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इंडिया गेट से लेकर गाँव की चौपाल तक ,…सेठ नकदी लाल से लेकर निरीह गरीब दास तक ,….आमिर खान से लेकर राखी सावंत तक ,….इन्टरनेट से लेकर पारंपरिक समाचारी नाई की दूकान तक …..सब जश्न में डूबे हैं ,.… आखिर हो भी क्यों ना ?… त्याग और मेहनत के फल के बाद जश्न तो बनता ही है भाई ,……….वो बात अलग है कि कुछ लोग नाचते – नाचते पूछ रहे है कि ,..पेट्रोल किस दिन से सस्ता हो रहा है ?
चैनलों पर कल तक तर्क कुतर्क करते कई बुद्धिजीवी भीड़ में गायब हो गए हैं ,…….नेताजी लोग अपनी अपनी बचाने की चिंता में ग़मगीन हैं ,………….कुछ लोग जश्न पर सवाल भी उठा रहे हैं ,..सवाल भी जायज बनता है ,.. इस जश्न में शामिल आधे लोगों को यही नहीं पता कि मिला क्या है ??
…….ऐसे ऐतिहासिक माहौल में नेता जी का चरणोदक पान करने वाले उनके चमचों की इमरजेंसी मीटिंग होनी भी लाजमी है ………………………….
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शहर के एक होटल के हालनुमा कमरे में नेता टाइप के लोग जमा हैं ,…एक कोने में टेलीविजन मौन रहकर खबरें दिखा रहा है ….आपस में खुसर पुसर चालू है ,…सब लोग बिकराल दादा का इंतज़ार कर रहे हैं ,…. बिकराल दादा नेताजी के सबसे ख़ास चम्मच हैं ,..सब लोग उनको बेहिचक चम्मचराज मानते हैं ,………थोड़े इंतज़ार के बाद उनका आगमन होता है ,.. नाम से कमतर कद काठी के बिकराल दादा से ज्यादा विकराल तो उनके बाडीगार्ड हैं ,………
अन्दर आते ही गरजे ,……..….काहे बुलाया सबको ???
और यह क्या, कोई इंतजाम नहीं किया ???
क्या दादा ,…हमारी जान पर बनी है ,…आप इंतजाम की बात करते हो ??? एक अफसर टाइप बंदा बोला
अरे का हुआ ,..काहे धड़कन बढ़ी है सबकी ?? दादा ने सहलाते हुए पूछा …
दादा लगता है जनता सचमुच जाग गयी ,..एकजुट हो गयी है … लोग ईमानदार होने लगे हैं ,…कुछ तो कसमें भी खा रहे हैं ,.. अब हमारा क्या होगा ?? अफसर टाइप वाले ने अपनी समस्या स्पष्ट की .
क्या सब लोग इसी टेंशन में हो ??………दादा ने ताली बजाते हुए फिर पूछा
………………………सबकी मौन स्वीकृति देख बिकराल दादा ने एक लम्बी सांस भरी ……फिर भाषण देने के अंदाज में बोले …….
सबकी चिंता बिलकुल नाजायज है ,….जनता को कुछ नहीं मिलने वाला है ,..और यदि मिल भी गया तो भी …हम लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला ,..अब हमारे नेता जी कोई गधे तो हैं नहीं ,..तीन -चार तो प्राइवेट ज्योतिषी हैं उनके पास,.. वो भी गोल्ड मेडलिस्ट ,……. अरे हर समस्या का १००% समाधान होता है उनके पास ,…बिलकुल परवाह ना करो अपने धंधे पर ध्यान दो ,……वसूली बहुत कम हो गयी .. दादा ने एक चिंता के साथ अपनी बात ख़तम की ……..
लेकिन दादा बिना रिश्वत के कैसे काम चलेगा ??…… एक ने अंतिम शब्दों पर जोर डालते हुए फिर पूछा
अरे भाई ,.. कहते है ६०% ही बंद होगी ,..तो इसका मतलब है ४०% लोग देंगे ,..तुम अपना रेट तिगुना कर दो बना १२०% ,….इस हिसाब से २०% का फायदा ही है ना ….सभी बिकराल दादा के गणित ज्ञान से आश्चर्यचकित हो गए,…एक उत्साही चमचा नारा लगाने लगा ,…..दादा ने उसे घूरते हुए रोका ,…………………..
लेकिन नेताजी का भविष्य क्या होगा ?………. एक बुद्धिजीवी टाइप के चमचे ने फिर सवाल दागा
अबे उसकी चिंता तुम काहे करते हो ,..कहा ना बड़े- बड़े लोग लगे हैं,….. कोई न कोई रास्ता निकाल लेंगे ….….दादा ने फिर पुचकारा
लेकिन यदि भगवान ही उनके खिलाफ हो गया तो ??…... एक पंडित टाइप के चमचे ने सर खुजाते हुए पूछा
सभा में सन्नाटा छा गया …………………………………..फिर चम्मचराज ने दार्शनिक की तरह हाथ उठाते हुए प्रवचन शुरू किया ……….
……...भाई लोग यह बात सच है कि अब अपने धंधे में भी मंदी आ सकती है ,…लेकिन चिंता करने से क्या होगा ,….हम भी अपनी सोसाइटी बनायेंगे ,…जब जनता एकजुट हो सकती है तो हम क्यों नहीं ,………..अरे करने को तो हम कुछ भी कर सकते हैं ,..किसी को भी मिनटों में निपटा सकते हैं ,..लेकिन आदेश तो मिले ,…वैसे भी जब टाइम उल्टा चले तो सबर रखना चाहिए ,..जल्दबाजी में नेताजी अपना उल्लू सीधा कर लेंगे ,.फसेंगे तो हम ना,…
……..मैं तो कहता हूँ कि ज्यादा गड़बड़ हुई तो हम भी अपना धंधा बदल लेंगे ,..दो चार NGO खोल लेंगे ,.अरे कुछ भी कर लेंगे यार …कोई कम कमाया है क्या ??? चार पीढ़िया बैठकर पी खा सकती हैं ... बिकराल दादा ने संतुष्टि दिखाते हुए बेबसी भी जाहिर कर दी ,…
चलो अब सवाल जबाब बंद करो और फटाफट पार्टी का इंतजाम करो ,..देश जश्न मना रहा है और हमारा गला सूख रहा है ,……दादा के आदेश देते ही चार चमचे दौड़कर इंतजाम करने लगे ,
अरे दरोगा वो रूपा कहाँ है ?..…..दादा ने हाल में किसी को खोजते हुए पूछा
सर ,.वो तो जश्न मनाने गुलाबी बाग़ गयी है ,..…दरोगा जी ने बिना वर्दी के सलाम ठोकते हुए जबाब दिया
अच्छा ….कमाल है ,….हमारे घर में भी फूट ??..चलो उसे फोन करके कह दो आते हुए कुछ अन्ना टोपिया ले आएगी
( बिकराल दादा सिगरेट सुलगाने लगे ,..चिंता उनके चेहरे से टपक रही थी,…..चम्मच चर्चा अब चम्मच पार्टी में तब्दील हो रही थी )
संतोष कुमार
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Disclaimer — यह कथा पूरी तरह से काल्पनिक है ,..किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति से इसका कोई सम्बन्ध नहीं है ..
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स्नेही पाठकों से विनती है कृपया चमचों को अपनी प्रतिक्रिया रुपी भावनाएं जरूर अर्पित करें ,.. …धन्यवाद
वन्देमातरम
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