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मूरख पंचायत ……..प्रथम दिवस !

हमार देश
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पिछले भाग से आगे ……..एक युवा जोश में बोला …… “..बाबाजी फिर सोने का हिन्दुस्तान चाहते हैं ,..जहाँ कोई गरीब न हो …कोई भूखा न रहे ,…कोई बीमारी से न बिके मरे ……..कोई अनपढ़ भिखमंगा अपराधी न हो ,..अत्याचारी अन्यायी को सच्चा दंड मिले ,…….हर हाथ को रोजगार और हर ह्रदय में आत्मगौरव हो ,. हर आँगन में खुशियाँ खेलें ,….सबका मान सम्मान हो ,…..भारत का बहुमुखी विकास हो ,…..भ्रष्टाचार जड़मूल से खतम हो !… चोर लुटेरे महान भारत पर राज न करें !…..”…………..मोहित मूरख सभा मौन रही ………..

एक अन्य युवा आगे बढा  ……. “. स्वामी रामदेव हमारी खातिर साक्षात देव हैं ,…ई वेदज्ञानी योगिराज सुखी संपन्न सुरक्षित और मजबूत भारत चाहता है ,..बस !!……..ज्ञान भक्ति और कर्मयोग का सूरज हैं स्वामीजी !……..तबहीं भारतद्रोहियों की लुंगी पैजामा धोती टोपी पल्लू सब गीला होता है ……सराबोर भी होगा !..”………… ..पंचायत में तालियाँ गूँज उठी …….रुकने पर सूत्रधार जी बोले ..

“..आप लोग स्वामी जी के बारे में तमाम जानना चाहते हैं !…”……………एकमत से सबका समर्थन पाकर एक पंच महोदय शुरू हुए …….

“…स्वामीजी को पूरी दुनिया जानती है ,……..लुटेरे साजिशन उल्टा सीधा अफवाह फैलाते हैं ,..जिससे मूरख देश सच्चाई से भटका रहे !………अगर स्वामीजी हमारा काला धन न मांगते तो अब तक भारतरतन मिल जाता ,….विदेशी कंपनियों की महलूट के खिलाफ स्वदेशी मोर्चा न खोलते तो नोबुल ईनाम मिल जाता ….लेकिन ,…मिट्टी में जन्मा पराक्रमी सन्यासी आसमानी बुलंदी छूने के बाद .. अपनी मिट्टी खातिर मिट्टी में मिले को बेताब है ! ……..राक्षसराज के खिलाफ ताल ठोंकने वाला दिलेर फकीर हमारा मसीहा है ,…ऊ सच्चे और पक्के भारतपुत्र हैं ,….. बीस साल से दिनरात मानवसेवा देशसेवा में जुटे महात्मा को हम आत्मा से बार बार परनाम करते हैं !….”……………. पंचायत भावुक हो गयी ,…सबके हाथ श्रद्धा में जुड गए ….मैंने भी मन ही मन प्रणाम किया …….पंच महोदय आगे बोले .

“…रामदेव जी अनपढ़ किसान माँ बाप के घर पैदा हुए ,…..बचपना शिक्षा के साथ खेलकूद में बीता तो शुरूआती जवानी में ब्रम्हचर्य लेकर वेद वेदांग पढ़ा पढाया ,….देश समाज की बुरी हालत देख सेवा का संकल्प लिया ,… उनको तमाम गुरु महात्माओं का आशीर्वाद साथ मिला ,..हिमालय में योग साधना करते हुए आचार्य बालकृष्ण जैसा मजबूत साथी मिला ,………..फिर गुरु शंकरदेव जी का आशीर्वाद मिला ,…..कनखल के आश्रम में योग आयुर्वेद से सेवाकाम शुरू किया ,………सिद्ध गुरु ने परमप्रिय शिष्य में माँ भारती की सेवा का संकल्प वज्र जैसा बना दिया ,….. सब ज्ञान शिष्य को देकर एकदिन गुरूजी विलुप्त हो गए ,…..स्वामीजी ने उनको खोजने के बहुत जतन किये ………पुलिसिया छानबीन में उनका लिखा परचा मिला जिसमें उन्होंने लिखा था ….जब तक सूरज चाँद रहेगा –रामदेव तेरा नाम रहेगा !… कोई नहीं जान पाया कि वो कहाँ गए,……..हो सकता है शिष्य के महासंकल्प खातिर हिमालय में तपस्या करते हों ,…. समर्पित शिष्यों खातिर गुरुओं के अथाह स्नेह और समर्पण गाथा में गुरु शंकरदेव और स्वामी रामदेव का पन्ना सुनहरा है !…..”…………….भावनाओं पर काबू करते हुए पंच महोदय जरा रुके तो एक प्रौढ़ महिला बोली

“…..शंकरजी का रामजी से प्रेम सब जानते हैं ,…..इतिहास दोहराता है …… राक्षस जल्दी मिटेंगे !….”…………एक युवा मूरख बोला .

“..तबहीं मगरमच्छों में भयानक कुलबुली है …… राक्षसों की सरकार उनको बदनाम करे खातिर सीबीआई जांच बिठाया है !…”………………व्यंग्य पर एक पंच फिर बोला .

“..राक्षसों को देवत्व कब भाया है !………….गद्दार नेहरू गांधियों की सरपरस्ती वाले अंग्रेजतंत्र ने हमको अथाह लूटा हैं ,…. अकूत खजाना और आगे महालूट का अधिकार बचाने खातिर सच्चे देशभक्त को गिराने मिटाने की जीतोड़ कोशिश काहे नहीं करेंगे !…..सीबीआई की एक नहीं दो जांच बैठी हैं ,…..खानपान विभाग अपनी जांच कर चुका है ,….टैक्सी कुनबा सौ से ऊपर नोटिस भेज चुका है ,..सब ख़ुफ़िया विभाग आतंक अपराध छोड़ इनके पीछे भिडे हैं ,….दो ढाई साल में इन्होने का नहीं जांचा !…….लेकिन सौ टका सोने में एक खोट नहीं ढूंढ पाए ,.. सोनिया माई तो पतंजलि पर बुलडोजर चलवाने को बेताब होगी !… मानवता सेवा खातिर दान पर लुटेरे टैक्स का नोटिस भेजते हैं ,…. हमारा लूटा धन इटली सुट्जरलैंड अमेरिका भेजते हैं ,..ऊकी खातिर सब सरकारी विभाग मदद करते हैं !…” …………एक बुजुर्ग जरा खीजकर बोला .

“…अरे जब पूरा तंतर गद्दारों का गुलाम है तो काहे नहीं शैतानी करेंगे ,…….आगे बताओ भैय्या !..”  ……..

पंच महोदय फिर शुरू हुए ……….. “…. स्वामीजी और आचार्य जी ने जड़ी बूटियों से रोगियों की सेवा करनी शुरू की !…..दवाई खुद ढूंढते थे …कूटपीस कर इलाज करते थे ,…..दूसरी तरफ योग सिखाने का काम भी शुरू हुआ ,….कारवाँ चलता रहा ..काफिला बढ़ता गया !…….सच्चे सेवादार का साथ भगवान देते ही हैं ,…निःस्वार्थ भाव से जो मिला उसका सैकड़ों गुना लौटाने का पुरुषार्थ करते गए ,…उनके पीछे लाइनें लग गयी …. भारतीय ज्ञान का फायदा लेने वाले हजारों से लाखों फिर करोड़ों हो गए ,….स्वामीजी ने देश विदेश में भारत का डंका बजा दिया !…..पूरी दुनिया के आमोखास लोग सलाम करने लगे ,…. हावर्ड विश्व विद्यालय योग खातिर पतंजलि का साथ मांगता है !……….. नेता लोग स्वामीजी की चरण धूलि लेने को बेताब होते थे ,……पतंजलि के उद्घाटन पर देश के तमाम मुख्यमंत्री मंतरी संतरी प्रणाम करने आये थे ,…..गाँधी लोग भी आशीर्वाद खातिर लाइन लगाते थे !….अब अपनी बचाने को मिटाना चाहते हैं !..”……………पंच सिर हिलाते हुए रुका तो एक नौजवान खड़ा होकर गरजा

“… कंपनी राज है भाई !…….कुकूर दाढ़ी बिस्कुट से लेकर जहर दवाई माडल जहाज तक विदेशी बोलबाला है ,…भारत का अनमोल ज्ञान परम्परा जिन्दा होती है ,…. पूंजीवादी लुटेरे काहे नहीं तड़पेंगे !…..ई लड़ाई बहुतै बड़ी है ,.हमको हर तरफ से लड़ना है ,…. बिके गाँधी विदेशी इशारे पर नाचने वाले टट्टू हैं ,.. उदारीकरण की परतें खोलो तो सब साजिश सामने है ,…..पैंसठ साल से लोकतंत्र नाच रहा है ,….सच्चे लोगों को टिकने नही दिया !………उनकी चाहत बर्बाद हिन्दुस्तान पर कठपुतली सीधी टेढ़ी अपनी सत्ता बनाना है ,….वैसे भी विश्वबैंक जैसे दुनियावी कंट्रोल रूम अमेरिकी हाथ में है ,…भारतीय सभ्यता संस्कृति धर्म की ताकत है तभी आज तक उनकी चाहत पूरी नही हुई ! …”

दूसरे नौजवान का आक्रोश निकला  ………“..अरे उनकी चाहत उल्टी पड़ेगी ,…हिन्दुस्तान मिटाने वाले खुद मिट जायेंगे !….. आंदोलन के टाइम चार बड़े मंत्री हवाई अड्डे पर अगवानी करने गए थे ,….. फिर मक्कारों ने रात में मारने का पिलान बनाया !…”………….

एक पंच फिर बोला …… “.मैय्या भैय्या ने चार मंत्रियों को शीशे में उतारने भेजा होगा ,….करोड़ों अरबों का लालच दिया होगा ,..पदमभूषण विभूषण भारतरत्न नोबुल ईनाम सम्मान का लालच दिया होगा ,…न मानने पर मिटा देने की धौंसपट्टी दिखाई होगी ,…स्तुतिगान जबरदारी सबकुछ किया होगा … लेकिन ,..राष्ट्र्पुत्रों ने कब लालच सम्मान अपमान खातिर अपना रास्ता बदला है …… हमारे हक खातिर हिमालय की तरह अडिग रहने पर कांग्रेसी तंत्र ने मरवाने की साजिश रची ,….लोकतंत्र की मैय्यत निकालते हुए आधीरात में राक्षसलीला करी !…”

“..लोकतंत्र की हत्या करना गांधियों का पुश्तैनी धंधा है भाई !…”…………एक बुजुर्ग चश्मा ठीक करते हुए बोले तो बगल बैठी युवती आक्रोश में बोली …

“..पुश्तों का पाप एकै दिन निकलता है बाबा !…….जिनको चाचा कहते थे ऊ कम साजिशबाज नहीं था ,….”

“…बिटिया इनकी साजिशों को हमारे पूर्वजों ने बहुत भोगा है ,..हम भोगते हैं ,….लेकिन अब इनको मिटाकर अपनी औलादों को बचायेंगे !……….कुछ नासमझ लोग बाबाजी को व्यापारी भी कहते हैं !….”…………..इसबार एक प्रौढ़ महिला बोली तो सूत्रधार ने मंच की तरफ देखा ,…..बगल खड़ा युवा आगे बढ़कर बोला .

“…कुछ लोग गद्दारों के बहकावे में आते हैं !…….पतंजलि संस्थान स्वदेशी आयुर्वेद का महानतम मंदिर है ,…..खरे सोने जैसा कुदरती सामान सबसे सस्ता और सबसे अच्छा है !…..जो एक बार लेता है फिर वही लेता है ,….रासायनिक जहर से आजादी का मुकम्मल इंतजाम हमारी कुदरत में है ,…वही ज्ञान और सामान का महान सेवा मंदिर है पतंजलि का उद्दम !…. हमारे महान ऋषि के नाम से ज्ञान शिक्षा स्वास्थ्य का महान केन्द्र खोलना स्वामीजी की महानता है ,……स्वामीजी और आचार्यजी के उद्दम से लाखों किसानों की तकदीर बदल गयी है ,…… करोड़ों भारतवासी शुद्ध आहार और सस्ती दवाई फिरी इलाज के मुरीद हैं ,.. भ्रष्ट लुटेरे भी चोरी छुपे वही लेते हैं ,…लेकिन गौहत्यारों को पवित्र गौपालक नहीं बर्दाश्त हैं !…….स्वामीजी ने सब प्रमाण के साथ करोड़ों बीमारों को कठिन रोगों से आजादी दी है ,…हजारों काबिल वैद्य देशभर में मुफत सेवा देते हैं ,…योग सबकी खातिर फिरी है ,……….अंग्रेजी दवाखाने की लूट से कोई रोगी ठीक नहीं होता ,…एक बीमारी मिटाते मिटाते चार और बनती हैं ,…. काट छांटकर अपंग लाचार करते है ,…नहीं तो चल बसता है ,..अंग्रेजी अस्पतालों में अनगिनत मौतें होती हैं ,..स्वामीजी ने भारतीय ज्ञान से मरों जिंदगी दी है ,……योग आयुर्वेद स्वदेशी की महाक्रान्ति से विदेशी कंपनियों के तोते उड़े हैं ,..चार आने की जहरीली गोली दस रूपये में बेचने वाले बेचैन हैं ,…..तबहीं उनके दलाल कांग्रेसी छाप नेता हम मूरखों को बहलाने का जुगाड़ लगाते हैं !…..दलाल लोग पांच पैसा वाला ठंडे जहर के साथ आलू पन्नी खिलाकर पिलाकर विदेशी तिजोरी भरते हैं ,….ऊ सिद्ध स्वदेश सेवा को व्यापार काहे नही बताएँगे …….”………………….एक उत्साहित युवती बोली .

“..भैय्या अब कौनो जुगाड़ कामयाब न होगा !..”  …..एक साथ कई आवाजें उठी

“..बिलकुल !….”………एक पंच जोर से बोला

“…स्वामीजी का हर काम हर कदम हर सांस भारत उत्थान खातिर है ,…..ऊ महापुरुष केवल चार घंटे सोता है ,….सबेरे तीन बजे से रात ग्यारह बजे तक माँ भारती की सेवा में मस्त है ,…..एक कटोरी उबली तरकारी और फल खाते और जमीन पर सोते है !……सालों से पूरे देश में घूम घूमकर लोगों को योग आयुर्वेद सिखाने के साथ हमारा सोया स्वाभिमान जगाता है ,……देश भर के बच्चे बूढ़े जवान उनके अथाह प्रेम से अपना जीवन बदल चुके हैं ,…..इतनी साजिशों मक्कारी के बादौ आज भी प्रण प्राण से जुटे हैं ,…..ये साजिशी गद्दार कुछौ कर लें ,… भारतवर्ष बदलकर रहेगा !…..”………. श्रद्धा आक्रोश के साथ उत्साह की लहर दौड़ गयी …….फिर से तालियाँ बजने लगी …….

शांत होने पर एक बुजुर्ग ने मुह उठाकर पूछा ……. “.. अचार बालकिशन को काहे में फंसाया था !…”

एक युवा खड़ा हो गया …… “…  देशभक्तों के खिलाफ साजिश करना गद्दारों का काम है ,….गलत प्रचार खातिर विदेशी बिकी मीडिया है !…….उनके ऊपर दो आरोप लगाए थे ,….कहा उनका पासपोर्ट नकली है ,…लुटेरों के मुह पर सौ जूते मारकर एक गिने … फिर हजार मारे .. तब पूंछे ,….जब नकली था तो आज तक रद्द काहे नहीं किया !……  और बताया उनकी डिग्री फर्जी है ,….फिर कहा बंदा बीए पास है लेकिन दसवीं में गडबडी करी !..”

“..फिर तो तुम्हारे हिसाब से पचास हजार जूते मारने चाहिए !……..विदेशी पढ़े डाकुओं की डिग्री का कोई पता है ,…विदेश पढते थे कि विदेशी साजिश से इश्क मोहब्बत चलाते थे !..” ……एक बालक ने नहले पर दहला जड़ा तो पंचायत में हंसी की लहर दौड़ गयी …..एक पंच फिर बोला .

“..लुटेरों की खतरनाक साजिश थी ,…आचार्य जी को जेल में मरवाने का इंतजाम था ,..बाद में खबर फैलाते बाबाजी ने मरवा दिया ,…..एक तीर से दो शिकार हो जाते ,…लेकिन जाको राखे साइंया मार सके न कोय !……जेल जाना राष्ट्र सेनानियों का सम्मान है  !….हमारा नम्बर पता नही कब आएगा !!…….” …..

“.हम भी हो आयेंगे भाई ,……पहले आचार्य जी के कामों पर और प्रकाश डालो !…” ………सूत्रधार ने पंच को छेडा  तो दूसरे पंच बोले .

“..स्वामीजी आचार्यजी घी शक्कर हैं ,….स्वामीजी के साथ आचार्य जी की अपार शक्ति है ,.अंग्रेजी जहर में दम तोडती आयुर्वेद परम्परा को फिरसे जिन्दा किया ,.. उनका काम महर्षि चरक आचार्य वाग्भट्ट से कम नहीं है ,….वो मन क्रम वचन से सच्चे भारतपुत्र हैं ,….पतंजलि जैसा विशाल नरनारायण मंदिर उनके सद्कर्मों का साक्षात् प्रमाण है ,…किसी गद्दार के ऊँगली उठाने से भारतपुत्रों की शोभा और बढ़ती है ,…हम आचार्यजी को ह्रदय से बार बार नमन करते हैं ,..उनकी सेवा का कर्जा हिन्दुस्तान कभी नहीं उतार सकता है !..”…………….पंच के साथ पंचायत नतमस्तक हो गयी ……………….सूत्रधार जी फिर बोले .

“..हम सभी राष्ट्र्पुत्रों को नमन करते हैं ,…..पूरा देश नतमस्तक है !……..सेवा महान है ,…हमको मिलकर महान युद्ध जीतना है ,…..देवासुर संग्राम में देवशक्ति हमेशा जीतेगी फिरौ हर मुद्दे पर चर्चा जरूरी है ,…पूरी राजनीति को मटियामेट कर नयी व्यवस्था का उदय भारत की महान जरूरत है ,….!..”

सूत्रधार के रुकने पर एक व्यक्ति खड़ा हो गया ….. “..अन्नाजी के बारे में भी कोई बताओ !……”

एक युवा आगे आया ……… “…अन्नाजी सरल संत देशभक्त हैं ,…फौज से छुट्टी के बाद सेवा में लीन हो गए ,.अपने गाँव को बदल दिया ,……हम उनका बहुत सम्मान और परनाम करते हैं ,….सत्तर से ज्यादा उमर में देश का उत्थान उनका भी लक्ष्य है ,…….उनको भी अपनी खातिर कुछ नहीं चाहिए !……….लेकिन चेलावाली मंडली के शिकार हो गए …..संत स्वभाव के अन्नाजी में अहंकार नहीं है  ,.फिरौ कौनो दाब में स्वामीजी को नीचा दिखाने की भयानक गलती की ,……स्वामीजी ने उनके तमाम आंदोलनों में निःस्वार्थ पूरी ताकत लगाई ,…. अन्नाजी से मंच पर न बैठने देना कहवाया गया ,….. काली रात के बाद जखम पर मलहम लगाने की जगह चेलों ने मिर्च लगवाई !…..राक्षसों से जूझते घायल सन्यासी को अनाडी कहकर मजाक उडाया !……लेकिन स्वामीजी का मन बिलकुल साफ है ,……… उनका लक्ष्य केवल भारत उत्थान है ,….  मंडली का लक्ष्य आम इंडिया के नाम पर अपना उत्थान भी हो सकता है !…… ई लोग कांग्रेसी पैप से जुड़े हो सकते हैं ,…. विदेशी लोग भी पीछे हो सकते हैं ,….निजी महत्वाकांक्षा में नेहरू भी अंग्रेजों का दलाल बना !…”………………………………….

…एक नवमूरख खड़ा हुआ …………“……अंधेरराज में भैय्या कुछौ हो सकता है ….. फिरौ भ्रष्ट व्यवस्था से लड़ते दिखते हैं ,…  संघर्षशील लोग भी हैं ,…… फिरौ मट्ठे से जलों को का नही करना चाहिए …..इनको पहलोपहल स्वामीजी की रैली में देखा था ,…फिर अलग होकर उनको ही दबाने लगे !………..अब आम आदमी पार्टी बनायी है ,..आप के बहाने अपना काम भी हो सकता है ,…. काम निकालकर फेंकना भी काम लगता है ,….. सबके साथ यही किया है …उनमें हर किस्म के लोग हैं ,…..कुछ माया मुलायम खातिर अदालती दलाली करके नोट पिलाट पाते हैं ,………  समाजसेवा पक्का धंधा है ,… समाजसेवा की आड़ में का नहीं होता है !……..अंदरखाते सांठगांठ वाले भी लगते हैं ,……विदेशी सहायता के नाम पर अलगाववाद फैलाने वाले भी हैं ,…….. कांग्रेसी गुण ही लगते हैं ,…..इन पर भरोसा करके हम फिर मूरख नहीं बनेंगे !…….अगर उनमें तीन आना देशसेवा है तो तेरह आना चालबाजी लगती है ,…..तीन तेरह के चक्कर में बर्बादी होती है !………भारत को सोलह आना सच्चे लोग और पक्की सोच चाहिए !……”…….नौजवान के जोशीले भाव उदगार से पंचायत फिर तालियों से गुलजार हो गयी .

.एक पंच फिर बोले ………….“…… हम अन्नाजी से बार बार विनती प्रणाम करेंगे  …. देश खातिर निःस्वार्थ स्वामीजी का साथ दें ,…..अपने लोग विरोधी हुए तो कौनो बात नहीं ,..सब हिन्दुस्तानी अपने ही हैं ,….सबकी सच्चाई सामने आएगी !….हम मूरख इतना जानते हैं ,…भगवान सबको सुधरने बदलने का हक देते है !…..देश से बड़ा कुछौ नहीं है …अन्नाजी के देशप्रेम समर्पण को हम परनाम करते हैं ,..उनको ह्रदय से परनाम करते हैं !..”

एक युवा बोला ……….“..सब देश का साथ देंगे !….देशभक्त देश की जरूरत समझते हैं ,…..हमारा काम दिलसे विनती करना है ,…… पाँव पकड़ेंगे ,…नहीं तो खींचना भी जायज है ,….मूरखों की मसखरी चाहे जैसे स्वीकारें !……देश को एकजुटता की सख्त जरूरत है ! ……”…………व्यंगित मुस्कान से सूत्रधार फिर आगे बढे

“..ठीक है भैय्या !………महायुद्ध में कोई तटस्थ नहीं रह सकता ,….. तटस्थ रहने वाले लोग जाने अनजाने राक्षसों का साथै देंगे……. अब मुद्दों की शुरुआत होनी चाहिए ! ..”………………….सूत्रधार के आवाह्न पर पंच लोग अपनी बात लिखाने लगे……….कुछ देर बाद एक पंच घोषणा पढ़ने लगे .

“….भाइयों बहनों !…देश पर चौतरफा भयानक संकट के बीच भारत स्वाभिमानी सेना सत्य धरम की सेना है ,..हमारे महानायक स्वामीजी सालों से प्रणप्राण से भारत उत्थान में जुटे हैं ….अनेकों वीर देशभक्त आत्माएं उनके साथ हैं ,..हमारे पुराने सच्चे सेनापति साथ हैं ,…..हम भारतीय वीरात्मएं हैं ,…. हम भारतवासियों की बड़ी जिम्मेदारी बाकी है ,…….हमें दसतरफ़ा काम करना है ,……हमको फिर धर्मयुद्ध जीतना है ,…..महाभारत अट्ठारह दिन बाद धर्मविजय के साथ रुका था ,….भगवान राम कृष्ण का देश लोकतांत्रिक रामराज्य बनाकर रुकेगा ,……हर जवान अर्जुन बनेगा ,…हर ह्रदय में राम होंगे और हम हनुमान !…….हर जवान भगत सुभाष बिस्मिल जैसा क्रांतिकारी बन अपना सपना पूरा करेगा ,……..धर्मविजय से हमको सुख शान्ति सम्मान सुरक्षा मिलेगा !………भगवान भारत की पताका बहुत ऊंची करेंगे !….महायुद्ध शुरू है !…….हमें अपने हथियार औजार तैयार करके जुट जाना है ,…….सबको सबकुछ जानने समझने की जरूरत है ,..तबहीं बदलाव शुरू होगा ……. बाबू सत्यपाल से विनती है कि ऊ मुद्दई लोगों गवाहों को सम्मान भेजें ,…हम उनसे उनकी हर बात सुनकर आगे बढ़ेंगे  !……”……………….पंचों की घोषणा से सूत्रधार मुस्काने लगे ,…………..

“..ठीक है ,….पहले सम्मन का सम्मान मैय्याजी भैय्याजी और मौनीजी को देते है ,…..पूरी सुनवाई खातिर साथी बाराती घराती सब लोगों को भी बुलाया है ,…जरूरत के हिसाब से सबको रखा है ,…….हमारे काबिल साथी मानव भी आयेंगे !………..आज की सभा यहीं रोकी जाती है ,…कल सबेरे मुवक्किल मुजरिम गवाहों के साथ मूरख पंचायत फिर लगेगी !…….जय जय सियाराम !….”

“..जय सियाराम !….”….कहते हुए मूरख लोग खड़े हो गए .

युवा टोली की मुट्ठियाँ कस गयी ,………भारत माता की जय !….भारत माता की जय !!…….वन्देमातरम !…….वन्देमातरम !!……..इन्कलाब जिंदाबाद …..भारत माता की जय !!……………..भारतपुत्र अपनी माता के जयकारों में डूब गए ,….भावनाओं से मैं कैसे बच पाता !…….जयकारे रुकने पर आपसी चर्चाओं ठिठोली के बीच मंच खाली होने लगा .

. उत्सुक प्रतीक्षा के साथ पंचायत का प्रथम दिन अस्त हुआ ……….वन्देमातरम !

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