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आदरणीय मित्रों ,.बहनों एवं गुरुजनों ,..सादर प्रणाम …….आज फिर मूरखों के पास पहुँचा ,..वो हमेशा की तरह जमे मिले ,..आइये आपको भी वहीँ लेकर चलता हूँ .
………………..
सर्द मौसम में गुनगुनी धूप का आनंद लेना सबको प्रिय है ,..मूरख भी यही करते मिले … कोई चर्चा शुरू होने से पहले मैने अर्धनरासुर वाली कथा सुनाई ,…..मूरखों के मिश्रित भाव देख मैं चुप हो गया …कुछ पल मौन के बाद भीखू चाचा बोले ..
“..भैय्या जी ,….भला हो चन्द्रिका का जिसने अर्धनरासुर से तुम्हारी लाइन मिलाई !…ऐसे कायर राक्षसों से मिलते रहना ,..कुछ सीखने को ही मिलेगा !..”…………
“..सीखना गया भाड़ में… पहले ई बताओ कि लटकाना कैसे है !..”……… चन्द्रिका व्यग्रता से बोला तो भीखू चाचा गंभीरता से बोले .
“..हम कौन होते हैं लटकाने वाले ,..उनके कुकर्म ही नहीं छोडेंगे !..ऊपर भगवान देखते हैं ,.उनके पापों की घोर सजा मिलेगी ,..करोड़ों राष्ट्रभक्त स्वामीजी के साथ तैयार हैं ,.हमारा हक हमको मिलकर रहेगा ,..साजिशी राक्षसों की बर्बादी पक्की है ,…हमको अपनी कमियां दूर करनी चाहिए !…तभी हमको मजबूत राष्ट्रवादी न्यायवादी नेतृत्व मिलेगा !..रामराज्य जैसा संपन्न समतावादी देश समाज पूरी ताकत से खड़ा होगा …….इंसानियत के दुश्मन अवसरवादी राष्ट्र दलालों को उखाड़ने खातिर हमें खुद को साफ़ करना होगा !…”……….
“..बताओ कहाँ से शुरू करें !…”………………चन्द्रिका शरीर पर हाथ फेरते हुए बोला तो पुल्लू मिलन का ठहाका निकला ,…बाकी निगाहें घूरने लगी तो वो खिसियाकर पसर गया …
“..भाई देखो !….दुनिया में हम हिदुस्तानियों से ज्यादा मूरख और कोई नहीं है ,….लुटेरे जहर बाँटते हैं,.. हम फैलाते हैं !…. गद्दार संसद में देश खातेपीते फंदे का डिजाइन बनाते हैं ,..हम उसको बड़ाकर अपना गला फंसाते हैं !…..दो चार लाख सरकारी बोटी के फेर में दलित सवर्ण पिछड़ा भिड़ाते हैं ,…गद्दार गांधी ..गुलाम पगड़ी ,. बैसाखी चोर जैसे भेडिये भूखे-नंगे मुसलमानों को सूखी हड्डी दिखाते हैं !…लुटेरे परधानी पक्की करे खातिर हिन्दुस्तान फूंककर पांच सात देश बना दें तो कौनो अचरज नहीं !………….अमेरिका ने रूस भी तुडवाया था !… उनके एजेंट हर मुल्क में हैं ,……देश की दलाली करते वाड्रा प्रियंका की औलादें आने लगी है ,.राष्ट्रभक्त मोदी के आगे चोर विन्ची बच्चा गांधी उड़ गया …का पता उसकी कौनो औलाद विदेश में पलती हो !…पांच दस साल बाद दावा ठोंके !….गद्दार आपस में लड़ाकर ही हमारा शिकार करेंगे ! !.”……………….पीड़ाभरे आसरे काका ने काटजू की तरह विद्वता दिखाई तो मिलन तड़पा.
“…काहे घड़ी घड़ी रोते हो काका !…गद्दारों से बदले का टाइम है ,…देश से भारतद्रोहियों का नामोनिशान मिटेगा ,…हमने समझाया था … गद्दारों का भला हमारा हक देकर हिन्दुस्तान और राजनीति छोड़ देने में है ,..कांग्रेस को दफनाने से कम पर देश नहीं मानेगा !! ….लेकिन ई तो हमसे भी बड़े मूरख निकले ! … आखिरी ईंट उखडवाकर ही भागेंगे …… फूट डालकर लूटराज को हम हिन्दुस्तानी एक होकर भगायेगे !… देश पर गद्दार लुटेरों के गहरे घाव है ,..साथ आजाद हुए पिद्दी देश आज कहाँ पहुँच गए ,..हमारे पास सबकुछ होते हुए भी इंसानियत तरसती हैं ,.लेकिन अय्याश नेहरू ने हमें आजाद कहाँ होने दिया !…… अंग्रेजों के भक्त नेहरू गांधियों के साथ उनकी फैलाई बीमारियां भी मिटानी है !…गद्दारों …..!!.. !..”……………….. गरजता मिलन भीखू चाचा के इशारे पर रुका ….वो आगे बोले
“….. नरक जांय अंग्रेज नेहरू गांधी !…….उन्होंने सत्ता खातिर देश काटा… अलगाव बढ़ाकर लूटतंत्र मजबूत किया ,…. उनके चंगुल में हम अपना सबकुछ भूल गए,..देश समाज सब अंग्रेजियत से बीमार है ,..अब बीमारी का इलाज करना होगा !.”……………..सबकी मुंडियां यंत्रवत हिलने लगी …..
“..वही तो पूछा था … कहाँ से शुरू करें !…”………….शातिर मुस्कान से चन्द्रिका ने अपनी लात फिर ऊपर की तो पुल्लू तमका .
“..चंदिरका तुम चुप बैठो !….सौ बीमारी हैं ,….इलाज सिर्फ एक है ,…एकजुट होकर खुद को पहचानों ,..दिमाग से अंग्रेजियत निकालो ,..जागे स्वाभिमान की आग फैलानी है ….हम महान भारतीय सभ्यता के वंशज हैं !……हमारी शिक्षा ,..ज्ञान…भक्ति ..नैतिकता बहुत ऊंची थी ,…इनके अलावा भगवान का दिया अकूत प्राकृतिक खजाना हमको सोने की चिड़िया बनाता है ,..तभी यहाँ रिद्धि सिद्धि घर घर खेलती थी ,…इन लुटेरों ने हमें बर्बाद किया है ,… अब अमेरिकी नासा संस्कृत सीखता है ,.. हमारी जड़ी बूटी पच्छिमी लोग पेटेंट करते हैं ,….अनैतिकता में डूबे अंग्रेज रामराज की वकालत करते हैं ,……..सदियों की दुनिया में लूटमार के अलावा उनके पास कुछ नहीं है ,…विज्ञानी खोज दिखावा है !…जब ऊ लोग नंगे शिकार करते थे तब हमारा विज्ञान आज से बहुत ऊंचा था … विज्ञान ज्ञान से पैदा है ,..ऊ वेदों पुराणों शास्त्रों में भरा है !…………नेहरू और उसकी औलादों के कारण हम अपना इतिहास भाषा गौरव सब भूले ,..स्वामीजी ने वही याद दिलाया है ,…भाई राजीव दीक्षित की तपस्या इसी खातिर थी !…”…………….. पुल्लू रूककर हांफने लगा तो रहमान भाई बोले ..
“..काका !…..हमको अपना ज्ञान व्यवस्था नैतिकता पकडनी होगी ,…तभी हमेशा खातिर लुटेरों से मुक्ति मिलेगी !…”…………..सब नजरें भीखू चाचा पर टिक गयी ,…..सहसा वो मुझे देखने लगे ,..मैं नजरें चुराते हुए बोला .
“..काका डायरी फिर कभी छापेंगे ,..हम चाहते हैं कि हर मुद्दे पर यहाँ चर्चा हो !………”…………..वो मौन सहमति देते हुए जोश से खड़े हुए .
“..भाइयों !…..लुटेरे नेताओं ने हमारा माल ही नहीं लूटा है ,….मालामाल देश को हजारों ईस्ट इंडिया कंपनियों के चंगुल में फिर फंसाया है !….हम महाआतंकी अमेरिकी जेब में लुटेरे विश्वबैंक की मार्फ़त फंसे हैं ,…अधर्मी लुटेरों ने हमारे धर्म भ्रष्ट करने में कसर नही छोड़ी है !….गोपालों के देश में गद्दार गौ हत्या करवाते हैं ,…. अरबों जीवन पालने वाली पतितपावनी गंगा जमुना माई को गन्दा नाला बना दिया है …इन्होने हमारी शिक्षा ,भाषा ,व्यवस्था ,संस्कृति भी खतम की है ,…हम लुटेरों को कभी नहीं छोडेंगे !……..देश खातिर राजनीतिक महाक्रान्ति जरूरी है ,..उसका सूत्रपात स्वामीजी कर चुके हैं ,…पूरे देश के साथ हम भी पूरी ताकत से उनके पीछे डटे हैं ,..हम जीतकर ही रुकेंगे !…..साथै साथ सामाजिक सुधार बहुत जरूरी है ,………..इनकी साजिशों से आज हम अनेकों खण्डों में बंटे हैं ,..हमारी भाषा गुलामी भोग रही हैं ,..हमारे आयुर्वेद को अंग्रेज अपनाते हैं ,..हमें बीमार करके दवा के नाम पर मंहगा जहर बेचते हैं ,.. सेहत सुंदरता के नाम पर कूड़ा जहर बेचते हैं ! ….नेहरू की औलाद गद्दार गांधियों की महालूट से संपन्न देश को गरीबी का अभिशाप मिला है ,….अमेरिकी गुलाम राजनीति खुल्ला लूटतंत्र चलाती है ,….इनकी लूटों से मंहगाई की चक्की में इंसानियत पिसती है ,..परिवार बिखर रहे हैं ,….नशा ,व्यभिचार फैशन बनकर हमारे घरों में घुसा है ,..सुख शान्ति सुरक्षा जिंदगी से कोसों दूर है !….बचपन सिसकता है ,.जवानी भटकती है ,. बुढापा तड़पता है ,…अंग्रेजी बीमारियाँ पूरे देश में फैली हैं ,…….अब पूर्णक्रान्ति होकर रहेगी ,…हम गद्दार लुटेरों को भगाकर अपने धन के साथ संस्कार भी वापस लायेंगे ……हम अपने साथ पूरे देश को बदलने जोड़ने खातिर भरपूर जोर लगाएंगे !…..कल हम सियासतबाजी को फिर नंगा करेंगे ,…..उसके बाद मूरखों का सामजिक कार्यक्रम चलेगा ,…हम हिन्दुस्तानी मिलकर अपनी कमियां ठीक करेंगे !….राम कृष्ण बुद्ध नानक महावीर का देश मानवता के दुश्मन राक्षसों को उखाड़ फेंकेगा !..हम इनके फैलाए राक्षसत्व को मिटाकर रामराज्य लायेंगे !…..धर्मप्रिय हिन्दुस्तान फिर से महाशक्ति विश्वगुरु बनकर रहेगा !……बोलो भारत माता की जय !..”……………..ठंड से पीले पड़ चुके मूरख चेहरों पर जोशीली लालिमा छा गयी …भारत माता की जय !….वन्देमातरम !!..इन्कलाब-जिंदाबाद के गगनभेदी नारे सुस्त फिजा में देर तक उत्साह घोलते रहे….वन्देमातरम !
(मूरखमंच महान राष्ट्रभक्त सरदार बल्लभ भाई पटेल को हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करता है !..भारतवर्ष सदैव उनका ऋणी रहेगा ..उनको कोटि कोटि प्रणाम)
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