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मूरखमंच…….गद्दारों का काम तमाम, जाग उठा है हिन्दुस्तान !!

हमार देश
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आदरणीय मित्रों ,बहनों एवं गुरुजनों ,.सादर प्रणाम ………सबसे बड़े लोकतंत्र के मुंह पर काली स्याही देखकर देश की तरह मूरखमंच पर भी लावा फूट रहा है ,…तो आइये बिना समय गंवाए सीधा चलते हैं मंच पर ….
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ठण्ड का रौद्र रूप जारी है ,..गरीबों के पास आग के अलावा और कोई साधन नहीं है ,..रोजमर्रा का जीवन इसीके इर्दगिर्द चलता है …..मूरखमंच भी आग के चारों तरफ जमा है ,…
अखबार घूमफिर कर एक जगह टिक गए हैं ,…एक अजीब सी कसमसाहट सबके चेहरों पर नजर आ रही है ,…

“..काका ,.आखिर ई लोग का चाहते हैं ?…. बार बार बाबा को काहे जलील करते हैं ?…”………..रहमान भाई ने मौन तोडा ..
“..अरे डर गए हैं सब ! ,..इन गद्दारन की चाहत है कि, चाहे देश लुटता रहे !..गरीब मरता रहे !…गाँव बर्बाद होता रहे ….लेकिन ये मौज के साथ खाते पचाते हुए ऐश करते रहें !!…कोई आवाज न उठाये,…ऊ का कहते हैं,… इनके रंग में भंग ना पड़े बस! ..देश तो है ही कूड़ेदान में !..”…..कहकर आसरे काका ने आग को फूंक मार और तेज किया .
“..अरे बेपरवाह रहो सबलोग !..इनकी कमीनी हरकतों से कुछ नहीं बिगड़ेगा !…बाबा की निगाह केवल मंजिल पर है ,…इनके पापो का घड़ा लबालब भर चुका है,..बस फूटना बाकी है !…अब देश को रोकने की ताकत कौनो माई के लाल में नहीं है !..”……..नन्हे ने जोश में खड़े होते हुए हुंकार भरी .
“..ऐसा है रहमान भाई ,..जब कौनो जोर नहीं चला तो हिन्दू मुसलमान का पत्ता फेंका है ,..का पता आखिरी दांव लग जाय !!..” ……..चंद्रिका की बात से पहली बार सब लोग सहमत दिखे .
“..चंदिरका उनका दांव अब सपना ही रहेगा !.. का मुसलमानों के पास दिमाग नहीं है ?…अब हमको तोते की तरह नहीं रटा सकते हैं,…कब तक हमको डरा-धमका कर अपना उल्लू सीधा कर सकते हैं ,….नयी पीढ़ी बहुतै होशियार है !….सबको ठीक से तालीम मिलती तो हम काहे पीछे रहते ?..”…….रहमान भाई ने एक प्रश्न के साथ चन्द्रिका को निपटाया ..
“…अरे दिया भी बुझने से पहले फडफडाता है ,..भाई लोग बेचैन होंगे कि एक सन्यासी ने देश को कैसे जगा दिया !!…अब अंग्रेजन की मानस औलादों को एक जहाज बुक करके उड़ जाना चाहिए, इसी में उनकी भलाई है !!..”…….भीखू चाचा ने जेब से खैनी निकलते हुए ताल ठोंकी .
“…सही कह रहे हो चाचा !….बेचैनी में इंसान पगला जाता है ,..देखो बेचारों ने का का नहीं किया !,..पहले बाबा को ख़तम करने का इंतजाम किया था !..लेकिन भविष्य को कौन मार सका है !….उधर अन्नाजी ठहरे सीधे सादे आदमी, उनको तो मजे में निपटा दिया,.. अखबार और टेलीविजन सब कब्जे में किया,.लेकिन देश फ़िरौ खड़ा हो गया …ऊ तो अच्छा है कि दिल्ली में दवाई पानी आराम से मिलती है ,..गाँव में होते तो अबतक ससुरों को नीम के पेड़ से बांधना पड़ता !..”……..पुल्लू की शातिर मासूमियत पर सब ठहाका लगाकर हंस पड़े..
“……खानदानी लुटेरन से देश की रक्षा और वसूली के लिए सब देशभगत एकसाथ खड़े हैं,. तो चोर लोग जबरदस्ती मुसकाय के फोटो कैसे खिंचवाते हैं ?..”……..मिलन ने एक अखबारी फोटो को इशारा करते हुए पूछा .
“……तकलीफ में हँसना बड़ी मेहनत का काम है, और एक कला है ,..ऊ काम पागलन के अलावा केवल खाऊ नेता और वेश्या ही कर सकते हैं…”…………नन्हे के तडके से सब फिर से हंसने लगे .
“…..देखो भाई !….बाबा जी ने सोते और लुटते देश को जगाया है ….. अब हमारी गरीबी मिटेगी और देश का गौरव बढेगा ,…. सब लोगों को बिना कुछ सोचे विचारे पूरी ताकत से आन्दोलन में कूदकर ई महायज्ञ में अपनी आहुति डालनी चाहिए,..नहीं तो कल को रोयेंगे कि देश के बदलाव में हम फिसड्डी रह गए !. …ई चर्चा-वर्चा से हमको कुछ नहीं मिलेगा ,..हमने अन्नाजी को भी चिट्ठी लिखी थी ,..बिना भेजे हम जानते हैं कि वो हमारे साथ हैं ,..उनको फिर से हमारा राम राम ,..अब हम सब लोग एकजुट होकर अहंकार में अंधे लुटेरों को उनकी औकात दिखायेंगे !..”………हमेशा की तरह आसरे काका बात पूरी करते करते तैश में आ गए ..
“…..अब आएगा मजा !..जब होगा ता ता थैय्या !….समय आ गया है कि तानाशाहों को मिटटी में मिलाकर हम अपना भी नाम रोशन करेंगे !,..अपने बच्चों को स्वाभिमान की कहानी सुनायेंगे !….कुछ फारम-वारम भरना होगा का ?…”………उत्साह से लबरेज चन्द्रिका ने अपने बच्चों का भी मानसिक दर्शन कर लिया .
“..ई चंदिरका कभी नहीं सुधरेगा !…..लुगाई का कहीं अता-पता नहीं !…बच्चों को कहानी सुनाने लगा है ,..!!…”……….पुल्लू ने चन्द्रिका की पीठ पर धौल जमाते हुए व्यंग्य किया . .
“..चाचा अब तुम भी खड़े हो जाओ !…बहुत टाइम हो गया है ,.जाकर चारा -पानी भी करना है !..”…………मिलन ने हाथ से ईशारा करते हुए भीखू चाचा से कहा ,…तो भीखू चाचा भी मुस्कराने लगे और फटाफट भाषण की मुद्रा में आ गए ,..
.“…भाईओं देश के स्वाभिमान की लड़ाई हम सबकी है ,..पानी हमारे सिर के ऊपर से गुजर रहा है ,..अगर अब चूके तो चुके ही समझो !…समय आ गया है कि हम पूरी तरह से इन खानदानी हुक्मरानों और अंग्रेजों की मानस औलादों को उखाड़ फेंकें ! ,..तभी हमारे हजारों लाखों शहीदों की आत्मा को भी चैन मिलेगा !…. हम सब इस लड़ाई में बाबा के पीछे खड़े हैं और इस देश के शाही लुटेरों को सबक सिखाकर ही दम लेंगे ,… हमारे नौजवानों में वो ताकत है जिससे हम हिंदुस्तान की तस्वीर बदल देंगे !………..है कि नहीं !!!…”….भीखू चाचा जोर से दहाड़े !!....प्रतिउत्तर में दुगुने जोश से सबने मुट्ठी लहराकर हुंकार भरी ,….
रहमान भाई ने नारा लगाया ,.”जाग उठा है हिन्दुस्तान !…” सब एक स्वर में जोश से गरजे … “..गद्दारों का काम तमाम !”….अलाव की आग ठंडी हो रही थी लेकिन दिलों में भरा लावा उफान मारने लगा .
भीखू चाचा अभी भी भाषण की मुद्रा छोड़ने को तैयार नहीं हुए ,..बोले …”….याद रखो सब लोग !..हमारी गरीबी और लाचारी के जिम्मेदार यही लोग हैं ,..जितना पैसा विदेशों में जमा किया है अगर वो हमारे काम आता तो हमें हरकदम पर अपना सम्मान नहीं खोना पड़ता ,….अब इनसे पूरा हिसाब चुकता करने का मौका मिला है,.. किसी को भी चूकना नहीं है ,..सब लोग पूरा तैयार रहो ! ,..जब, जहाँ ,जैसे मौका मिले इन आदमखोरों को दिखा दो भारतमाता के लालों की असीम ताकत !…” ..
“..हम तैयार हैं !!..”….फिर से सबने मुट्ठी हवा में लहराई ..
पुल्लू गरजा ,.”बोलो,.. भारत माता की जय !..”…..सब जोश में आनंदित होकर नारे लगाने लगे !…वन्देमातरम !,.भारत माता की जय ! के नारों से गाँव का आसमान गूँज उठा ,..यह गूँज फैलती गयी,.. और फैलती ही गयी,…..वन्देमातरम

संतोष कुमार

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