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मूरख चिंतन …जेहाद का जहन्नुम और इंसानियत !

हमार देश
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गतांक से आगे ….

चन्द्रिका की टीस भरी सांत्वना पर रहमान भाई चुप ही रहे ,….पुल्लू थोडा आवेश में बोला .

“…जिनकी खोपड़ी पर लुटेरी धार्मिकता का कफ़न और आँख पर पट्टी बंधी हो ,…उनकी खातिर राष्ट्र का कौनो मतलब नहीं ,..विदेशी खलीफाओं ,गद्दार नेताओं और जेहादी मुल्लाओं के पीछे भागने वाले जाहिलों से कौनो आशा नहीं है ,…..पाकिस्तानी नारा लगाने वाले बेवकूफ नहीं समझते कि यहाँ से गए मुसलमानों की हालत वहां कुत्तों से गिरी है ,.. टाइम रहते राष्ट्रधर्म की अकल न आई तो अल्ला भी मालिक नहीं होंगे !!…अरब देशो का तेल खतम तो खेल खतम ,..अमेरिका की गिद्ध निगाह भी जमी है ,.. फिर हाथ में कटोरा लेकर घूमेंगे,.. कोई भीख भी नहीं देगा !…”………पुल्लू ने आग में और तेल डाला ,…पहले से ही दुखी रहमान भाई की पीड़ा दहकने लगी ,…सब पुल्लू को घूरने लगे ,..गोविन्द रहमान भाई के कंधे पर हाथ रखकर शुरू हुआ ,..

“..रहमान भाई ,…आप पर हमको गर्व है ,… देश को राष्ट्रभक्त मुसलमानो पर नाज है ,…कौन डाक्टर कलाम को सलाम नहीं करता !,..कौन हिदुस्तानी अशफाक उल्ला खान और अब्दुल हमीद की वीरता का कायल नहीं है !…..देश में तुम जैसे मुसलमान कम नहीं है ,…लेकिन बदकिस्मती से कम होते जा रहे हैं ,….धर्मनिरपेक्षता की आड़ में आबादी बढ़ाकर देशपर कब्ज़ा करने की बदनीयती साफ़ जाहिर है ,..पैंसठ साल में नौ फीसदी से बढ़कर बीस हो गए ,..मस्जिद से वोट तय  होते हैं ,…वोट खातिर माँ बाप बेचने वाले गद्दार कांग्रेसी बांग्लादेश से वोट मंगाते हैं ,.चार आकर बीस साल में चालीस बनते हैं !…..एक तरफ आबादी का रोना रोकर हम दो हमारे दो का ढकोसला है,.. दूसरी तरफ रोज पाकिस्तान बनाओ की खतरनाक साजिश होती है ,…ई धर्मनिरपेक्षता नहीं धोखा है !…”…………रहमान भाई ने आँखे बंदकर सिर ऊपर की तरफ कर लिया ,……एक सन्नाटा छा गया ………….फिर आसरे काका आँख मिचमिचाते शुरू हुए .

“..रहमान भाई ,.. शान से वन्देमातरम कहने और राम कृष्ण को अपना पूर्वज मानने वाले तुम जैसे मुसलमानों को हिन्दुस्तान हमेशा सलामी देगा !…”

“..हम सलामी के भूखे नहीं हैं ,..सच को सलामी की जरूरत नहीं है !!..”……. रहमान भाई फट पड़े ,…सब अवाक होकर देखने लगे ,….

“..हमको तुमसे कौनो गिला नहीं है ,..हम भटके इंसानों खातिर दुवा करते हैं ,..मुल्क लुटेरों से बचेगा तभी  धरम और इंसानियत बचेगी ,… हम इसी मिटटी की पैदाइश हैं ,….हमारे परदादा के परदादा हिन्दू थे ,..उनका नाम रामफल था ,..तब मुगलिया सल्तनत में सबको मुसलमान बनाने का जोर था ,…हमारे दादा बचने खातिर घर जमीन सब छोडकर भाग गए थे ,..लेकिन उनके भाई ने धोखा किया ,..ऊ जागीर लेकर ओहदेदार हो गया ,..फिर इनको भी इस्लाम कबूल करना पड़ा और रामफल से फखरूद्दीन बन गए ,… अब्बू बताते थे कि उन्होंने आने वाली पीढ़ियो खातिर पैगाम लिखवाया था ,..कि ,.. हम बाल बच्चों की जान खातिर धर्म बदल रहे हैं ,..जब हालात माकूल मिलें तब अपने धर्म में वापस हो जाना ,…लेकिन उसकी कभी नौबत नहीं आई और न किसी ने जरूरत समझी ,…हमें अपने वतन से बेइंतिहा मोहब्बत है ,…ई काफी है ,……..सच्चाई और ईमान के रास्ते पर चलकर वही मिलते हैं ,.चाहे ईश्वर कहो या अल्ला ,..कौनो फरक नहीं है !….. देशद्रोही लुटेरों का पिछलग्गू बनकर हिन्दुस्तान से गद्दारी करना हमारे जमीर को गंवारा नहीं है ,..ई सब लालची नेता अमेरिका के गुलाम हैं ,.जिसने अपने लाभ खातिर हर कदम पर इस्लाम को  तबाह किया है ,..हम दोतरफा लड़ाई में सच्चे राष्ट्रभक्त का फर्ज अदा करेंगे ,… वन्देमातरम गाने और राम को अपना पूर्वज कहने में हमको शर्म नहीं फख्र है ,… पाखंडी मुल्ला मौलविओं की बाल बराबर परवाह नहीं है ,…न कौनो लालच है ,. यही हमारी सच्चाई है ,..हमेशा रहेगी ! ..”………कहते कहते रहमान भाई का गला भर गया …….सब कर्तव्यविमूढ़ होकर स्नेह से उनको देखते रहे ,…रहमान भाई ने गमछे से गीली आँखें साफ़ की फिर चैन से पसरकर बैठ गए ,…….

“.. एक बात बताओ ,.. धरम का टंटा काहे है ,…सबके भगवान एक हैं तो एक धरम से काहे हमारा काम नही चला ,..अब सब जानते हैं कि ई कांग्रेसी और उनके लगुए भगुए साथी चोर लुटेरे हिन्दुस्तान के दुश्मन हैं ,….भ्रष्टाचार का दानव हमारी सम्पदा लूटकर अब देश खतम करने पर तुला है ,..तो काहे मुसलमान धरम के नाम पर उनके बहकावे में आते हैं ,… मुसलमानों के वोट खातिर सब चोर दुकान सजाये बैठे है ,…खानदानी डाकू मुसलमानों खातिर संविधान बदलने की बात करते है,… लुटेरा सरदार देश पर पहला हक मुसलमानों का होने का दावा करता है ,.कट्टरपंथियो के आगे घुटने पर बैठकर कहते हैं कि हम धर्मनिरपेक्ष हैं ,.देश की किसी को परवाह नहीं !..”…………पुल्लू ने फिर आग को हवा दी……अब तक शांत बैठे भीखू चाचा मैदान में आये .

“..धरम का कौनो टंटा नही है ,..सब इंसानियत खातिर बने हैं ,…टंटा दुनिया पर राज करने की मानसिकता से है ,…मानवता खातिर पहले केवल सनातन  धरम और वैदिक सभ्यता थी ,.. जहाँ सनातन धरम कमजोर हुआ तो और पैदा हुए ,…..अपने देश में जैन ,बौद्ध जैसे महान धरम पैदा हुए,. भगवान महावीर, भगवान बुद्ध ने पूरी दुनिया में प्रकाश फैलाया ,….अरब देशों में शैतानी लोगों ने अपने बुतों की पूजा करवानी शुरू कर दी होगी ,…जैसे कल को कांग्रेसी चमचे सोनिया माता के मंदिर बनाकर पूंजने लगे ,….तब इंसानियत खातिर पैगम्बर साहब ने इस्लाम चलाया ,.. लेकिन उनसे भी गलती हुई,..अनाचार की खिलाफत में जाने अनजाने आतंक की शिक्षा दे गए ,.अधर्मिओं में धरम के फैलाव खातिर लूटमार को जेहाद का नाम दिया ,..उनको नही पता होगा कि जेहाद को उनके बच्चे इंसानियत का दुश्मन बना देंगे ,….. इस्लाम के नाम पर खलीफाओं ने दूसरे देशों पर हमला करवाया ,…भारत पर भी गोरी ,गजनी ,.बाबर जैसे नरपिशाचों ने आक्रमण किया ,.. हमारे धर्मपरायण राजा उनकी विशाल लुटेरी सेना के सामने विवश हो गए ,.. शान्तिप्रियता और विश्वबंधुत्व धरा रह गया,…..हमने अपना धन और धरम दोनों गंवाया ,..चंद  स्वार्थी जयचंदों  ने घात किया ,..जयचंदों का अंत बहुत बुरा हुआ और लुटेरों का भी सर्वनाश हुआ,..तमाम कोशिशों और खूनखराबे के बावजूद हमारी हस्ती नहीं मिटी ,.काहे से कि इंसानियत को हमेशा जिन्दा रहना था ,.. लेकिन !!…..”…भीखू चाचा गहरी सांस भरकर फिर शुरू हुए ,..

“..अब ऊ सब याद करने से फायदा नहीं है ,….सब धर्म एकै मकसद लिए हैं ,…सबका आधार वही है ,… बुतपरस्ती की खिलाफत करने वाले मक्का में आदिम पत्थर संग-ए-अवसद की पूजा करते हैं ,..आदिम देवता कौन हैं !..ऊ पवित्र पत्थर शिवलिंग है ,…जो नही समझना चाहते ऊ न समझें लेकिन … चोर लुटेरों की शैतानी करतूतें सब समझते हैं ,.बाकी सबको देर सबेर समझ आ जायेगी ,… हमको समझना है कि हम धर्मनिरपेक्षता के नाम पर अपना नाश ही करवाते हैं ,…..अंग्रेजों ने हमारे बीच फूट डालकर अत्याचारी राज किया ,..और खुद निरपेक्ष होने का नाटक कर लूटते रहे ,…उधर ईसाई प्रचारकों ने सेवा की आड़ में ईसाइयत का धंधा चलाया,.. आज तक बेरोकटोक चल रहा है ,. धर्मनिरपेक्षता का मकसद हिंदुत्व और हिन्दुस्तान को खतम करना है ,.इसी से देश के टुकड़े हुए हैं ,..इसी साजिश से कश्मीर हमारा नासूर बना ,..हजारों कश्मीरियो के मरने कटने के बाद आज भी लाखों मासूम तम्बुओं के नरक में हैं ,.. कट्टरपंथी मुल्ले मौलवी दंगे कराकर ऐश करते हैं ,… हर शहर में आतंकियो के अड्डे हैं ,…इस्लामी ताकतें लव जेहाद के नाम पर भोली भाली बच्चियों को फंसाकर बच्चा मशीन बनाते हैं ,.. देश में दसिओं पाकिस्तान बनाने की साजिशें चल रही हैं ,..हमारी सभ्यता संस्कृति दांव पर है ,..अंग्रेजों के चाटुकार लुटेरे कांग्रेसी ई सब के सूत्रधार हैं ,.!!”…….भीखू चाचा रूक गए ,..मौका पाते ही आसरे काका ने अपनी भडास निकालनी शुरू की .

“…हमारे लाखों क्रान्तिकारिओं के बलिदानों के बाद भी देश गद्दारों के शिकंजे में फंस गया ,…लहूलुहान आजादी के नाम पर देश का बंटवारा और वही लुटेरी व्यवस्था हमको नसीब हुई,…कांग्रेस में भी तमाम देशभक्तों के होते हुए गद्दी गद्दार नेहरू को मिली ,.. उसने हमारा इतिहास पलटवा दिया,… महान शासकों और क्रांतिकारियों की जगह लुटेरों और कांग्रेस का गुणगान लिखवाया !….हम अपना स्वाभिमानी इतिहास भूलकर मुर्दा गुलाम जैसे हो गए ,…अब देश पर चौतरफा खतरा है ,..अंदर खानदानी सरकारें खा रही हैं ,. बाहरी दुश्मन घात लगाए बैठे हैं ,…हमारी जिम्मेदारी है कि हम उन खतरों से देश को बचाएं ,..और मजबूत इच्छाशक्ति वाले राष्ट्रभक्तों को बागडोर सौंपें ,.. जो लुटेरों से हमारा हक वसूलकर मजबूती से देश का नवनिर्माण करे ,.. आपसी दुराव धन सम्पदा की कमी से पनपता है ,..लूटा धन हमको मिलेगा तो धरम भी बढ़ेगा ,.स्वदेशी व्यवस्था से हम आत्मनिर्भर और संपन्न होंगे ,…धरम के राह चलकर ही भारत का गौरव वापस ला सकते हैं ,…द्रोहिओं पर लगाम लगाकर सबको मान देने का जज्बा हिन्दुत्व में है ,…..जरूरत के हिसाब से सबको बदलना होता है ,. इस्लामी ताकतें बेमतलब हिन्दुस्तान के खिलाफ हैं ,….अमेरिका उनको कहीं का नहीं छोड़ेगा ,……इस्लाम आबादी बढाने का सबसे ज्यादा जिम्मेदार है ,..उन ठेकेदारों को चाहिए कि अपनी सोच बदलें ,…गाय माता कुदरत और इंसान खातिर पूजनीय है ,.सब उसका सम्मान करें नहीं तो कुदरत उनको पूरा लील लेगी ,….फालतू अकड़ छोडकर कुदरती हिंदुत्व अपनाने में ही सबका भला है ,..साफ़ मन से पूजा के सब तरीके ठीक हैं ,..लेकिन किसी को चिढ़ाकर बर्बादी ही मिलेगी !….”……..

“…..तुम लोग कम पाखंडी हो का ! ,…सबकी कमियां देख भविष्यवाणी करते हो ,..कुछ अपनी भी देखो !!…खुदै भरमित हो ,.कभी कहते हो पकिस्तान और मुसलमान हमारे भाई हैं ,.तो कभी इंसानियत का दुश्मन बताते हो ,पल में तोला पल में माशा !…..और जिस हिंदुत्व के गुणगान करते हो ऊ भी टुकड़ों में है !..लालच और ईर्ष्या में सब भुने जा रहे हो ,… तुम लोग केवल नौटंकीबाज हो !!… ..”…… वकील बाबू के तीखे तंज के बावजूद भीखू चाचा सहजता से बोले .

“..वकील बाबू ,…..मुसीबत के अम्बार में पूरी दुनिया भरमित हैं ,…..हम मूरख लोग दोनों बातें कहते हैं,…..सब इंसान भाई हैं ,..इंसानियत का रिश्ता खतम नहीं हो सकता ,…इतिहास बदल सकता है भूगोल नहीं ,.सबको इसी दुनिया में रहना है ,… प्रकृति की शरण में गए बिना इंसानियत नहीं बचेगी ,… हिंदुत्व ही सबको लेकर आगे चल सकता है ,..यही आख़िरी रास्ता होगा ,….वैदिक ज्ञान ही सबको बचायेगा ,….हम इंसानियत के पुजारी और लुटेरी सोच के विरोधी हैं ,..ऊ चाहे इंसान की हो ,कौनो पार्टी की हो ,. देश की हो या कौनो धरम की ,..हम सबसे लड़ेंगे ……. हमने किसी देश धरम को कब्जाने की कोशिश नहीं की है ,.जिन धर्मों का हमसे उदय हुआ ,.नतमस्तक होकर सबका सम्मान किया है ,..हम भगवान महावीर ,बुद्ध और महान गुरुओं की पूजा वंदना करते हैं ,..पीरों फकीरों को सजदा करते हैं ,…. हमारा वैर मुसलमानों से कतई नहीं है ,..वैर तालिबानी सोच से है ,… अब संकट देश के अस्तित्व और इंसानियत पर है ,….इस्लाम अरब देशो खातिर तब बिलकुल ठीक था ,.जब कबीलाई लोगों का मरना मारना ही काम था तो,…औरतों का पर्दा , तमाम शादियाँ, तीन तलाक ,.कुर्बानी सब ठीक था ,..पैगम्बर साहब की अच्छी शिक्षाओं का हम सम्मान करते हैं ,…लेकिन धर्म के बहाने दुनिया पर राज करने की सोच उनको मिटा देगी ,..इसी सामंती सोच से पूरी दुनिया में मारकाट होती है ,.. अपने साथ दूसरों खातिर भी सोचेंगे तभी ईश्वर और उनकी दया मिलेगी ,…..जेहाद के जहन्नुम से बर्बादी के अलावा न कुछ मिला है न मिलेगा ,….अब इस्लाम और सब धर्मों को अपनी बुराइयां दूरकर अच्छाई बढ़ाना चाहिए ,.मानवता के सामने बहुत बड़े खतरे हैं ,…दुनिया के धर्मगुरुओं को सबको अमन, ईमान के रास्ते पर चलाना चाहिए ,….हिन्दुस्तान में अत्याचारी लुटेरों से लड़ने मरने में सब साथ थे ,..अब शहीदों की आत्माओं को रोता बिलखता छोडकर गद्दार लुटेरों का साथ देना अधर्म है ,..इन चोरों की वजह से हिन्दुस्तानी बच्चे भूखे नंगे हैं ,…महान, संपन्न भारत कंगाल है ,..इंसानियत रोती है ,.. इंसानियत और देश खातिर तालिबानी सोच बदलनी पड़ेगी ……हमको अपनी कमियां भी दिखती हैं ,..तमाम देख चुके हैं ,…कोई इंसान सौ फीसदी कोई सच्चा नहीं होता ,.हम नब्बे से ज्यादा ठीक हैं .. लुटेरों की साजिशें भी बाकी दस की जिम्मेदार हैं,… लेकिन ठीक तो हमको ही करना होगा ,.. विश्वगुरु बनकर विश्वशान्ति का हमारा सपना एकदिन जरूर पूरा होगा ,.. टुकड़े ही जुडकर महल बनाते हैं ,..शान्ति खातिर युद्ध जरूरी है तो लड़ेंगे ,..अब हथियार वोट होगा और हम जीतेंगे ,..हम राक्षसी लुटेरों से धन धरम दोनों बचायेंगे ,..देश की कमान संकल्पित राष्ट्रभक्त को ही देंगे ,..और पाकिस्तान बनाने खातिर दोगले धर्मनिरपेक्ष को नहीं !!….रहमान भाई जैसे सच्चे देशभक्तों के होते कौनो चिंता नहीं है ,.सच्चे राष्ट्रभक्तों की एकजुटता खातिर हम नौटंकी करते रहेंगे …”….

भीखू की भावुक दलीलों पर वकील साहब ने मुस्कराकर फिर तंज कसा ……”.चाचा अपना घर भी तो दुरुस्त करो !.”…क्रमशः

वन्देमातरम

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