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=========================================जय माया मैया जय हो जय माया मैया
ठेकेदार मनावत, जिन सबकी तू नैया.
जय हो जय माया मैया.
दागी मंत्री जेल भेज कर दियो सुरक्षा भारी.
आलीशान जेल का बंगला सुख सुविधा दियो सारी.
टीवी फोन और सुरा सुन्दरी मौज करो भैया.
जय हो जय माया मैया.
दियो नहीं जो जिला कलक्टर एसपी उचित कमीसन
सचिव तबादला करदो इनका मत खोजो परमिसन.
मुर्गा लाओ ऐसा जो उपजावे खूब रुपैया.
जय हो जय माया मैया.
दलित नाम पर चलित फलित यह कुर्सी ललित सुखारी.
गले करोडो का माला औ चाहिए कार सफारी.
ऐसा सुन्दर दलित मुखौटा दर्शन कर भैया
जय हो जय माया मैया
बीएचडब्लू जैसी वैकेंसी खूब और निकालो
भारी फीस लगाओ और फिर इसे रद्द कर डालो
बेरोजगारों की किस्मत में केवल आस लगैया
जय हो जय माया मैया
हर विभाग जो दो नंबर का पैसा नहीं कमाता
लापरवाह, निकम्मा अपराधी है वही कहाता.
चाहो पैसा और नौकरी तो अब चेतो भैया
जय हो जय माया मैया.
चाहे कितना योग्य, पढ़ा और कुशल बुद्धि का होवे.
यदि सवर्ण है अभ्यर्थी वह पीट के माथा रोवे.
पढ़ लिख कर क्या किया? दलित नहीं हुआ हाय! रे दैया
जय हो जय माया मैया.
अनपढ़, अल्पबुद्धि, जाहिल अरु कामचोर व्यभिचारी शासन देगा उसे नौकरी यह उसकी लाचारी
क्या वह भला करेगा जनता का मत सोचो भैया
बोलो जय माया मैया.
माया का फरमान सुनो हे धनिक वर्ग व्यवसायी.
सबको धन मन सदाचार से दलित बनाने आयी.
छोडो ऊंची सोच बनो अब नीची राह चलैया
जय हो जय माया मैया.
क्या बेटी बहनें अरु बीबी रौंदो इज्ज़त पाँव तले.
देखो बिन ब्याही मैं मस्ती मौज मेरी दिन रात चले.
बेबस लाचारों की भगवन पार लगाओ नैया
जय जय जय हो माया मैया.
मैं कलियुग अवतार परीक्षित से यह वर हूँ पायी.
न्याय. बुद्धि, सत, सदाचार और धर्म मिटाने आयी.
तन मन धन संकल्प लिया मैंने अब सारा पाप करैया.
जय हो जय माया मैया. ( यह मेरी नहीं बल्कि एक विद्वान राष्ट्रभक्त की रचना है ,..जो समाज को सही दिशा देने के लिए सदैव प्रयत्नशील हैं,.उनका हार्दिक आभार. …… बन्दे मातरम…….. )
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