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मूरखमंच…….भगवान का वचन !

हमार देश
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आदरणीय मित्रों ,बहनों एवं गुरुजनों ,..सादर प्रणाम …मूरखों के मंच पर आज मानव भी है ,..आइये आपको उनके पास ले चलते हैं .

………………

मंच जमा है ,..सभी मानव से बात कर रहे हैं ,..पिछली चर्चा की बातें भी हो रही हैं ..

भीखू चाचा ने शुरुआत की ..”…. मानव बेटा,.. गद्दार राजनीति और लुटेरी व्यवस्था कैसे बदलेगी !..”

“..जब हम बदलेंगे !..”……मानव ने सहज मुस्कान से उत्तर दिया तो सब और उत्सुक हो गए ,…चन्द्रिका बोला

“….लुटेरे पूरा निरंकुश हैं !… देश त्राहि त्राहि कर रहा है ,…इनकी बेशर्मी पर घडियालों के आंसू भी सूख गए हैं ,…गरीब बेहाल है ,.अमीर बेकार है ..मध्यवर्ग न घर का है न घाट का ,…नौजवान बेरोजगारी में नशेड़ी बन रहे हैं ,…चोरी छीना-झपटी आम है ,..रोटी की भागा दौडी में पता नहीं कब कौन बल्ब बुझ जाय !..”……….

“..गलती जनता की भी है ,..जाति धर्म के नाम पर बंटते हैं ,..वोटिंग में चौधरी देखते हैं ,.. भाई की परवाह नहीं, खानदानो को वोट देते हैं ,….जाति, धर्म, प्रदेश के आगे देश भूल जाते हैं ,..तो भुगतना पड़ेगा !….विकास के नाम पर गुलामी लाते हैं  ,…अमेरिकी खजांची दिल्ली में बैठकर अट्ठाईस रूपये में अमीरी लाते हैं !..”……

“…. हमको गद्दार नेता ही भरमाते हैं !…”……मिलन ने मानव को टोका तो चन्द्रिका बोला .

“..हम काहे बंटते हैं ,…अब राजशाही नहीं है ,..काहे खानदान के नाम पर वोट देते हैं ,..गुलामी की आदत तोड़े बिना गुलामी नहीं टूटेगी !…दिल्ली से लेकर सब प्रदेश फिर सब क्षेत्रों में खानदानी चोर डाकू जमें हैं ,……लाखों क्रांतिकारियों का गुनाहगार नेहरू खानदान सौ बार देश से गद्दारी दिखा चुका है ,..कांग्रेस ने आजाद, भगत जैसे क्रांतिकारियों को मरवाया ,..नेताजी को गायब करवाया ,.देश बंटवाया ,..कश्मीर को नासूर बनाया ,…मानसरोवर गंवाया ….पंजाब जलाया ,..आतंकी बढाए ,..माओवादी बनाए ,.. तमाम देशभक्त इनकी साजिशों का शिकार बने !….इन्होने देश बेचकर अपनी तिजोरियां भरी !…ये विदेशियों के चाटुकार और हमारे गद्दार हैं ,…हमारी सब मुसीबत के जिम्मेदार यही हैं ,…अब कांग्रेसी लुटेरापन सब दलों में आ गया है ,..कुछ खुले चाटुकार हैं कुछ अंदरखाते मिले हैं ,..ऊपर से नीचे तक पूरा तंत्र मगरमच्छ की तरह हमको खाता है ,….देशभक्त नेताओं को किनारे लगाने के हरसंभव प्रयास होते हैं ,….हमारे खून मांस से लुटेरे नेताओं और उनके चमचों की चर्बियाँ चढती हैं ,…एक गद्दार के पीछे दस गाड़ियां ,बीस पुलिसिये,..तीस चमचे दौडते हैं ,…..फिर भी उनको वोट देते गए !..”………..चन्द्रिका की बात पर मानव फिर शुरू हुआ .

“..भाई उनकी साजिशों का अंत नहीं है !…..देश को आधा गुलाम बनाये रखा ,…सबकुछ अंग्रेजी है ,…अब लूटकर फिरसे पूरा गुलाम बनाने का इंतजाम है ,…नेहरू ने विश्वबैंक जैसे महाडाकू के चंगुल में हमको फंसाया ,…उनकी औलादें देश चाटकर चोर खजाने में दबा चुकी हैं ,…आज हम अमेरिका जैसी पूंजीखोर के गुलाम हैं ,….नेहरू से शुरू हुआ भ्रष्टाचार अब दानव की तरह देश खा रहा है ,..लूट की बहन मंहगाई हमको डायन की तरह हजम करने पर आमादा है ,…नौजवान बेरोजगार है ,.किसान बेजार है ,…गरीब को भिखारी बना दिया है ,…हमारा हिस्सा लूटकर हमको कीड़े मकोडों की तरह जीने पर मजबूर कर दिया है ,..न भरपेट खाना है ,न शिक्षा है, न इलाज,. न विकास ,.  मिलती है तो सिर्फ भीख ,..बदले में राक्षस राज चलता है ,…गरीब को न्याय नहीं है ,..आधा देश हथियार उठाने को मजबूर है ,..जंगलों पर वहां के वासिओं का हक नहीं है ,..पूंजीपति जहाँ चाहे धरती खोद लेते हैं ,……देश की संपदा हमारी है …हमारा अकूत खजाना कौड़ियों के भाव बिकेगा तो हमको कौड़ी ही मिलेगी ,..वो भी इन राजाओं के ठाठ में गुजर जाती है ,….ये राजनेता नहीं आतंकवादी हैं ,.”…………….मानव एक सांस लेकर फिर शुरू हुआ .

“..अब हमें पूरी आजादी लेनी है ,तभी हमारा देश और हम बचेंगे !…पूरी राजनीति बदलनी होगी ,…हमारी आजादी तभी मिलेगी जब हम गुलाम सोच तोड़ेंगे ,……अपने लिए जनता को पूरा एकजुट होना है ,..हम एक ही हैं ,..देशी-विदेशी लुटेरों और लालची राजा-सामंतों ने हमको बांटा है  ,..अब राजे सामंत नहीं हैं ,..चोर लुटेरों को हमने राजा बनाया है ,..उनको मिटटी में मिलाना है ,….हमको आपस में प्रेमभाव ही फैलाना है ,..न कोई जाति का बंधन हो ,.न धर्म का ,..न भाषा क्षेत्र का ,..पूरे देश से इस व्यवस्था को उखाड़कर लोकतांत्रिक रामराज्य बनायेंगे !..”

“..हमारे समाज को इतना बांटा है ,..कैसे जुडेंगे ,..कोई कहता है कि दलितों पर हजारों साल अत्याचार हुआ है !.आय अनार्य का चक्कर भी डालते हैं …”…………..आसरे काका ने मिमियाते हुए पूछा

“…नेहरू ने झूठा इतिहास लिखवाया है ,..यहाँ बाहर से सिर्फ लुटेरे आये थे,… वो अपने चाटुकारों के हाथ देश देकर चले गए ,….सब एक हैं ,..मानवता से ऊपर कोई जाति नहीं कोई धर्म नहीं ,..सब धर्म यही सिखाते हैं ,…कमजोरों पर दो चार पीढ़ी अत्याचार हुए है !…..हमसबको उन बातों को भूलकर आगे बढ़ना है ,..जुड़ने के लिए प्रेम ही मजबूत धागा है ,..भगवान राम से प्रेम करो फिर देखो !…अत्याचार झेलने वाले हमारे पूर्वज यही चाहते हैं ,….जन्म जन्मान्तर में घर खानदान सब बदल जाते हैं …ई भगवान की व्यवस्था है ,..हम झूठ के शिकार हैं ,..हमको सबकुछ भूलकर सबके गले लगना है ,..जीतेंगे तो कोई गरीब नहीं रहेगा !..और सबके लिए बराबर अच्छी शिक्षा ,इलाज और अवसर होंगे तो किस बात की लड़ाई !….काला धन मिलने पर ऐसा विकास होगा कि दुनिया दंग रह जायेगी ,…कोई गरीब वंचित नहीं रहेगा ,…कोई नहीं रोयेगा ! ..”

“..ऊ तो ठीक है लेकिन आज दुनिया पैसे के पीछे भाग रही है ,.”……….मिलन ने प्रश्न उठाया .

“.. क्योंकि कोई सुरक्षित नहीं है ,…गरीबी खत्म होने और समान प्राकृतिक न्याय से सब सुरक्षित होंगे ,.प्रकृति को बढ़ावा मिलेगा तो रोजगार बढ़ेंगे ,..चोरी लूट और मिलावटखोरी मंहगाई से मुक्ति होगी ,…..धन को संयम से खर्चना होता है ,..दिखावा बंद करना होगा ,..सरल जीवन सुख का आधार है ,….दहेज बिलकुल बंद होना चाहिए ,..यह अपराध घोषित होगा ,..सब इससे पीड़ित हैं ,…दूल्हा दुल्हन और परिवार को कपडे के अलावा किसी लेन देन पर दोनों पक्षों को सजा हो !…इससे भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध रुकेंगे ,..लड़का लड़की में भेदभाव मिटेगा !…भारतीय सभ्यता ,संस्कृति और कला को बढ़ावा मिलेगा तो तीज त्यौहार उत्सव मनोरंजन का ऐसा आनंद आयेगा कि बर्बादी वाले मनोरंजन के पास कोई नहीं जाएगा ,…. सबको सबकुछ मिलेगा अगर इन लुटेरों से अपना धन वसूला जाय ,… नए सिरे से सर्वजन हितैषी व्यवस्था बने ,…चहुंओर सुख शान्ति उल्लास और आनंद छायेगा !…उसके लिए पूरे देश को प्रण लेना होगा कि इन दलों को एक वोट नहीं देंगे !…”

“..फिर लोकतंत्र कैसे चलेगा !….कम से कम दो दल जरूरी हैं ,..”……….किसी ने सवाल किया

“..हाँ दो दल ही बनेंगे ,…स्वामीजी और अन्नाजी को आगे बढ़कर मिलना चाहिए ,…मौजूदा व्यवस्था से लड़ने में एक साथ हों ,… आमूल चूल बदलाव के लिए मजबूती से एक दूसरे का हाथ थामें ,…विचारों के आधार पर अपने दल बनाकर स्वस्थ लोकतंत्र देश को दें ,..दो दलीय लोकतंत्र में जनता जिसको चाहेगी उसको चुनेगी !..”

“..बात तो ठीक कहते हो बाबू !.. नेता लोग आसानी से हार मानेंगे !..”…….रहमान भाई ने शंका रखी

“..ये हार चुके हैं !….खोखले बांस तब तक खड़े रहते हैं जब तक कोई गिराता नहीं है ,..इनके साथ एक प्रतिशत लोग भी नहीं हैं ,…निन्यानबे मजबूर थे ,…यही एक प्रतिशत लोगों ने सबका धन हड़पा है ,…अब हम मजबूर नहीं हैं ,..हमारे महानायक हमारा मार्गदर्शन करेंगे ,..हम अपने पुरुषार्थ से अपना हक वापस लेंगे !..तभी तो हमने कहा कि सब अपने ईश्वर अल्ला गाड़ की सौगंध खाएं ,…देशभक्त नेता हमारे साथ आयेंगे !……..देश और इंसानियत की रक्षा के लिए राक्षसों से लड़ना सबका धर्म है ,..हमारे पूर्वजों ने हमें यही सिखाया है ,..लंबी गुलामी में हम अपना गौरव भूल गए हैं ,..स्वामी रामदेव जी ने देश जगाया है ,..आपदकाल में ऋषिओं ने हमेशा देश को बचाया है ,.देश उनकी निःस्वार्थ सेवा को प्रणाम करता है ,…अन्नाजी इस महान परिवर्तन में उनके सारथी है ,..बाकी देश अपने विवेक से खुद तय करेगा !….भगवान राम कृष्ण को मानने वाले पीछे नहीं हटेंगे ,..महावीर बुद्ध ने अत्याचार के खिलाफ शान्ति युद्ध ही सिखाया है ,…कुरआन-बाइबिल के सन्देश यही हैं ,…हमारा भगवान हमारे अंदर हमेशा रहता है ,..हम सब बुराइयां छोडेकर सच्चा धर्म अपनाएंगे !…हम विजयी होकर सच्चे लोकतंत्र के राजा होंगे ,….बच्चे बूढ़े जवान सब मिलकर काम करेंगे !…हम लुटेरों के रियासती महल गिराकर जनता के घरों झोपड़ियो को जोडेंगे ! ,..भगवान हमारी सहायता करेंगे !!..”………..सब मूरख मंत्रमुग्ध होकर मानव को सुन रहे थे ,..रुकने पर सब भीखू की तरफ देखने लगे .

“..हम का बोलें !…मानव भैय्या ने सब कह दिया है ,… हम सब अच्छे हैं ,.और अच्छाई ही चाहते हैं ,.जो बुराई में फंसे हैं ऊ भी अच्छा ही चाहते हैं ,..हमको अच्छाई फैलानी और जोड़नी है ,…इस व्यवस्था ने हमको लाचार बना दिया है ,…..इनको मिटटी में मिलाना है ,…ये अंग्रेजी लुटेरी व्यवस्था है ,..हमारा भविष्य इनको मिटाकर ही बचेगा और बनेगा !…गद्दार नेताओं को कोई मुह नहीं लगायेगा ,.मौजूदा दलों को एक वोट नहीं देंगे !…खानदान ,जाति के नाम पर देश खाते गद्दारों से हमको हिसाब लेना है ,…राम-कृष्ण, प्रकृति, गाय, गंगा को पूजने वाले राक्षसों को मार भगाएंगे !…..हर इंसान और अपनी मिटटी से प्रेमभाव रखना हमारा स्वभाव है ,..हम अपने स्वभाव पर चलकर विदेशी लुटेरों और राक्षसी गांधिओं के जाल को तार तार कर देंगे ,…..हमारे जीवन में उजाले और हमारे बीच सिर्फ इतनी दूरी है जितना हम खुद से दूर हैं ,..खुद को स्वतंत्र और ईश्वर का अंश मानकर हमारा स्वाभिमान दमकेगा ,… हम एकजुट होकर आसानी से जीतेंगे !..आपस में हमारा गहरा प्रेम है !…”……..कहते हुए भीखू भावुक होकर मानव से लिपट गए ,…मानव और सबकी आँख गीली हो गयी ..कुछ देर बाद भीखू चाचा फिर बोले

“…स्वामीजी और अन्नाजी से हमारी विनती हैं ,.हमको आपने ही जगाया है ,… महाभ्रष्ट अत्याचारिओं के खिलाफ महायुद्ध में एक होकर आपलोग देश का नेतृत्व करो !…….देशद्रोही गांधी खानदान संविधान के ऊपर बैठकर लूटराज चलाता है ,..लुटेरी व्यवस्था में पूरी राजनीति उनके इशारे पर नाचती है !….हम चोर लुटेरे देशद्रोहिओं को राख बनाकर स्वस्थ लोकतांत्रिक व्यवस्था का आधार रखेंगे !…देश हमेशा आपका कर्जाई रहेगा !…..पूरा देश आपके साथ होगा ,.….हम एक हैं ,.सबकी पीड़ा एक है ,..सबका इलाज भी एकै है !.….हम अपना निर्माण और गद्दारों का विनाश एक साथ करेंगे !….राम कृष्ण बुद्ध महावीर नानक के आदर्श हम भूले नहीं हैं ,..लाखों महान क्रांतिकारियों की विक्षिप्त आत्माएं भटक रही हैं ,…… सर्वसम्पन्न अखंड भारत का सपना बाकी हैं ,..ऊ दो दलीय लोकतंत्र व्यवस्था से ही बनेगा ,..मजदूर ,किसान ,व्यापारी ,कर्मचारी ,अधिकारी ,.नर ,नारी, जानवर, कुदरत सब परेशान हैं ,…………..लुटेरे हमारी धन संपदा बेहिसाब लूट रहे हैं ,.पूरा गुलाम बनाने की साजिशें हैं ,…हमारी सभ्यता संस्कृति नैतिकता सब दांव पर है ,…हमारा कल्याण भारतीयता से जुडकर ही होगा ,..हमारी शिक्षा , हमारा ज्ञान ,हमारी भक्ति हमें बचायेगी ,..इसकी खातिर काले अंग्रेजों और अंग्रेजी व्यवस्था को तार तार करना होगा !…हम पतित मूरख भटकते हैं ,…फिरौ भगवान भक्त के साथ हैं तभी आज मानव को भेजा है ,……सत्य ही जीतेगा  !…ई हमारा नहीं भगवान का वचन है !. ..दीनानाथ अपना वचन जरूर पूरा करेंगे !!…”……..भीखू का गला भर आया ,..सब खुशी में झूम उठे  !…एक स्वर में नारे गूंजने लगे !….भारत माता की जय !….वन्देमातरम !!…भारत माता की जय !!!….इन्कलाब जिंदाबाद !……नारे रुकने का नाम नहीं ले रहे थे ,……वन्देमातरम !

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