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मूरखमंच….आत्मदीप !

हमार देश
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गतांक से आगे ………..रहमान भाई की भावुकता पर सब और भावुक हो गए !……..आसरे काका उनकी पीठ थपथपाकर बोले ………. “….हम जानते हैं रहमान भाई !….गद्दारों की साजिशें बहुत गहरी हैं !…..लेकिन सब जड़मूल से उखडेंगी !…….”

“..आदमजात के नाम पर कलंक गद्दार इंसानों में जहर फैलाते हैं ,….सब लुटेरे राजतंत्र की साजिश है ,….नेहरूवंशी अंग्रेज हिन्दुस्तान के फिर टुकड़े करना चाहते हैं !…….. हरामजादे हमेशा चौतरफा साजिश रचते हैं ,…महान बलिदानियों को भी आतंकी बताते हैं ,…महात्मा बनने वाला गाँधी भी अहिंसा के नाम पर इनका साथी था !…..देशद्रोहियों ने भगत आजाद सुभाष जैसे महान राष्ट्रभक्तों को कलंकित करना चाहा ,..ई तो शिवाजी राणाप्रताप को भी आतंकवादी बताते हैं ,…… बच्चा गांधी और गुलाम लुटेरा गिरोह हिन्दूवादी आतंक का बैनर लगाते हैं ,…. नमकहराम कठमुल्ले शैतानों की दलाली करते हैं ,…..भाजपाई शिंदे को हटाने खातिर हो हल्ला मचाते हैं ,…इनको अमरीकी गुलाम महाराक्षस नहीं दिखते है ,,,ऊ मुसलमान हराम का होगा जो इनके इशारे पर नाचे !….हम मुसलमान बाद में हिन्दुस्तानी बहुत पहले हैं ! .”……रहमान भाई ने विस्तार से अपनी पीड़ा रखी तो नन्हे गरजा

“..राक्षसों का पापी घड़ा जल्दी फूटेगा भाई !…….. गजनी बाबर की औलादें जहन्नुम में दया की भीख मांगती होंगी ,….ये भी वहीँ जायेंगे !..महान राष्ट्रभक्त आत्माएं फिर भारत भूमि पर आई हैं….. इटली वाली रानी और उसके गुलाम गिरोह को कोई नहीं बचायेगा ,….इनका महानाश पक्का है ..”……………

“..काहे चिंता करते हो भाई !…अपना भरोसा और मजबूत करो ,……हमें खतरा छुपे जयचंदों से हो सकता है ,… राजतंत्र पूरा कांग्रेसी है ,..कांग्रेस पैदाइशी भारतद्रोही है तो केवल भारत बर्बाद करेंगी …”………. वकील बाबू ने भी रहमान भाई को सहलाया .

“..तो हम का करें …राक्षसों से देश त्राहि त्राहि करता है !…”………….पुल्लू की मासूम पीड़ा पर वकील साहब फिर बोले .

“..उन्होंने बर्बाद किया है ,…हम भारतवासी मिलकर बनायेंगे !..जागा स्वाभिमान इनको मिटाकर रुकेगा ,…लुटेरों की साजिशों में न उलझो ,…गद्दार नूराकुश्ती दिखाकर देश भरमाते हैं ,…..”

“…सही कहते हो वकील भैय्या !……विदेशियों की दलाल कांग्रेस असली राक्षस है !….बामपंथी भाजपा उनके बांये दांये गुलाम हैं ………..जातिवादी क्षेत्रवादी भाषावादी कुकुरमुत्ते पालतू जहरीले नाग हैं ,.अपना अपना डंक मारते हैं !….सबके सब चोर लुटेरे हैं ,…सबकी तिजोरियां राक्षस गांधियों की छत्रछाया में हैं ,…..जिसको मिटाना होता है उनको पालतू अदालत सीबीआई निपटा देती है ,…बाकी सब मगरमच्छ एकै नांद में हमारा खून पीते हैं !……….देश सबकी असलियत जानता है ,….इन्होने देश को अनेकों जहरीले जख्म दिए हैं ,..उनको पालकर नासूर बनाया है !…….राजतंत्र का मिटना समय की बात है ,..इनको मिटना ही है !…”….नन्हे क्रोध में बोला तो वकील बाबू फिर बोले .

“.. सही कहा नन्हे ,….भाजपा में आजौ राष्ट्रभक्त नेता हैं ,……लेकिन ज्यादा राक्षसों के गुलाम हैं ,..काली राजनीति का काम नोट से वोट और वोट से लूटना भर है ,.फूट डालकर राज करना इनका पुराना कानून है ,……हमारी भावना जायज है … लेकिन केवल ईसे काम नहीं होगा !……महान सपने पूरे करे खातिर हमको आगे सोचना है ,….जिसमें न्यायवादी समतावादी व्यवस्था बने !……ईके खातिर व्यक्ति समाज का सोच बदलना जरूरी है ,…..ठन्डे दिमाग से सोचो समझो और आगे बढ़ो ,…..कबसे सबलोग वहीँ पर अटके हो ,..पिछले जनम में चिरकुट वकील थे का ,…एकै बात पर सौ तारीख खर्च करते हो !..”………..वकील साहब के व्यंग्य पर सब निगाहें भीखू चाचा पर टिक गयी ……वो बैठे बैठे ही बोले .

“..भाइयों ,…..बेशर्मों को जितना नंगा करो उतना कम है ,……तानाशाह लुटेरों का नाश बहुतै करीब है ,…अब निर्माण का सोचना है ,…आदर्श लोकतंत्र और सपनों का भारत बनाने के रास्ते पर बढ़ना होगा ,….सब संभावना पर विचार करते हुए सबको अपना काम करना होगा ,…हम विचार करके आगे बढ़ेंगे ,…अपने कर्तव्य से हम भी चूके हैं ,…कभी गुस्से कभी पीड़ा कभी भाव में बहकर हमने बहुत देर की है ,..ऊकी भरपाई करनी है !….”

“..आज की बैठकी का समापन तुम करो वकील बाबू !…”……………मिलन के आमंत्रण पर वकील बाबू विस्मित हो गए .

“..हम पापी का समापन करेंगे ,..जिंदगी भर मक्खी मकड़ी लड़ाकर जेब भरी है ,…कालिख में डूबा न्यायतंत्र यही करता है …. तुम्हारे ऊपर भगवान की बहुत कृपा है ,…साथ रहने से हमारे पाप भी कटेंगे …. पूरे उत्साह और शुद्ध बुद्धि से सब हल खोजना ,….,…..आदत के हिसाब से हम सवाल पैदा करेंगे ,…उत्तर तुम ढूँढना ,… भगवान रास्ता दिखायेंगे ,…….तुम मूरख लोग भारतमित्र भी हो ,…अब अखंड आत्मदीप जलाकर आगे बढ़ो …देशद्रोही साजिशदानों को मिटाकर नए भारत को आधार देना तुम्हारा काम है !…….हमारी खातिर सबकुछ न्योछावर करने वाले स्वामीजी जैसे राष्ट्रभक्त हम पर आशीर्वाद की बरसात करेंगे !….”……………वकील बाबू निगाहों से मुझे भी लपेटते हुए बोले तो ..चन्द्रिका स्वभाव के विपरीत गंभीरता से बोला .

“……लुटेरों के जाल में भारत सदियों से आत्मघाती मूरख बना है ,….हम भारतवासी मूरख नहीं विश्वगुरु हैं ,….ईश्वरी ताकतें फिर यही साबित करेगी ,… दुनिया फिरसे हमारे पीछे चलेगी !….पवित्र भारतभूमि पर राक्षसों का राज ज्यादा दिन नहीं चलेगा !…रामराज्य आने में ज्यादा देर नहीं होगी !……….बोलो भारत माता की जय !..”………….सबके साथ मैं भी उछ्ल पड़ा ….भारत माता की जय !.वन्देमातरम !..इन्कलाब जिंदाबाद के नारों से गरीब गाँव फिरसे जाग्रत हो गया ….वन्देमातरम !

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