समर्पित है !..”

“..अब मिलो हाईटेक सिंह अहलूवालिया जी से ,…. छोटे गुलाम इतना हाईटेक हैं कि अट्ठाईस रूपये में जनता को छप्पन भोग के साथ स्वर्गसुख देते हैं ,…अपनी खातिर हमारे पैसों से पैंतीस लाख का हाजतखाना बनाया है ,….इनका भी स्वागत है !….”……..चौतरफा थू थू के बीच सूत्रधार आगे बढते गए

“….लूटतंत्र के दो फुटनोट इनके साथ आये हैं ,…एक महाशय लल्लू प्रसाद जी ,..इनको कौन नहीं जानता ,.. राबड़ी के रहते पशु चारा खा गए ,…. भैंसों को स्कूटर की सवारी करवाई ,…..आजकल ग्रह नक्षत्र ज्यादा बिगड़े हैं ,…मैय्या की कृपा हुई तो जेलयात्रा से बच सकते हैं ,…नहीं तो अंग्रेजी न्यायतंत्र में भरोसा दिखाने खातिर शहीद हो जायेंगे !….उधर स्वामीजी के विरोध से घर में बंटवारे की नौबत लगती है !…..इनके आने का मकसद बाद में पता चलेगा ,…फिरौ मनोरंजन जरूर होगा !………अगले भाई मीडिया महारथी कलेश पचौरी जी हैं !…पहले किराए पर खबर बांचते थे ,.अब मौनी बाबा के सलाह में तैनात हैं ,……इनका ज्ञान महारत कुछ खास कर सकता है ,….. मूरख पंचायत में सबका तहेदिल से स्वागत हैं !…..पंचों कार्यवाही आगे बढ़ाने की विनती है  !..”…………………..सूत्रधार ने मनोरंजक अंदाज में पंचायत पंचों के हवाले की तो सरसरी उत्सुकता दिखी ,……किसी के कुछ बोलने से पहले धूल उड़ाती तीन झक्कास गाड़ियां पहुंची …काले शीशों से कई बंदूकधारी पुलिस गुंडों के बीच से एक नया नेता निकलकर गरजा .

“….हमारा भतीजा मुखमंत्री ,….हम मंत्री !…..पूरा खानदान नेता एमपी विधयाक अध्यक्ष ,..भैय्या प्रधानी की पिनक में मस्त हैं ,….. हमको न बुलाने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई !….”……………नेता के साथ पांच छह रायफल रिवाल्वर पंचायत पर तन गयी ,……..सूत्रधार ने तुरंत मामला संभाला …

“..अरे घुरपाल जी !……गलती माफ करो !..गुस्सा थूको ,….आप आये बहार आई !…आगे और आएँगी !….आओ बिराजो !……..”……………खुशामद से खुश घुरपाल जी सबपर नजर डालते हुए कुर्सी की तरफ बढे ,….

“….पहले दवाई पिलाओ !…तब बैठाना ,..और बदमाशों को पहिले भगाओ !…बच्चे देखकर डरते हैं !….”……..एक निर्भय महिला की तीखी आवाज से घुरपाल भाई सन्न हो गए ,…..पंचायत में हंसी की लहर फ़ैल गयी ,….सूत्रधार महोदय घुरपाल जी से बोले …

“…मान्यवर ,….कायदे कानून से आपको भी सत्यवादी दवाई पीनी पडेगी ,….चंदिरका इनको मुकाम तक ले जाओ !…नेताजी मुस्टंडों को वहीँ छोड़ देना !….”…………….घुरपाल जी हक्के बक्के होकर बोले .

“…कहाँ फंस गया यार ……हम चले ही जाते हैं !…”

“..अरे नहीं नेता जी ,..काहे घबराते हो …..कब तक छोटे रहोगे ,..मौका मिला है ,..फांद जाओ !…..नसीब बदल सकता है !…”  ……..सूत्रधार के चारे में फंसकर नेता जी चन्द्रिका के पीछे हो लिए ……………क्रमशः

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