Menu
blogid : 4243 postid : 1110

मूरखमंच……सम्पूर्ण महाक्रान्ति (अंतस से राजतंत्र तक)

हमार देश
हमार देश
  • 238 Posts
  • 4240 Comments

आदरणीय मित्रों ,बहनों एवं गुरुजनों ,…सादर प्रणाम ….आपके मूरख फिर जमे हैं आज फिर मानव आया है ,..आइये उनके पास ही चलते हैं ,…

……………………………………………………

“..लुटेरे पूरा निरंकुश हैं !……देशद्रोही गांधियों की सरपरस्ती में लुटा देश गुलाम हो चुका है ,..शर्म हया को मारो गोली …गद्दार नंगे होकर हमको चिढ़ाते हैं !..”…………..पुल्लू का पीड़ा भरा आक्रोश छलका तो चन्द्रिका उकडूं बैठ गया .

“..चोर गद्दार बेफिकर हैं !….काहे से कि पूरी राजनीति गुलाम है ,…घूमफिरकर सब अमरीका की चाकरी करते हैं !…मोदी जैसे कुछ पक्के देशभक्तों को छोड़कर सब नेता गुलाम हैं !..”

“..सही कहा चंदिरका !….पूंजीपतियो के इशारों पर सब नाचते हैं ,..राडिया जैसे दलालों का धंधा यही हैं ,…पूंजीपति सब अमरीका के गुलाम हैं ,…अमरीका दुनिया पर कब्ज़ा चाहता है …कुलमिलाकर हिन्दुस्तान अमरीका की गुलामी में हैं ,..”………………आसरे काका ने चन्द्रिका की बात मजबूत की तो रहमान भाई शुरू हुए

“..अमरीका दुनिया तबाह करके मानेगा ,…इनका जाल तोड़ने का उपाय का है !..”

“.. पूर्ण महाक्रान्ति !..”

“..गद्दारों को होली की पेंदी में रखकर आग लगा दो !…ऊपर से दो डराम पेट्रोल डालो !!……धू स्वाहा !!..”………..मानव के कहने पर नन्हे तमका ,.. मूरख चेहरों पर दर्द भरी हंसी आ गयी .

“..नहीं भाई !….यह समाधान नहीं है ,…”…..मानव ने गंभीरता से कहा तो खिसियाया नन्हे फिर बोला

“..फिर पूर्ण क्रान्ति कैसे होगी !…. जेपी लोहिया ने किया था ,..तब देशद्रोही कांग्रेस के पालतू मुलायम लल्लू जैसे चोर डाकू पैदा हुए ,…..अब !..”

“..अब पूर्ण महाक्रान्ति करनी होगी !……अपने अंतस से लेकर सत्ता और व्यवस्था तक सबकुछ बदलना होगा !..”……मानव ने फिर संक्षिप्त उत्तर दिया तो मिलन उत्सुकता से बोला

“..माने हमको भी बदलना होगा !…”………………..मानव फिर शुरू हुआ

“..बिलकुल !…….. हम अपनी सोच नहीं बदलेंगे तो कोई बदलाव कामयाब नही होगा !..”…

“..हम का बदलें बाबू !……”……………आसरे काका ने व्यग्रता से पूछा

“…पहले समझना होगा कि बदलाव जरूरी क्यों है !………अंग्रेजों के आने तक हम संपन्न थे ,.पूरी सामाजिक समरसता थी !…अंग्रेजों ने खुद लिखा है ,.. तकनीक, शिक्षा, रोजगार और सम्पन्नता में हमारा कोई मुकाबला नहीं था ,…दो सौ लोगों पर एक गुरुकुल था ,..घर घर उद्दम थे ,…पूरे देश में उनको कोई चोर,उठाईगीर,अनपढ़,भिखारी नहीं मिला !……फिर उन्होंने जो किया सब जानते हैं ,.हमारी पूरी व्यवस्था तबाह करके लूटा !…….सैंतालीस में हम नाम को आजाद हुए थे ,…खंडित लोकतंत्र में अंग्रेजपरस्त नेहरू खानदान की साजिशें हावी रही !……आजादी के मतवालों का खूनी गद्दार खानदान पवित्र राजघराना बन गया !……”………….

“..ऊ सब हम जानते हैं !….आप आगे बताओ !..”……….रहमान भाई ने मानव को टोका तो वो मुस्कराकर फिर शुरू हुआ .

“.. आम जनता आजतक वंचित है !..जबकि भारत दुनिया का सबसे अमीर देश है ,..हमारे जितना अच्छा जंगल जल जमीन खनिज कहीं नहीं है ,….भ्रष्ट लुटेरों ने हमको जानबूझकर गरीब बनाये रखा है ,…. गरीबों को बहलाना आसान होता है ,..इसलिए ये गद्दार हमको बहला फुसला लेते हैं ,….हम खण्डों में कट जाते हैं और चोर लुटेरे हमारा माल असबाब लूटते रहते हैं ,…..हम निर्धनता और रोजगार की कमी में आपस में लड़ते रहते हैं ,….ये गद्दार हमको अंधी गुलामी में फेंकते रहते हैं !……अगर सैंतालीस के बाद लूट और भ्रष्टाचार नहीं होता तो आज हम महाशक्ति होते ,…दुनिया की कोई ताकत हमें आँख नहीं दिखाती ,….कोई गरीब और बेरोजगार नहीं होता …झुग्गी झोंपड़ी में जिंदगी नहीं पिसती …सबको अच्छी शिक्षा मिलती ,..इलाज के लिए कोई नहीं भटकता ,… इन्साफ तिजोरी का गुलाम नहीं होता ,..हमारा नैतिक पतन नहीं होता ,..मंहगाई हमको नहीं खाती ..हम सुखी होते ……….पैंसठ सालों में हजारों लाख करोड़ की महलूट हुई हैं ,…. हमारी अकूत संपदा विदेशिओं और पूंजीपतियों को मुफत में दी गयी ,….हर सरकारी खरीद में आधी रिश्वत खाते हैं ,..जनता को चूसते हैं सो अलग !…गद्दारों ने हर परिवार से करीब एक करोड़ का धन लूटा है !….. .”

“..तभी अम्बानी जैसे अरबों के महल बनाते हैं ,… हम अट्ठाईस रूपये में सूखी रोटी के साथ अमीरी का स्वाद लेते हैं !…”…………….मिलन बीच में बोला

“..उसके जिम्मेदार भी हम भी हैं !..”……………….मानव ने मिलन पर व्यंग्य किया तो सब मौन रहे ,…मानव फिर शुरू हुआ .

“..वास्तव में हमारी सोच गुलामों वाली हो गयी है ,…हम मुर्दा गुलाम हैं !..बीड़ी गुटखा खातिर अपना भविष्य उजाड़ते हैं ,….जात-पात ,क्षेत्र धर्म के चक्कर में उनका शिकार बन जाते हैं ,..बदलाव लाना है तो पहले अपनी सोच बदलनी होगी ,… आदमी तभी सुखी होगा जब पूरा समाज और देश सुखी होगा ,….. दिलों से आपसी रंजिशें मिटानी होंगी ,….जातिवादी, क्षेत्रवादी सोच को दफनाना होगा !….चाहे कोई हरियाणवी हो या बंगाली !….राजस्थानी हो या तमिल नहीं तो असमिया !…..सवर्ण हो या दलित !..पिछड़ा हो या मुसलमान !…सबको पहले हिन्दुस्तानी बनना होगा !…अकर्मण्यता छोड़कर एकसाथ लड़ाई लड़नी है !….. लुटेरी व्यवस्था के शिकार सब हैं ,..भूख गरीबी बेकारी बीमारी से सब परेशान हैं ,… लुटेरे हमें जाल में फंसाकर अपना उल्लू सीधा करते हैं !……..”………………….मानव रुका तो भीखू चाचा अहिस्ता से बोले ,….

“…. आपसी फूट का फायदा हमेशा से लुटेरे उठाते आये हैं ,…अब खंडित लोकतंत्र को एकजुट होना है ,….आगे दो रास्ते खुलते हैं ,….एकजुट हुए तो उजाला ही आएगा !….नहीं हुए तो गुलामी की अंधी गुफा मिलेगी जिससे निकल पाना बहुतै कठिन होगा !..”

“..हमको लुटेरों ने अलग किया है ,…हमारी सामाजिक व्यवस्था एकजुटता वाली थी ,..सब एकदूसरे के लिए थे ,…लंबी गुलामी में हमारी सोच भी गुलामों जैसी हो गयी थी ,…लेकिन देश की सोच अब बदल गयी है !..हम इनका जाल तोड़ेंगे और देश उजाले में जाएगा !… जाति धर्म और तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले नेता आतंकवादी हैं !!…..देश लूटकर इन्होने हमें बर्बाद किया है ,…..ये आतंकी नेता अलगाववाद की आग में देश के टुकड़े करना चाहते हैं ,…अमरीकी गुलामी में एक एक टुकड़े पर सामंती करना चाहते हैं ,……..चीन और पिद्दी पाकिस्तान के हाथों तमाम धरती गँवा चुके हैं ,…अब पूरा कब्ज़ा करने की फिराक में चीन ने हमको चारों तरफ से घेरा है ,…..अमरीका का राजनीति और अर्थव्यवस्था पर कब्ज़ा है ,…चीनी माल से हमारे बाजार भरे पड़े हैं !……दिवाली पूजा हम करते हैं …लक्ष्मी वो ले जाते हैं !………अब तो टाफी चाकलेट तक उनके हैं ,..पता नहीं कुत्ते की चर्बी डालते होंगे या सूअर की !!..” …………..आसरे काका हमेशा की तरह कहीं और ही पहुँच गए ..मानव फिर बोला

“..अब पूरे देश को एकजुट होने की जरूरत है !..अपने देश पर गर्व करना है !…इसको बचाना है !…अगर अपने बच्चों से प्यार है तो देश से मोहब्बत करनी होगी !…जाति ,भाषा ,क्षेत्र ,धर्म की सब दीवारों को तोड़कर एकजुट होना होगा ,..विदेशी सामानों को लात मारनी होगी !.स्वदेशी एकजुटता लानी होगी !……. राज्य से पहले देश की सोचना होगा ,..तभी राज्य ठीक होगा !…. घर से ज्यादा गाँव की सोचेंगे तो घर में कमी नहीं होगी !….जाति से पहले समाजहित सोचेंगे तो समता फैलेगी !….प्रेम का दीपक सबके ह्रदय में जलेगा तो सब जगह रोशनी होगी !….घने अँधेरे में फंसे देश को मोहब्बत की रोशनी की बहुत जरूरत है !..”…………….मानव के रुकने पर मिलन बोला

“..हिन्दुस्तान का आधार हिंदुत्व है ,….यही आधार तोड़कर गद्दार देश को पूरा तबाह करना चाहते हैं ,..हिंदुत्व का मतलब केवल धर्म नहीं जीवन शैली है !…उंच नीच की कोई जगह नहीं ..समतावादी व्यवस्था है !….प्रकृति का पोषण है !….सर्वधर्म का सम्मान है !….राम जीवन के आदर्श है ,.. पूंजीवादी ताकतें अपनी सामंतशाही खातिर पाप करती हैं !…हमको राक्षसों पर एकसाथ हमला करना है !..”……………..मिलन की बात से सबकी सहमति झलकी ….सब भीखू चाचा की तरफ देखने लगे ,…उन्होंने आहिस्ता से गमछा कसा और खड़े हो गए .

“..भाइयों ,…देश बहुत गहरी खाई में जा रहा है ,…देशद्रोहियों ने सबकुछ लूटकर गुलाम बना लिया है ,… उत्थान का एकै रास्ता एकजुटता है ,….जाति वर्ग क्षेत्र भाषा की सब खाई खतम करो तभी देश और हम खुशहाल होंगे !…ये लुटेरे और उनके चाटुकार हर जगह बैठे हैं ,..थाना तहसील से लेकर मंत्रालय तक दलालतंत्र है ,…नाली खडंजे से लेकर सड़क खदान तक की मलाई नेता चाटुकार खाते हैं ,…आम जनता बेबसी में खून का घूँट पीती है ,…अब बेबसी तोड़ने का वक्त आया है ,…हम इस लुटेरी व्यवस्था को बदल कर रहेंगे ,..ई खातिर हमारी एकजुटता सबसे जरूरी है ,….सबको अपने ह्रदय में प्रेम का दीपक जलाना होगा !…..प्रेम सीसा है ,.. जितना करेंगे उतना मिलेगा !….व्यवस्था के साथ हमको अपना अंतस साफ़ करना होगा ,..एक दूसरे का हाथ पकड़ साथ लेना होगा,….पूरा देश मुसीबत में है ,..कोई सुरक्षित नही है !.. गद्दारराज न हटा तो जनता मंहगाई से मर जायेंगी …बाकी हमेशा अमरीका की बंधुवा मजूरी करेंगे ,.अंधे दोहन से कुदरत का कहर बरपेगा !…आने वाली नस्लें हमें कोसेंगी !……..हमको गाँव गली से लेकर दिल्ली तक राजतंत्र की सफाई करनी है ,…सम्पूर्ण महाक्रान्ति करनी है !….कोई बाकी न बचेगा ,..सब को इस महायज्ञ में शामिल होना है .

हमें जाति क्षेत्र के सब बंधन तोड़कर सच्चा हिन्दुस्तानी बनना है ,…हमारा दिल बहुत बड़ा है ,सबकुछ सह लेते हैं !…अब इसमें अपने देश खातिर प्रेम का दीपक जलाना है ….गद्दार नेताओं के छल-कपट धनबल बाहुबल को लात मारनी है !….हर गाँव क़स्बा शहर में भारत स्वाभिमान की लहर है ,… इस लहर को महातूफान बनाना है ,… सभी चोर डाकू गद्दार उसमें बह जायेंगे ,….फिर सामने होगा हमारा संपन्न हिन्दुस्तान ,..भ्रष्टाचार मुक्त ,अपराधमुक्त, समतावादी शक्तिशाली भारत ,….जहाँ घर घर खुशिओं का वास होगा ,..हम सुखी होंगे !…सुख धर्म से आता है ,…धर्म की रक्षा धन से होती है ,…धन की जिम्मेदारी राजव्यवस्था पर है ,….राजव्यवस्था तभी अच्छी होगी जब सच्चे और देशभक्त लोग राज करेंगे !…….हमारा सबकुछ उल्टा है ,…कोई सुखी नहीं है ,..विधर्मी राक्षसों का राज है !…भयानक अंधेरगर्दी है ,….इलाज जनता की एकजुटता से होगा ,….हिन्दुस्तान एकजुट होगा तो हमारी तरक्की नहीं रुकेगी ,…ईलिए सबको अपनी सच्ची भागीदारी पक्की करनी होगी !….हम सत्य के सिपाही हैं ,..सत्य यही है कि हम एक हैं !..लुटेरे भी एक हैं !… लूटकर इन्होने हमें गरीब बनाया है ,.सबका हक ई भ्रष्टतंत्र ने खाया है !..जाति धर्म की दीवारों के जाल में देश अवाम और लोकतंत्र तड़प रहा है ,….भारत माता की इज्ज़त दांव पर है !….हम देश बचाकर बनायेंगे …महापुरुषों के साथ पूरा देश एकजुट होगा ,…हम एकजुट होकर लुटेरों की धज्जियाँ उड़ा देंगे !…हम ई भ्रष्ट व्यवस्था उखाड़ देंगे !……….बोलो भारत माता की जय !….”……भारत माता की जय !…वन्देमातरम !!….इन्कलाब जिंदाबाद के नारे फिर से गूँज उठे …वन्देमातरम

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh